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Friday, 22 November, 2024
होमदेश'उन्होंने मुझे फंसाया’- अंडमान की 25 वर्षीय युवती ने ‘आत्महत्या’ के वीडियो में DGP, तीन पुलिसकर्मियों को जिम्मेदार ठहराया

‘उन्होंने मुझे फंसाया’- अंडमान की 25 वर्षीय युवती ने ‘आत्महत्या’ के वीडियो में DGP, तीन पुलिसकर्मियों को जिम्मेदार ठहराया

पुलिस ने यह कहते हुए कि दक्षिण अंडमान के बंबूफ्लैट में रहने वाली दीपिका किशन द्वारा शूट किया गया वीडियो पुराना है, उस पर धोखाधड़ी और जालसाजी का आरोप लगाया है.

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नई दिल्ली: अंडमान और निकोबार की रहने वाली एक 25 वर्षीय युवती का वीडियो सामने आया है, जिसने गत 30 जुलाई को कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी. इस वीडियो में उसने केंद्र शासित प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी), तीन सब-इंस्पेक्टर और एक पत्रकार पर ‘उसे आपराधिक मामलों में फंसाने और प्रताड़ित करने’ का आरोप लगाया है.

दक्षिण अंडमान जिले के बंबूफ्लैट निवासी दीपिका किशन ने कथित तौर पर फांसी लगाने से पहले शूट किए गए इस वीडियो में आरोप लगाया कि डीजीपी सत्येंद्र गर्ग, तीन सब-इंस्पेक्टर- मासूमा, सतवीर, और रामा कृष्ण- और पत्रकार रूपा लाल ने ‘उसकी जिंदगी हराम कर दी थी.’

इस वीडियो, जो दिप्रिंट के पास उपलब्ध है, में उसने आरोप लगाया, ‘मैं सिर्फ 25 साल की हूं और इस सबसे थक गई हूं. मैं अपनी जिंदगी खत्म कर रही हूं लेकिन नहीं चाहती कि कोई पुलिसकर्मी मुझे हाथ लगाए… राम कृष्ण, रूपा लाल, मासूमा, सतवीर और एक बड़े अधिकारी डीजीपी ने मुझे फोन किया और फंसा दिया.’

उसने आगे कहा, ‘मैं उन सबसे माफी मांगती हूं जिन्हें मैंने चोट पहुंचाई है; मैं बहुत से लोगों से जुड़ी रही हुई हूं लेकिन और किसी का नाम नहीं लेना चाहती. आज मैं जान दे रही हूं, मैंने इसके लिए जिम्मेदार लोगों का नाम लिया है. मुझे अपने परिवार को बचाना है… ये लोग मेरी जान के पीछे पड़े हैं और मैं अपनी जान ले रही हूं.’

हालांकि, अंडमान-निकोबार पुलिस का दावा है कि दीपिका ने ‘व्यक्तिगत कारणों’ से आत्महत्या की है.

पुलिस का दावा किया है कि दीपिका एक सब-इंस्पेक्टर पंकज कुमार राय, जिसके साथ वह कथित तौर पर रिलेशनशिप में थी, से इसलिए नाराज थी क्योंकि उसके कई अन्य अफेयर थे.

पुलिस की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, ‘अब तक की जांच से प्रथम दृष्टया यही पता चला है कि अंडमान एवं निकोबार पुलिस के एक सब-इंस्पेक्टर के साथ मृतका का प्रेम संबंध था. यह भी पता चला है कि इस एसआई का किसी अन्य महिला के साथ भी संबंध था. इसने मृतका को आशंकित कर दिया था.’ साथ ही जोड़ा गया है कि दीपिका ने दूसरी महिला पर ‘उसकी जिंदगी बर्बाद करने’ का आरोप लगाया था.

