नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में हर सेक्टर में निवेश की अपार संभावनाएं मौजूद है. यहां नर्मदा, ताप्ती आदि नदियों की अपार जल राशि है, निरंतर बिजली उपलब्ध है, वन संपदा है, सड़कों, रेलवे और वायु मार्ग का अच्छा नेटवर्क है और उद्योगों को बड़ी रियायतें हैं.
मुख्यमंत्री ने आगामी 24 एवं 25 फरवरी को होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में झीलों, पहाड़ों और वन संपदा से युक्त सुंदर भोपाल शहर में आमंत्रित किया.
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में अधिक से अधिक निवेश करें और इन तारीखों को अविस्मरणीय बनाएं.
डॉ. यादव बुधवार को नई दिल्ली में जीआईएस-2025 के कर्टेन रेजर कार्यक्रम में उद्योगपतियों को संबोधित कर रहे थे.
इस दौरान सीएम ने कहा कि हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत विश्व की 5वीं अर्थव्यवस्था के बाद अब तीसरी आर्थिक शक्ति बनने की ओर तेज़ी से अग्रसर हो रहा है. इस कार्य में निवेशकों का महत्वपूर्ण योगदान है. भारत प्राकृतिक संसाधनों के साथ मानव संसाधन में भी आगे है. हम उद्योगों को बढ़ाकर ही आगे बढ़ सकते हैं. हमारे प्रधानमंत्री विश्व भर का भ्रमण कर भारत की प्रगति के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं. उनके नेतृत्व में पूरी दुनिया में भारत का मान-सम्मान बढ़ा है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश की उद्योग एवं निवेश नीति निवेशकों के लिए बहुत फ्रेंडली है. हम स्टार्ट-अप्स को विशेष महत्व दे रहे हैं. उद्योगों में विभिन्न प्रकार की रियासतों के साथ ही इस बात का सबसे अधिक ख्याल रखा जाता है कि उनके सारे काम समय से हो जाएं. मध्य प्रदेश में ज़मीन दिल्ली की तुलना में एक बटे 40 गुना और मुंबई की तुलना में एक बटे 100 गुना सस्ती है. राज्य में सभी सेक्टर में विशेष रूप से टेक्सटाइल के क्षेत्र में निवेश की असीमित संभावना है. हम टेक्सटाइल्स पर 200 प्रतिशत इंसेंटिव देते हैं, हमारा कॉटन उच्च गुणवत्ता का है. मेरी जापान यात्रा के दौरान यूनिक्लो कंपनी के मलिक ने भी इस बात का उल्लेख किया था.
मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि एक समय लोग उद्योगपतियों से मिलने में झिझक महसूस करते थे, लेकिन हमने उस धारणा को बदला है. हम निरंतर उद्योगपतियों, निवेशकों से संवाद कर रहे हैं. प्रदेश में छोटे-छोटे स्थान पर रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजित की गई हैं. समाज में उद्योगपतियों का महत्वपूर्ण स्थान है. उद्योगों से रोज़गार उत्पन्न होते हैं और उससे लोगों की आजीविका चलती है. वह एक तरह से उद्योगपति समाज के पालक हैं.