नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इस बात को मंजूरी दे दी गई कि केंद्र सरकार अगले 5 साल तक सार्वजनिक वितरण योजना के तहत पात्र नागरिकों को मुफ्त अनाज उपलब्ध कराएगी.
पीएम गरीब कल्याण योजना को कोविड महामारी के दौरान शुरू किया गया था, जहां राशन कार्ड धारक अतिरिक्त पांच किलो अनाज (व्यक्ति की पसंद का गेहूं या चावल) पाने के हकदार थे. साथ ही अतिरिक्त खाद्यान्न वितरण कार्यक्रम के तहत चना भी उपलब्ध कराया जा रहा है.
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) अप्रैल 2020 में देश में कोविड-19 महामारी के कारण हुए आर्थिक व्यवधानों के कारण गरीबों और जरूरतमंदों को होने वाली कठिनाइयों को दूर करने के मकसद से शुरू की गई थी.
प्रारंभ में, 2020-21 में, PMGKAY योजना की घोषणा केवल 3 महीने (अप्रैल-जून 2020) की अवधि के लिए की गई थी, हालांकि, इसे लगातार सात चरणों में दिसंबर 2022 तक बढ़ा दिया गया था.
इससे 80 करोड़ लाभार्थियों को फायदा हुआ है.
4 नवंबर को छत्तीसगढ़ के दुर्ग में एक चुनावी रैली के दौरान प्रधानमंत्री ने मुफ्त राशन योजना को आगे बढ़ाने के फैसले की घोषणा की थी.
पीएम मोदी ने कहा था, ”मैंने तय किया है कि बीजेपी सरकार देश के 80 करोड़ गरीबों को मुफ्त राशन देने की योजना को अगले 5 साल तक बढ़ाएगी. आपका स्नेह और आशीर्वाद मुझे ऐसे फैसले लेने की शक्ति देता है.”
प्रधानमंत्री ने कहा था कि योजना के विस्तार से गरीबों द्वारा बचाए गए पैसे से उन्हें अन्य जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा था कि मोदी की गारंटी का मतलब है कि वादा पूरा होगा.
इससे पहले, केंद्र सरकार ने गरीब लाभार्थियों के वित्तीय बोझ हटाने और एनएफएसए की राष्ट्रव्यापी एकरूपता और प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने का निर्णय लिया था, और एनएफएसए, 2013 के तहत कवर किए गए लाभार्थियों को एक अवधि के लिए मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराने का निर्णय 1 जनवरी, 2023 से लिया था.
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