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Wednesday, 8 May, 2024
होमदेशअवैध इमिग्रेशन पर लगेगी रोक, हरियाणा लाएगा ट्रैवल एजेंट बिल — 10 साल जेल, दो लाख रुपये जुर्माना

अवैध इमिग्रेशन पर लगेगी रोक, हरियाणा लाएगा ट्रैवल एजेंट बिल — 10 साल जेल, दो लाख रुपये जुर्माना

हरियाणा ट्रैवल एजेंट पंजीकरण और विनियमन विधेयक के मसौदे को राज्य कैबिनेट ने मंजूरी दे दी, जिसे 20 फरवरी से शुरू होने वाले बजट सत्र में पेश किया जाएगा.

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गुरुग्राम: अवैध इमिग्रेशन के लिए लोगों को धोखा देने वाले ट्रैवल एजेंटों पर नज़र रखने के लिए हरियाणा सरकार 20 फरवरी से शुरू होने वाले विधानसभा के आगामी बजट सत्र में एक विधेयक पेश करेगी.

विधेयक के मसौदे — हरियाणा रजिस्ट्रेशन और ट्रैवल एजेंट का विनियमन विधेयक, 2024 — को राज्य कैबिनेट ने मंगलवार को मंजूरी दे दी.

विधेयक में ट्रैवल एजेंटों के अनिवार्य रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य किया गया है और मानव तस्करी के अपराध के लिए 10 साल तक की कैद, 2 से 5 लाख रुपये का जुर्माना और संपत्तियों की कुर्की की कड़ी सज़ा का प्रावधान किया गया है — फर्ज़ी दस्तावेज़ पर लोगों को विदेश भेजना भी शामिल है जिसे स्थानीय भाषा में ‘डंकी रूट’ कहा जाता है.

हाल ही में पिछले साल दिसंबर में हरियाणा से अवैध इमिग्रेशन तब सुर्खियों में आया जब फ्रांसीसी अधिकारियों ने निकारागुआ जाने वाली एक फ्लाइट को रोक दिया, जिसमें भारतीय थे जो कथित तौर पर ‘डंकी रूट’ के जरिए से अमेरिका पहुंचने की योजना बना रहे थे.

लोकप्रिय रूप से ‘कबूतरबाज़ी’ (धोखाधड़ी से लोगों को विदेश भेजने की प्रथा) कहा जाता है, इस शब्द ने तब लोकप्रियता हासिल की जब गायक दलेर मेहंदी पर अमेरिका में प्रवेश की सुविधा के लिए पैसे के बदले कई लोगों को धोखा देने का मामला दर्ज किया गया था. मार्च 2018 में मेहंदी को पटियाला अदालत ने दो साल की कैद की सज़ा सुनाई थी, लेकिन पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने सितंबर 2022 में जेल की सज़ा को निलंबित कर दिया.

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दिप्रिंट द्वारा संपर्क किए जाने पर हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने पुष्टि की कि कैबिनेट ने मसौदा विधेयक को अपनी मंजूरी दे दी है. उन्होंने दिप्रिंट को बताया, “अब, यह विधेयक राज्य विधानसभा द्वारा अपने बजट सत्र के दौरान पारित किया जाएगा और सरकार इसके कार्यान्वयन के लिए नियम बनाने के लिए आगे बढ़ेगी.”

विज ने बताया कि हर बार अंबाला में उनके जनता दरबार में उन्हें ट्रैवल एजेंटों द्वारा ठगे गए लोगों की कई शिकायतें मिलती हैं.

उन्होंने कहा, इनमें से अधिकतर मामलों में ट्रैवल एजेंट लोगों को अमेरिका या यूरोप भेजने के लिए 50 लाख रुपये तक लेते हैं, लेकिन वे अंततः कुछ अन्य देशों में परेशानी में पड़ जाते हैं क्योंकि एजेंट अवैध तरीकों का इस्तेमाल करते हैं.

विज ने हरियाणा में समस्या की गंभीरता के बारे में जानकारी देते हुए कहा, “जून 2020 में मैंने इमिग्रेशन धोखाधड़ी से निपटने के लिए तत्कालीन आईजी भारती अरोड़ा के तहत एक एसआईटी का गठन किया. बाद में, जब उन्होंने एक दिसंबर, 2021 को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के बाद नौकरी छोड़ दी, तो कार्यभार पंचकुला के पुलिस आयुक्त सिबास कबिराज को सौंप दिया गया. एसआईटी ने अब तक इमिग्रेशन धोखाधड़ी के 1,008 मामले दर्ज किए हैं और 662 लोगों को गिरफ्तार किया 4.75 करोड़ रुपये की राशि भी वसूल की गई है.”

