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बुधवार, 25 जून, 2025
होमदेश‘लोकतंत्र के लिए मीसाबंदियों का संघर्ष, क्रांतिकारियों के बलिदान जैसा’ — मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

‘लोकतंत्र के लिए मीसाबंदियों का संघर्ष, क्रांतिकारियों के बलिदान जैसा’ — मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

आपातकाल की 50वीं बरसी पर यादव ने जारी किया संदेश, कहा- लोकतंत्र को बचाने में विपक्ष की रही ऐतिहासिक भूमिका.

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भोपाल: देश में आपातकाल लागू होने की 50वीं वर्षगांठ पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इसे लोकतंत्र के इतिहास का काला दिन बताते हुए मीसाबंदियों और विपक्षी नेताओं के संघर्ष को स्वतंत्रता संग्राम के क्रांतिकारियों जैसा करार दिया.

मुख्यमंत्री ने बुधवार को मीडिया को जारी संदेश में कहा कि “25 जून 1975 को जब देश में आपातकाल लागू किया गया, तब लोकतंत्र की रक्षा के लिए जनता पार्टी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और अन्य राष्ट्रभक्तों ने साहस और बलिदान का परिचय दिया. उसी संघर्ष का परिणाम है कि आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा और सशक्त लोकतंत्र है.”

डॉ. यादव ने कहा कि भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, चौधरी चरण सिंह, मोरारजी देसाई सहित विपक्ष के सभी नेताओं ने आपातकाल का मुखर विरोध किया और लोकतंत्र की पुनर्स्थापना के लिए जेलें भरीं.

उन्होंने कहा, “यह लड़ाई केवल सत्ता के खिलाफ नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों और संविधान की रक्षा के लिए थी. एशिया में लोकतंत्र आज जिन कुछ देशों में जीवित है, उसमें भारत की भूमिका ऐतिहासिक है और इसमें विपक्ष तथा संघ परिवार का त्याग अविस्मरणीय है.

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि “जिन लोगों को मीसा के तहत गिरफ्तार किया गया था, उन्हें आज ‘लोकतंत्र सेनानी’ का सम्मान मिला है. उनके संघर्ष ने देश की लोकतांत्रिक नींव को और मजबूत किया.”

उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे इस इतिहास से प्रेरणा लें और लोकतंत्र की रक्षा में सदैव सजग रहें.

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