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Friday, 3 May, 2024
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मराठा आरक्षण आंदोलन और भीमा कोरेगांव हिंसा के दौरान दायर मामले वापस लेगी उद्धव सरकार

महाराष्ट्र सरकार में मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि भीमा कोरेगांव मामले में दायर 649 केस में से 348 केस वापस ले लिए गए हैं और मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान दर्ज 548 मामलों में से 460 मामलों को भी वापस लिए गए हैं.

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नई दिल्ली: महाराष्ट्र विधानसभा में प्रदेश के सभी स्कूलों में मराठी भाषा को अनिवार्य बनाने को लेकर बिल पारित हो गया.

महाराष्ट्र सरकार में मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि भीमा कोरेगांव मामले में दायर 649 केस में से 348 केस वापस ले लिए गए हैं और मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान दर्ज 548 मामलों में से 460 मामलों को भी वापस लिए गए हैं.

आरे विरोधियों के खिलाफ दर्ज मामले एक महीने में वापस लिये जायेंगे : पाटिल

महाराष्ट्र सरकार के मंत्री सातेज पाटिल ने गुरूवार को कहा कि आरे मेट्रो कार शेड के विरोध में प्रदर्शन करने वाले लोगों के खिलाफ दर्ज मामलों को एक महीने के भीतर वापस ले लिया जाएगा.

महाराष्ट्र के गृह राज्य मंत्री ने यहां कुछ प्रदर्शनकारियों के साथ मुलाकात के बाद यह बात कही.

पाटिल ने कहा, ‘मामलों को वापस लेने के लिए एक उचित प्रक्रिया है. मैंने उन लोगों से इस मुद्दे पर बातचीत की है. मैंने उन्हें आश्वस्त किया है कि महा विकास अघाड़ी की ओर से जो हमने वादा किया है उसे पूरा किया जाएगा.’ दक्षिण मुंबई स्थित विधानसभा भवन के बाहर उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘आने वाले महीनों में इन मामलों को वापस लिया जाएगा .’

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उन्होंने कहा, ‘पिछले साल अक्टूबर में हरित कार्यकर्ताओं समेत कुछ प्रदर्शनकारियों के विरोध करने के बाद उनके खिलाफ मुंबई पुलिस ने मामले दर्ज किये थे. ये प्रदर्शनकारी गोरेगांव के हरित क्षेत्र आरे में कार शेड के लिए पेड़ों की कटाई के विरोध में सड़कों पर उतरे थे.

शिवसेना की अगुवाई वाली महाराष्ट्र सरकार ने पिछले साल नवंबर में सत्ता संभालने के बाद मामले वापस लिये जाने की घोषणा की थी. ये मामले तब दर्ज किये गये थे जब वहां भाजपा सत्ता में थी.

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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