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Monday, 24 June, 2024
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नगर निगम वार्ड में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीटों की संख्या 6 से घटकर हुई 3

उन्होंने कहा, “इसके साथ-साथ वार्डों की संख्या बढ़ा दी गई है, लेकिन अनुसूचित जाति समुदाय के लिए आरक्षित सीटों की संख्या 6 से घटाकर 3 कर दी गई है. यह पूरी तरह से असंवैधानिक है और सामाजिक न्याय के खिलाफ है.”

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नई दिल्ली: हरियाणा में बीते दो साल से टल रहे नगर निगम चुनावों और वार्ड में अनुसूचित जाति समुदाय के लिए आरक्षित सीटों की संख्या को 6 से घटाकर तीन कर दिया गया है, इसके मद्देनज़र ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सदस्य वर्धन यादव, नेता राज बब्बर, पंकज डावर और अन्य नेताओं ने निगम आयुक्त नरहरी बांगर से मुलाकात कर स्थिति से अवगत कराया.

वर्धन यादव ने कहा कि नगर निगम चुनाव अज्ञात कारणों से पिछले दो साल से टलते जा रहे हैं और यह देरी प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाती है और जनता को उसके अधिकारों से वंचित करती है.

उन्होंने आगामी मानसून सत्र को लेकर कहा कि यह बादशाहपुर और गुरुग्राम क्षेत्र के लिए एक आपदा साबित होने जा रहा है, क्योंकि यहां सरकार गायब है.

यादव ने कहा, “नगर निगम क्षेत्र की सफाई और सीवेज लाइनों की जिम्मेदारी उठाने में असफल रही है. बादशाहपुर में सीवेज लाइनों के अवरुद्ध होने से बाढ़ जैसी स्थिति बन सकती है, जिससे मिलेनियम सिटी में गंभीर समस्याएं खड़ी हो सकती हैं.”

उन्होंने कहा, “इसके साथ-साथ वार्डों की संख्या बढ़ा दी गई है, लेकिन अनुसूचित जाति समुदाय के लिए आरक्षित सीटों की संख्या 6 से घटाकर 3 कर दी गई है. यह पूरी तरह से असंवैधानिक है और सामाजिक न्याय के खिलाफ है.”

यादव ने कहा, “हरियाणा के मुख्यमंत्री स्थिति को सही से समझने में असमर्थ दिख रहे हैं, इससे लोगों में असंतोष और चिंता बढ़ रही है.”

सरकार पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि हाल ही में स्थानीय विधायक की असमय मृत्यु से गुरुग्राम में सरकार की अनुपस्थिति की स्थिति और भी गंभीर हो गई है, जिससे प्रशासनिक कार्यों में रुकावट आ रही है और जनता की परेशानियां बढ़ रही हैं.

उन्होंने कहा, यह शर्मनाक और विचारणीय बिंदु है कि भाजपा सरकार ने हमें किस स्थिति में ला खड़ा किया है, न कोई मुख्यमंत्री, न कोई सांसद, न कोई विधायक, न कोई नगर निगम और न ही कोई जवाबदेही है.

आने वाला मानसून सत्र इस स्थिति में आपदा जनक साबित हो सकता है. जनता को इस स्थिति का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए और सरकार से शीघ्र कार्रवाई की उम्मीद करनी चाहिए.

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