नई दिल्ली: विश्व गोरैया दिवस के मौके पर बिहार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री डॉ. सुनील कुमार ने गुरुवार को ‘दि गौरैया बिहार’ मोबाइल ऐप लॉन्च किया. इस ऐप के माध्यम से आम लोग गोरैया की जियो टैग फोटो खींचकर अपलोड कर सकते हैं. इससे एक व्यापक डाटाबेस तैयार किया जाएगा, जिससे गोरैया की जनसंख्या और उनके निवास स्थान की पहचान में मदद मिलेगी.
पटना के संजय गांधी जैविक उद्यान (चिड़ियाघर) में आयोजित कार्यक्रम में बच्चों ने नुक्कड़ नाटक ‘फुदकी की ये पुकार, फुदकी चाहे प्यार’ के जरिए गौरैया संरक्षण का संदेश दिया. इस अवसर पर मंत्री ने बताया कि 2010 से विश्व गोरैया दिवस मनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जब तक बिहार को हरित नहीं बनाया जाएगा, तब तक गोरैया को बचाने की कल्पना नहीं की जा सकती. उन्होंने हर रविवार को एक घंटे पर्यावरण संरक्षण के लिए देने की अपील की और 2028 तक बिहार को 17 प्रतिशत हरित बनाने का संकल्प दोहराया.
विभागीय सचिव वंदना प्रेयषी ने बताया कि गोरैया बिहार का राजकीय पक्षी है और इसके संरक्षण के लिए राज्य सरकार विशेष प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा लगाए गए कृत्रिम घोंसलों में अगर 50 प्रतिशत गोरैया वापस आती हैं, तो इसे बड़ी सफलता मानी जाएगी.
उन्होंने यह भी बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में 4.5 करोड़ वृक्षारोपण का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें अब तक 4 करोड़ पौधे लगाए जा चुके हैं और यह प्रक्रिया जारी है.
इस अवसर पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक पीके गुप्ता, पटना जू के निदेशक हेमंत पाटिल, सीडब्लूएलडब्लू अवरिंदर सिंह सहित कई अधिकारी उपस्थित थे.
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