नई दिल्ली: दिप्रिंट को जानकारी मिली हैं कि निलंबित तमिलनाडु विशेष पुलिस बल के कर्मी, जो तिहाड़ जेल में तैनात थे और गैंगस्टर सुनील बालियान उर्फ टिल्लू ताजपुरिया की कथित हत्या के समय वहां मौजूद थे, वो ‘आपराधिक रूप से लापरवाह’ थे.
दिल्ली पुलिस के सूत्रों के अनुसार, सात निलंबित कर्मियों ने कहा कि वे ‘हस्तक्षेप नहीं करना चाहते’ क्योंकि उन्हें ठीक से जानकारी नहीं दी गई थी कि जेल परिसर के अंदर ऐसी स्थिति को कैसे संभाला जाए. सूत्रों ने कहा कि यह दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा तैयार की जा रही रिपोर्ट का हिस्सा है जो मामले की जांच कर रही है.
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक, ताजपुरिया पर चाकू के 100 से ज्यादा वार किए गए हैं. चार प्रतिद्वंद्वी गिरोह के सदस्यों द्वारा ताजपुरिया पर हमला किया गया था.
इस मामले को दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल को स्थानांतरित कर दिया गया है. ताजपुरिया और प्रिंस तेवतिया दोनों के तीन सप्ताह के भीतर मारे जाने के बाद तिहाड़ जेल की सुरक्षा व्यवस्था सवालों के घेरे में है.
2 मई के हत्या की सीसीटीवी फुटेज में देखा जा सकता हैं कि कैसे तमिलनाडु पुलिस ने दक्षिण एशिया के सबसे बड़े जेल परिसर के उच्च सुरक्षा वार्ड के अंदर आरोपी को चाकू मारने और पहले से ही गतिहीन ताजपुरिया पर हमला करते हुए देखा.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “इस घटना में तमिलनाडु पुलिस के कर्मियों ने आपराधिक लापरवाही की. उनके व्यवहार और तत्काल कार्रवाई की कमी के कारण कैदी की मौत हो गई थी.” उन्होंने आगे कहा कि यह कहते हुए कि पूरी घटना तीन से आठ मिनट के बीच हुई जिसके बाद ताजपुरिया को अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया. आरोपी को रोकने की कोशिश में तिहाड़ का एक कर्मचारी भी घायल हो गया था.
अधिकारी ने आगे कहा, आरोपियों को रोकने, हथियार छुड़ाने का कोई प्रयास नहीं किया गया. पूछे जाने पर तमिलनाडु के निलंबित पुलिसकर्मियों ने कहा कि वे वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश का इंतजार कर रहे थे. वे मूल रूप से तत्काल हस्तक्षेप नहीं करना चाहते थे और यह एक बड़ी चूक रही है.
एक अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया, “तिहाड़ के स्थानीय कर्मचारियों ने हस्तक्षेप करने की कोशिश की, लेकिन तमिलनाडु पुलिस से शायद ही कोई सहयोग मिला.”
तमिलनाडु पुलिस के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया, “हम इस मामले को देख रहे हैं. उन कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है और उन्हें पोस्टिंग से वापस बुला लिया गया है. साथ ही आंतरिक विभागीय जांच की जा रही है.”
‘आरोपी लंबे समय से कर रहे थे ताजपुरिया के मर्डर की प्लानिंग’
सूत्रों के मुताबिक, 2021 में रोहिणी कोर्ट के अंदर एक प्रतिद्वंद्वी गैंगस्टर जितेंद्र गोगी की गोली मारकर हत्या करने के बाद से आरोपी ताजपुरिया की हत्या की साजिश रच रहे थे. ताजपुरिया पर गोगी की हत्या का मास्टरमाइंड होने का संदेह था. गोगी की हत्या के बाद, गोल्डी बराड़ नामक कनाडा स्थित गैंगस्टर ने इस घटना की जिम्मेदारी ली थी. पहले सूत्र ने कहा, “बराड़ ने जिम्मेदारी ली थी लेकिन आरोपी- योगेश टोंडा, दीपक तीतर, राजेश सिंह और रियाज खान- लंबे समय से (ताजपुरिया को मारने की) योजना बना रहे थे.”
जांच में सामने आया कि आरोपी व्यक्तियों ने मौके का फायदा उठाया जब ताजपुरिया को उसकी मौत से करीब 10 दिन पहले मंडोली जेल से जेल नंबर 8 तिहाड़ में शिफ्ट किया गया था. इसके बाद से आरोपी ने देशी हथियार बनाना शुरू कर दिया था. सूत्रों ने यह भी खुलासा किया कि ताजपुरिया ने कई मौकों पर जेल अधिकारियों से ‘अपने जान के खतरे’ की बात कही थी, लेकिन उसकी बात को अनसुना कर दिया गया था.
इस बीच, तिहाड़ के महानिदेशक संजय बेनीवाल ने तमिलनाडु पुलिस को पत्र लिखकर निलंबित कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा है और उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित की गई है.
तिहाड़ में करीब 1500 तमिलनाडु पुलिस के जवान तैनात हैं.
(संपादन: अलमिना खातून)
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