नई दिल्ली: भारतीय बिजनेसवुमन वसुंधरा ओसवाल को यूगांडा की अदालत से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने उनके खिलाफ दर्ज सभी आरोप खारिज कर दिए हैं क्योंकि पूर्व कर्मचारी मुकेश मेनारिया द्वारा लगाए गए आरोपों के समर्थन में कोई भी ठोस सबूत नहीं पेश किया गया.
अदालत ने यह फैसला तब सुनाया जब मेनारिया खुद कई बार कोर्ट में पेश नहीं हुए और उनके पास अपने सनसनीखेज दावों को साबित करने के लिए कोई गवाह या दस्तावेज नहीं थे. कोर्ट ने माना कि यह पूरा मामला झूठा था और इसका मकसद सिर्फ वसुंधरा को परेशान करना था.
हालांकि, कोर्ट के फैसले के बाद भी मेनारिया अब दूसरे देशों में जाकर वही झूठ दोहराने की कोशिश कर रहे हैं. भारत और यूगांडा में मामला खत्म होने के बाद अब वे स्विट्ज़रलैंड में जाकर आरोप लगाने की कोशिश कर रहे हैं. वह यह दिखाना चाहते हैं कि स्विस कानून भारत से “ज्यादा ताकतवर” है, ताकि दबाव बनाकर किसी तरह पैसे वसूले जा सकें.
ओसवाल परिवार का कहना है कि यह सिर्फ कायरता नहीं, बल्कि भारत की न्याय व्यवस्था का अपमान है. मेनारिया जानबूझकर भारतीय कोर्ट से बच रहे हैं क्योंकि उन्हें भरोसा है कि वहां उनका झूठ नहीं चलेगा.
परिवार ने यह भी आरोप लगाया कि मेनारिया भारत में अपने पुराने कर्ज और कानूनी जिम्मेदारियों से बचने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक चाल चली है. वे झूठे केस बनाकर, कानूनी भ्रम फैलाकर और भ्रम की स्थिति का फायदा उठाकर पैसे ऐंठने की कोशिश कर रहे हैं.
ओसवाल परिवार के पास मेनारिया की इस साजिश से जुड़े कई सबूत मौजूद हैं, जिन्हें फिलहाल पूरी तरह से सार्वजनिक नहीं किया जा सकता. हालांकि, उन्होंने कुछ फोटो जारी किए हैं जिनमें साफ दिख रहा है कि मेनारिया को शानदार सुविधाएं दी गई थीं.
इतना ही नहीं, उन्हें 2 लाख डॉलर का पर्सनल लोन, 30,000 डॉलर की ज़मीन गिफ्ट में, हर महीने 3,000 डॉलर से ज्यादा सैलरी, फ्री रहने की सुविधा, फर्स्ट क्लास हवाई टिकट, 5-स्टार होटलों में स्टे और कई दूसरी सुविधाएं भी दी गई थीं.
ओसवाल परिवार के वकील ने कहा, “ये कोई नाराज़ कर्मचारी नहीं है, बल्कि एक इंटरनेशनल ब्लैकमेलर है, जो अलग-अलग देशों में जाकर कानून का गलत फायदा उठा रहा है.”
वसुंधरा ओसवाल को यूगांडा में कई हफ्तों तक हिरासत में रखा गया, जहां उन्हें खराब हालात में रहना पड़ा, लेकिन अब अदालत का फैसला साफ करता है कि उनके खिलाफ कोई सच्चा केस नहीं था.
ओसवाल के वकील ने कहा, “मेनारिया को कोर्ट में अपनी बात रखने का पूरा मौका मिला, लेकिन वह बार-बार पेश होने से भागते रहे. अब वे अलग-अलग देशों में वही झूठ दोहरा रहे हैं. उन्हें इंसाफ नहीं, पैसा चाहिए.”
अब ओसवाल परिवार भारत सहित कई देशों में कानूनी कार्रवाई शुरू कर चुका है ताकि मेनारिया और उसके साथियों को उनकी इस झूठी साजिश के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सके.