इस मामले में 3 अगस्त को दर्ज की गई प्राथमिकी में राय पर आईपीसी की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने) का आरोप लगाया गया है. पुलिस का कहना है कि राय फरार है और उसने अग्रिम जमानत के लिए सत्र अदालत का दरवाजा खटखटाया था जिसने उसकी अर्जी को खारिज कर दिया.

पुलिस के अनुसार, पहले 2015 में एएनआईआईएमएस (अंडमान और निकोबार द्वीप समूह आयुर्विज्ञान संस्थान) में एक स्कल्चर के तौर पर फिर 2020 में शिक्षा विभाग में एक प्रशिक्षक के रूप में सरकारी नौकरी पाने के लिए दीपिका ने कथित तौर पर अपने जाली शैक्षिक दस्तावेज तैयार कराए थे.

पुलिस ने आगे बताया कि इसी साल 27 अप्रैल को उसके खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी का मामला दर्ज किया गया था. 28 अप्रैल को उसे गिरफ्तार भी किया गया लेकिन बाद में जमानत मिल गई थी. पुलिस ने यह भी दावा किया कि 2018 में दीपिका पर घरेलू चोरी का मामला दर्ज किया गया था.


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अंडमान और निकोबार पुलिस ने 1 अगस्त को एक ट्वीट में कहा कि उसकी मौत के मामले में मजिस्ट्रेटी जांच शुरू की गई है.
डीजीपी गर्ग ने दिप्रिंट को बताया कि मामले की जांच की जा रही है. उन्होंने कहा, ‘मामले की जांच पड़ताल चल रही है. जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक इस मुद्दे पर टिप्पणी करना उचित नहीं है.

‘उसके खिलाफ खिलाफ सबूत हैं, वीडियो पुराना’

दिप्रिंट से बात करते हुए एसआई सतवीर, जिनका नाम वीडियो में है, ने इन आरोपों से इनकार किया कि उन्होंने दीपिका को आपराधिक मामलों में फंसाया है.

उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि उसने मेरा नाम क्यों लिया. एकमात्र कारण जो मुझे समझ आता है वो यही है कि 2018 में घरेलू चोरी मामले में उसे गिरफ्तार करने वाला मैं ही था. मैंने 2019 के बाद से से उसे नहीं देखा है जब हमने मामला दायर किया था. हमारे पास उसके खिलाफ पुख्ता सबूत थे.’

नाम जाहिर न करने की शर्त पर एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि दीपिका के खिलाफ केंद्र शासित प्रदेश के समाजिक कल्याण संगठनों ने जालसाजी और धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया और सबूत जुटाए गए.

एसआई मासूमा, जिसका नाम भी वीडियो में लिया गया है, ने दिप्रिंट को बताया कि उन्हें इस मामले पर टिप्पणी करने की ‘अनुमति नहीं है.’ हालांकि, उसने दावा किया कि जिस वीडियो में दीपिका ने अधिकारी का नाम लिया है वह ‘पुराना लगता है.’
यह पूछे जाने पर कि क्या यह पता लगाने के लिए कि वीडियो कब शूट किया गया, इस वीडियो को जांच का हिस्सा बनाया गया है, मासूमा ने विस्तार से कोई जानकारी देने से इनकार कर दिया.

कुछ इसी तरह का दावा करते हुए एक दूसरे पुलिस अधिकारी, जो अपना नाम नहीं बताना चाहता था, ने कहा, ‘हमें संदेह है कि वीडियो पुराना है और शायद उसकी मौत से दो महीने पहले शूट किया गया था.’

दिप्रिंट ने मामले के जांच अधिकारी एसपी सिटी अंकित चौहान से भी संपर्क साधा, लेकिन उन्होंने भी इस आधार पर कोई ब्योरा देने से इनकार कर दिया कि मामला ‘संवेदनशील’ है. उन्होंने वीडियो पुराने होने के बारे में पुलिस अधिकारियों की तरफ से किए जा रहे दावों का भी कोई जवाब नहीं दिया.

