नई दिल्ली: आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ‘पीएम-ईबस सेवा’ के तहत करीब 3,000 इलेक्ट्रिक बसों के लिए निविदा अगले हफ्ते जारी किये जाने की संभावना है.
मंत्रालय के सचिव मनोज जोशी ने 16वीं ‘अर्बन मोबिलिटी इंडिया कांफ्रेंस’ से इतर संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रस्तावित ई-बस सेवा केंद्र की वृहद शहरी परिवहन नीति में एक महत्वपूर्ण हस्तक्षेप है.
पीएम-ईबस सेवा योजना को अगस्त में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी थी. इस योजना के तहत सार्वजनिक-निजी साझेदारी (पीपीपी) के तहत 169 शहरों को 10,000 इलेक्ट्रिक बसें मुहैया करायी जाएंगी.
मंत्रालय ने अगस्त के अंत में कहा था कि इसकी शुरूआत अगले पांच-छह महीनों में की जाएगी.
केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने एक सवाल के जवाब में संवाददाताओं से कहा कि जहां तक 10,000 ई-बसों की बात है, ‘‘हमने मंत्रिमंडल की मंजूरी प्राप्त कर ली है’’, और जल्द ही निविदा जारी की जाने वाली है.
उन्होंने यह भी कहा कि इस योजना में विभिन्न राज्य साझेदार हैं.
जोशी ने का कि अगले हफ्ते निविदा जारी की जाएगी. प्रस्ताव के लिए अनुरोध को अंतिम रूप दे दिया गया है, और ‘‘हम आंतरिक मंजूरी मांग रहे हैं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगले हफ्ते हम करीब 3,000 बसों के लिए निविद जारी कर सकेंगे.’’
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अन्य 2,000 बसों के लिए प्रस्ताव उत्तर प्रदेश से आया है, और वे कुछ अलग मॉडल पर काम कर रहे हैं.
जोशी ने कहा, ‘‘मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद, हमने राज्यों को हमें प्रस्ताव भेजने के लिए एक महीने का वक्त दिया है. अन्य राज्य अपने प्रस्ताव पर काम कर रहे हैं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘बड़े पैमाने पर (ई-बसों की) खरीद केंद्र सरकार कर रही है, ताकि कीमत में कमी लाई जा सके.’’
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि प्रत्येक बस में एक जीपीएस लगा होगा, और वाहनों की आवाजाही यातायात प्रबंधन प्रणाली से एकीकृत की जाएगी.
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