नई दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन को गुरुवार सुबह कार्यवाही के दौरान “अपमानजनक कदाचार” और “सभापति की अवज्ञा” करने के लिए संसद के शेष शीतकालीन सत्र में भाग लेने से निलंबित कर दिया गया है.
शीतकालीन सत्र 22 दिसंबर तक चलने वाला है. संसद के उच्च सदन ने तृणमूल सदस्य के निलंबन के लिए एक प्रस्ताव अपनाया है.
ओ ब्रायन ने सुरक्षा उल्लंघन की घटना पर चर्चा की मांग की थी, जिसमें दो व्यक्ति दर्शक दीर्घा से लोकसभा में कूद गए थे और संसद के अंदर पीले रंग का धुआं छोड़ दिया था.
Rajya Sabha adopts motion for suspension of TMC MP Derek O' Brien for the remainder part of the winter session for "ignoble misconduct" pic.twitter.com/A3MVk0Top9
— ANI (@ANI) December 14, 2023
इसके तुरंत बाद, राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने तृणमूल सांसद का नाम लिया और उन्हें सदन छोड़ने के लिए कहा गया. सभापति की चेतावनी के बावजूद, ओ’ब्रायन और कुछ अन्य विपक्षी सदस्यों ने विरोध जारी रखा और मांग की कि कल की सुरक्षा उल्लंघन की घटना पर जवाब देने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सदन में उपस्थित रहें.
संसद के बाहर बोलते हुए तृणमूल सांसद डोला सेन ने भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की, जिन्होंने कथित तौर पर आरोपी मनोरंजन को संसद के लिए विजिटर पास दिलाने में मदद की थी.
डोला सेन ने कहा, “आचार समिति इस पर चुप क्यों है? प्रताप सिम्हा जो भाजपा सांसद हैं, उन्हें निष्कासित क्यों नहीं किया जा रहा है. हम गंभीरता से जानना चाहते हैं कि अगर सांसदों की सुरक्षा से समझौता किया गया तो देश के लोगों का क्या होगा? गृह मंत्री ने इस पर बयान तक नहीं दिया. ”
इस बीच, लोकसभा सचिवालय ने सुरक्षा चूक को लेकर गुरुवार को आठ सुरक्षाकर्मियों को निलंबित कर दिया, जिसके कारण बुधवार को संसद में एक बड़ा सुरक्षा उल्लंघन हुआ. सुरक्षा उल्लंघन 2001 के संसद आतंकवादी हमले की बरसी पर हुआ.
‘मोदी मतलब मुश्किल’
सुरक्षा उल्लंघन को लेकर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के अंदर वरिष्ठ मंत्रियों के साथ बैठक भी की. जबकि विपक्षी नेता दोनों सदनों में बयान देने की मांग कर रहे हैं.
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने 13 दिसंबर को संसद सुरक्षा उल्लंघन की घटना पर कहा, “कल की घटना पूरे देश ने देखी…हर दिन देश की सुरक्षा, बिजली और विकास की बातें होती हैं…लेकिन अंदर ही अंदर सुरक्षा खोखली है. क्या इससे प्रधानमंत्री को कोई सरोकार नहीं है. लोग कहेंगे ‘मोदी मतलब मुश्किल है’.”
गुरुवार को संसद में सुरक्षा में भारी बदलाव देखा गया, जब बाहरी द्वारों पर तैनात सुरक्षाकर्मी परिसर में प्रवेश करने वालों की सूक्ष्म जांच करने के बावजूद जूते तक उतारने पर जोर दे रहे थे.
नया सुरक्षा सेट-अप हवाई अड्डे पर की जाने वाली जांच के समान है. अब मकर द्वार से केवल सांसदों को ही संसद भवन में प्रवेश की अनुमति दी जा रही है और भवन में प्रवेश करने वाले सभी व्यक्तियों की गहन जांच की जा रही है.
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