दीपिका ने वीडियो में जिस पत्रकार रूपा लाल का नाम लिया था, उन्होंने यह कहते हुए मामले पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि ‘उन्हें इस मामले पर कोई टिप्पणी न करने का सख्त आदेश है क्योंकि इस पर जांच चल रही है.’

दिप्रिंट ने फोन कॉल और टेक्स्ट मैसेज के जरिये एसआई रामा कृष्णा और दीपिका के कथित पार्टनर एसआई पंकज राय, जो अब आत्महत्या के मामले में मुख्य आरोपी है, से भी संपर्क साधा लेकिन उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली.

‘एक साजिश’

दीपिका के भाई दीप किशन ने दिप्रिंट से बातचीत में पुलिसकर्मियों पर उससे ‘बदला लेने’ की साजिश रचने का आरोप लगाया.
किशन ने दावा किया कि दीपिका ने 2018 में एसआई राम कृष्ण से शादी की थी, लेकिन बाद में पता चला कि वह पहले से ही शादीशुदा था.

इसके बाद उसने कृष्णा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. किशन ने आरोप लगाया कि दीपिका की परेशानी इसके तुरंत बाद शुरू हुई और उसे घर में चोरी के मामले में फंसाया गया.

किशन ने आरोप लगाया, ‘घरेलू चोरी के झूठे मामले में फंसाकर राम कृष्णा ने दीपिका पर पलटवार किया था. सब उसके खिलाफ एकजुट हो गए थे क्योंकि उसने एसआई के खिलाफ आधिकारिक शिकायत दर्ज कराई थी.’

उसने आगे आरोप लगाया कि एसआई पंकज राय ने पहले तो उसकी मदद का नाटक किया, उसका विश्वास हासिल किया और फिर ‘उसकी पीठ में छुरा घोंप दिया.’

दीप किशन ने कहा, ‘पंकज ऐसे बर्ताव करता था जैसे वह उसकी परवाह करता है और फिर वह भी उनके (अन्य पुलिसकर्मियों) साथ शामिल हो गया और उसे परेशान करने लगा… वह इतने सारे अधिकारियों से कैसे लड़ सकती थी? इसलिए उसने अपना जीवन ही खत्म कर लेने का फैसला किया.’

दीप किशन ने पुलिसकर्मियों पर दीपिका को ‘मानसिक रूप से प्रताड़ित’ करने का आरोप भी लगाया.

मई में डीजीपी गर्ग ने किशन के बारे में ट्वीट करते हुए कहा था कि ‘दीपिका किशन का परिवार जालसाजी, अपराध में शामिल है.’
5 मई को उन्होंने दीपिका को ‘समाज के लिए खतरा’ बताते हुए फिर से ट्वीट किया और उस पर लोगों को हनी ट्रैप में फंसाने का आरोप लगाया.

इन ट्वीट्स के बाद दीपिका के वकील दीप चैन कबीर ने 10 मई को कलकत्ता हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की और कोर्ट से आग्रह किया कि डीजीपी को विचाराधीन मामलों पर कोई टिप्पणी करने से रोका जाए. तब अदालत ने एक आदेश पारित किया था जिसमें पुलिस अधिकारियों को 22 जून तक सोशल मीडिया पर मामले पर कोई टिप्पणी करने से रोक दिया गया था.

प्रशासन की तरफ से 24 मई को इस आदेश को चुनौती दी गई. हालांकि, दो जजों की बेंच ने 1 जून को अंतरिम आदेश के खिलाफ अपील खारिज कर दी. तब से एकल न्यायाधीश के समक्ष मामला लंबित है.

दीपिका के वकील दीप चैन कबीर ने ‘मुवक्किल की गोपनीयता’ की हवाला देते हुए उनके खिलाफ मामलों पर कोई भी जानकारी साझा करने से इनकार कर दिया और उनकी आत्महत्या के मामले पर भी किसी टिप्पणी से इनकार कर दिया.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें )

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