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Sunday, 17 November, 2024
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टॉप एजुकेशन बोर्ड CABE ने 2019 के बाद से नहीं की एक भी बैठक, Modi सरकार नहीं बताएगी इसका कारण

CABE की पिछली बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मसौदे पर चर्चा हुई थी और इसके बाद से एक भी बैठक आयोजित नहीं की गई. हालांकि, आगे के लिए भी कोई योजना नहीं है.

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नई दिल्ली: शिक्षा के बारे में नीतिगत फैसलों पर सरकार को सलाह देने वाली उच्च अधिकार प्राप्त समिति की सितंबर 2019 के बाद से एक भी बैठक नहीं हुई है. दिप्रिंट को जानकारी मिली है कि अगली बैठक की कोई तत्काल कोई योजना भी नहीं है.

केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड (CABE) शिक्षा से संबंधित मामलों के लिए फैसले लेने वाली सर्वोच्च संस्था है. इसके सदस्यों में केंद्रीय शिक्षा मंत्री, शिक्षा राज्य मंत्री, विभिन्न राज्यों के शिक्षा मंत्री और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) और राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) जैसे अन्य निकायों के प्रमुख शामिल हैं.

शिक्षा मंत्रालय के रिकॉर्ड के अनुसार, बोर्ड की सामान्य प्रथा हर साल एक बैठक आयोजित करने की रही है, जबकि बीते कुछ सालों से कोई बैठक नहीं हुई है. यह एक दशक में पहली बार है कि समिति ने तीन साल की अवधि में मुलाकात नहीं की है और भविष्य की बैठक के लिए तत्काल कोई योजना नहीं बनाई है.

2019 की बैठक भी डेढ़ साल से अधिक के अंतराल के बाद हुई थी. इस बैठक का मुख्य एजेंडा राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के मसौदे पर चर्चा करना था. नीति को लागू करने पर CABE की कोई बैठक नहीं हुई है.

मंत्रालय के सूत्रों ने 2020 और 2021 में समिति की बैठक नहीं होने का कारण कोविड का हवाला दिया. हालांकि, स्कूलों, कॉलेजों और अन्य शैक्षणिक विभाग पूरी तरह से सामान्य तरीके से शुरू हो जाने के बावजूद भी 2022 में कोई बैठक नहीं हुई.

दिप्रिंट ने शिक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता को एक इस बारे में जानकारी हासिल करने के मकसद से सवाल भेजे थे, लेकिन कोई जवाब नहीं आया. CABE को भंग कर दिया गया है या किसी अन्य निकाय में तब्दील कर दिया गया है, इस सवाल का भी कोई जवाब नहीं मिला. हालांकि, जवाब आने के बाद खबर को अपडेट कर दिया जाएगा.

मंत्रालय के एक सूत्र ने कहा कि भले ही CABE की बैठकें नहीं हुई हों, लेकिन नीतिगत मामलों पर चर्चा जारी है. सूत्र ने कहा कि मंत्रालय राज्यों और अन्य सरकारी विभागों के प्रतिनिधियों के साथ नियमित बैठकें करता है.

सूत्र ने कहा, ‘प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड (पीएबी) की बैठक नियमित होती है, जहां अधिकांश नीतिगत मामलों पर अलग-अलग राज्यों के साथ चर्चा की जाती है.’

सीएबीई बैठकों के विपरीत, जहां सभी राज्यों और अलग-अलग अंतर्संबंधित मंत्रालयों (जैसे महिला और बाल विकास और सामाजिक कल्याण मंत्रालय) के प्रतिनिधि एक साथ शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बातचीत करते हैं, पीएबी बैठक राज्यों और केंद्र के बीच आमने-सामने की बातचीत है.


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CABE की पिछली बैठकें

पिछली CABE बैठक की अध्यक्षता तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ने की थी. उन्होंने कहा था कि ‘सहकारी संघवाद की भावना में’ NEP के मसौदे पर चर्चा करने से केंद्र और राज्य सरकारों के बीच ‘स्वस्थ और समृद्ध’ संवाद को बढ़ावा मिलेगा.

बैठक के दौरान उच्च शिक्षा पर ऑल इंडिया सर्वे (एआईएसएचई) 2018-19 भी जारी किया गया था.

2018 की बैठक में चर्चा किए गए मुद्दों में ऑपरेशन डिजिटल बोर्ड के लॉन्च की तैयारी शामिल थी, जिसमें सरकारी कक्षाओं में स्मार्ट बोर्ड स्थापित किए जाने थे, क्षेत्रीय असमानताओं को दूर करना और उच्च शिक्षा संस्थानों की स्वायत्तता को ग्रेड करना था.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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