नई दिल्लीः सेना के लिए हाल ही में लॉन्च किए गए अग्निपथ स्कीम को खत्म किए जाने की मांग के बीच सेना के वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को स्पष्ट किया कि यह एकमात्र तरीका है जिससे देश को युवा बनाया जा सकता है और यह एकमात्र प्रोग्रेसिव तरीका है जिससे देश को युवा बनाया जा सकता है.
इंडियन नेवी और एयर फोर्स के साथ एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी, एडिशनल सेक्रेटरी डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स ने कहा कि इसे वापस नहीं लिया जाएगा. देश को युवा बनाने का यह एकमात्र तरीका है. और इसे युवा बनाने की जरूरत क्या है. क्योंकि स्वास्थ्य देश की सुरक्षा के साथ समझौता करता है. मैं आपको एक उदाहरण देता हूं. क्या आपको पता है कि स्वास्थ्यगत कारणों से कितनी मौतें होती हैं. क्या आप इसके बारे में पढ़ते हैं, फिर आप जान पाएंगे कि नौजवान लोगों की क्या जरूरत है.
अधिकारी ने यह घोषणा तब की है जब देश के तमाम क्षेत्रों में पत्थरबाजी और ट्रेनों को जलाने जैसी घटनाओं हिंसक घटनाएं हुई हैं.
आगे अधिकारी ने कहा कि जो लोग भी सेना को ज्वाइन करना चाहते हैं उन्हें इस बात का सर्टिफिकेट देना पड़ेगा कि वे इस विरोध प्रदर्शन का हिस्सा नहीं थे. इसका 100 प्रतिशत पुलिस वेरीफिकेशन करवाया जाएगा.
उन्होंने कहा कि भारतीय सेना की नींव अनुशासन है. इसमें गाड़ियों को आग लगाना और हिंसक घटनाओं का कोई स्थान नहीं है. हर एक को सर्टिफिकेट देना होगा कि वे इस विरोध प्रदर्शन का हिस्सा नहीं थे. इसके लिए 100 फीसदी पुलिस वेरीफिकेशन करवाया जाएगा. इसके बिना कोई भी सेना को ज्वाइन नहीं कर सकेगा.
जिन किसी के भी खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई होगी वे सेना को ज्वाइन नहीं कर सकेंगे. लेफ्टिनेंट जनरल पुरी ने कहा, ‘अगर उनके खिलाफ किसी भी तरह का एफआईआर दर्ज किया गया होगा, वे सेना को ज्वाइन नहीं कर पाएंगे.’
उन्होंने कहा कि, ‘हमने इस तरह के विरोध प्रदर्शन के बारे में अनुमान नहीं लगाया था और आर्म्ड फोर्सेज में किसी तरह के अनुशासन की कमी को भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सभी कैंडीडेट्स को लिखित में देना होगा कि उन्होंने किसी तरह की हिंसक गतिविधि में या आगजनी में हिस्सा नहीं लिया है.’
अधिकारी ने यह भी कहा कि सेना 46 हजार भर्ती के साथ इस स्कीम पर विचार करेगी. आगामी 4-5 सालों में इसे 50-60 हजार तक बढ़ा दिया जाएगा और बाद में इसे बढ़ाकर 90 हजार और फिर सवा लाख तक कर दिया जाएगा.
अधिकारी ने यह भी कहा कि अगर कोई अग्निवीर देश की सेवा में अपनी जान गंवा देता है तो उसके परिवार वालों को एक करोड़ रुपये दिए जाएंगे.
अरुण पुरी ने कहा, ‘हम जोश और होश का संयोग चाहते हैं इसलिए हम आयु को घटाना चाहते हैं. मौजूदा समय में औसत आयु 32 साल है जिसे हम कारगिल रिव्यू कमेटी और अरुण सिंह कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक और घटाना चाहते हैं’
उन्होंने कहा कि अग्निवीरों को सियाचिन या अन्य एरिया की पोस्टिंग में वही भत्ते दिए जाएंगे जो रेग्युलर सैनिकों को दिए जाते हैं उनके साथ किसी भी तरह का भेदभाव नहीं किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि यह रिफॉर्म काफी लंबे समय से लंबित पड़ा था. हम रिफॉर्म के जरिए सेना को युवा और अनुभवी बनाना चाहते हैं. मौजूदा वक्त में काफी संख्या में जवान 30 साल की उम्र में हैं और अधिकारी पहले की तुलना में अब काफी देरी से कमांड पाते हैं.
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