कैबिनेट का फैसला

इससे पहले मंगलवार को हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने मीडियाकर्मियों को बताया कि यह विधेयक ट्रैवल एजेंट का पेशा अपनाने के इच्छुक लोगों के लिए रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य बनाता है.

विधेयक के प्रावधानों के तहत प्रमाण पत्र सौंपने से पहले आवेदकों और उनके दस्तावेज़ का पुलिस सत्यापन किया जाएगा. रजिस्ट्रेशन प्रमाणपत्र की वैधता तीन साल की होगी जिसके बाद ट्रैवल एजेंट को फिर से आवेदन करना होगा.

इसके अलावा नया कार्यालय या शाखा खोलने के लिए भी नया रजिस्ट्रेशन प्रमाणपत्र प्राप्त करने की ज़रूरत होगी.

मंत्री ने कहा कि अगर एजेंट आपराधिक गतिविधियों में लिप्त पाया जाता है या प्रमाणपत्र की शर्तों का उल्लंघन करता है या दिवालिया हो जाता है तो रजिस्ट्रेशन प्रमाणपत्र रद्द कर दिया जाएगा.

विधेयक में यह भी प्रावधान है कि अदालत ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ मामलों का फैसला करते समय उनकी अवैध रूप से अर्जित संपत्तियों को जब्त करने का आदेश भी दे सकती है.

पाल ने कहा, “हरियाणा सरकार लोगों को अवैध इमिग्रेशन घोटालों का शिकार होने से बचाने के लिए प्रतिबद्ध है. विधेयक का उद्देश्य ट्रैवल एजेंटों को विनियमित करने, इमिग्रेशन से संबंधित सेवाओं में पारदर्शिता, वैधता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए एक सक्रिय दृष्टिकोण है.”

हरियाणा अवैध इमिग्रेशन से जूझ रहा है

पिछले साल ही ऐसे कई प्रकरण सामने आए हैं जब हरियाणा के लोगों को विदेशी नौकरियों के अपने सपने को साकार करने के लिए संदिग्ध एजेंटों की मदद लेते पाया गया.

पिछले साल दिसंबर में, 303 यात्रियों को लेकर निकारागुआ जा रहे एक विमान को मानव तस्करी के आरोप में फ्रांस में रोक दिया गया था. विमान 26 दिसंबर को मुंबई लौट आया. भारत लौटने वालों में से 66 गुजरात से, 150 पंजाब से और 25 हरियाणा से थे.

इन लोगों को ‘डंकी रूट’ से निकारागुआ होते हुए अमेरिका भेजा जा रहा था.

सितंबर में पुलिस ने खुद को हरियाणा का मुख्य सचिव बताकर कई लोगों को विदेश भेजने का वादा कर 35 करोड़ रुपये ठगने वाले एक शख्स को गिरफ्तार किया था.

इसी तरह, हरियाणा और पंजाब के 18 लोगों को, जिन्हें इटली में प्रवेश का आश्वासन दिया गया था, फरवरी में बेईमान एजेंटों द्वारा लीबिया भेज दिया गया. ट्रैवल एजेंट मदन लाल ने कथित तौर पर प्रत्येक परिवार से 30 लाख से 35 लाख रुपये वसूले थे. लीबिया में उनके कपड़े उतार दिए गए, आंखों पर पट्टी बांध दी गई और उनके पासपोर्ट छीनकर उन्हें उनके आकाओं को बेच दिया गया.

हरियाणा के एक युवक की लीबिया में रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हो गई. नए पासपोर्ट प्राप्त करने और भारत वापस लाने से पहले अन्य लोगों ने लीबिया की त्रिपोली जेल में 3 महीने बिताए.

पिछले साल मई में, ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त बैरी ओ’फेरेल ने कहा था कि फर्जी आवेदनों में वृद्धि ने ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालयों को पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, साथ ही जम्मू और कश्मीर के आवेदकों को प्रतिबंधित करने के लिए मजबूर किया था.

(संपादन : फाल्गुनी शर्मा)

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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