भोपाल: मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के बीच पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लखनऊ में आयोजित पर्यटन रोड शो के दौरान एक महत्वपूर्ण एमओयू पर हस्ताक्षर हुए. मध्यप्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने इस मौके पर कहा कि राज्य में पर्यटन क्रांति से विकास और रोजगार के नए अवसर खुलेंगे.
टूरिज्म रोड शो में दोनों राज्यों के पर्यटन व्यवसायियों, टूर ऑपरेटर्स और होटल इंडस्ट्री से जुड़े हितधारकों ने हिस्सा लिया. उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा, “औद्योगिक, हरित और पर्यटन—इन तीन क्रांतियों के समन्वय से समग्र विकास संभव है, और मध्यप्रदेश-उत्तरप्रदेश दोनों इसके लिए उपयुक्त भूमि हैं.”
मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड के प्रमुख सचिव शिवशेखर शुक्ला ने बताया कि प्रस्तावित गंगा-नर्मदा पर्यटन कॉरिडोर प्रयागराज, अयोध्या, वाराणसी से लेकर ओंकारेश्वर और महाकालेश्वर तक धार्मिक, सांस्कृतिक और विरासत स्थलों को जोड़ने का काम करेगा. यह परियोजना दोनों राज्यों के बीच धार्मिक पर्यटन को नई दिशा देगी.
पर्यटन मंत्री धर्मेन्द्र लोधी ने राज्य की प्राकृतिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विविधताओं का परिचय देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश में पर्यटन अधोसंरचना का तीव्र विकास हो रहा है. उन्होंने निवेशकों को प्रदेश में पर्यटन व्यवसाय बढ़ाने का आमंत्रण दिया.
इस अवसर पर अभिनेता पंकज त्रिपाठी विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे. पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए श्रीराम पथ गमन, श्रीकृष्ण पाथेय और बुद्ध सर्किट पर रिसर्च और डेवलपमेंट के लिए दोनों राज्यों ने सहमति जताई.
रोड शो के दौरान उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश के ट्रैवल ऑपरेटर्स और होटल व्यवसायियों के बीच द्विपक्षीय संवाद सत्र हुआ, जिसमें व्यावसायिक संभावनाओं पर चर्चा की गई. यह संवाद राष्ट्रीय पर्यटन को समृद्ध करने की दिशा में एक प्रभावशाली कदम साबित हुआ.
लखनऊ, वाराणसी, आगरा, प्रयागराज जैसे उत्तरप्रदेश के शहर अब भोपाल, इंदौर, जबलपुर, खजुराहो और ग्वालियर से हवाई और रेलमार्गों के ज़रिए बेहतर तरीके से जुड़ गए हैं. मध्यप्रदेश के भीतर भी सड़क नेटवर्क को मजबूत किया गया है, जिससे प्रमुख पर्यटन स्थलों तक आसानी से पहुंचा जा सके.
यह रोड शो आगामी मध्यप्रदेश ट्रैवल मार्ट और रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव की तैयारियों का हिस्सा था.
