scorecardresearch
Thursday, 21 November, 2024
होमदेशएडिटर्स गिल्ड ने आंध्र प्रदेश सरकार की 'मीडिया' पर लगाई पाबंदी को खतरनाक बताया

एडिटर्स गिल्ड ने आंध्र प्रदेश सरकार की ‘मीडिया’ पर लगाई पाबंदी को खतरनाक बताया

गिल्ड का मानना है कि इस तरह से राज्य सरकार का अपने सभी विभाग के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को शक्तियां सौंपा जाना खतरनाक साबित हो सकता है.

Text Size:

नई दिल्ली: एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा उसके विभिन्न विभागों के सचिवों को शक्तियां सौंपे जाने के फैसले को लेकर चिंतित है. आंध्र सरकार ने समाचार पत्रों और मीडिया में सरकार के खिलाफ बेबुनियाद खबर प्रकाशित व प्रसारित  किए जाने पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है.

गिल्ड का मानना है कि इस तरह से राज्य सरकार का अपने सभी विभाग के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को शक्तियां सौंपा जाना खतरनाक साबित हो सकता है.

यह मीडिया की स्वतंत्रता को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है. गिल्ड हमेशा से स्वतंत्र, निष्पक्ष और जिम्मेदार पत्रकारिता के सिद्धातों की बात करता रहा है. लेकिन इस तरह की शक्तियां जो पहले केवल सूचना आयुक्तों द्वारा प्रयोग की जाती थीं उनका सचिवों को सौंपा जाना मीडिया के काम काज की गंभीरता को कम करेगा.

गिल्ड आंध्र प्रदेश सरकार से गुजारिश करता है कि वह इस आदेश को वापस लें. आपराधिक मानहानि अपने आपमें किसी के लिए भी बहुत खराब माना जाता है. यदि राज्य इसे अपने असीम संसाधनों के साथ नियोजित करता है तो यह दूसरे शब्दों में सेंसरशिप कहा जाएगा.

पिछले दिनों 30 अक्टूबर को आंध्र प्रदेश कैबिनेट ने मीडिया संस्थानों पर प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया में की गई खबरें जो उनकी निगाह में गलत और बेबुनियाद हैं ऐसी खबरें छापने पर मुकदमा कर सकते हैं. इससे पहले तक यह अधिकार सिर्फ जन संपर्क और सूचना विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के पास था.

 सरकार का आदेश

‘हमारी नज़र में ऐसी घटनाएं आई हैं जब कुछ प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया संस्थान जान-बूझकर सरकार और सरकारी अधिकारियों की छवि धूमिल करने की कोशिश कर रहे हैं. वो द्वेषपूर्ण इरादों से फ़र्जी, बेबुनियाद और मानहानि वाली ख़बरें चला रहे हैं.’

आंध्र सरकार ने ये भी कहा है कि ऐसा प्रेस की आज़ादी पर लगाम लगाने के लिए बल्कि ‘फ़ेक न्यूज़’ और ‘मनगढ़ंत ख़बरें’ रोकने के लिए किया गया है.

share & View comments