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Tuesday, 7 May, 2024
होमदेश‘महिला होने के कारण हो रहा भेदभाव’- तेलंगाना राज्यपाल सौंदराराजन ने की KCR सरकार की आलोचना

‘महिला होने के कारण हो रहा भेदभाव’- तेलंगाना राज्यपाल सौंदराराजन ने की KCR सरकार की आलोचना

अपने कार्यकाल के 3 साल पूरे होने पर, सौंदराराजन ने सरकार पर ‘राज्य के सर्वोच्च पद’ को अपमानित करने का आरोप लगाया है. KCR की बेटी और MLC कविता का कहना है कि राज्यपाल ऑफिस TRS सरकार को बदनाम करने पर तुला है.

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हैदराबाद: तेलंगाना राज्यपाल तमिलिसाई सौंदराराजन ने बृहस्पतिवार को के चंद्रशेखर राव की अगुवाई वाली राज्य सरकार पर, उनके खिलाफ ‘भेदभाव करने’, ‘राज्य के सर्वोच्च पद’ को अपमानित करने, और ‘प्रोटोकोल का पालन नहीं करने’ का आरोप लगाया है.

राजभवन में ‘तेलंगाना की जनता की सेवा में चौथे वर्ष की शुरुआत पर’ आयोजित एक समारोह के दौरान, सौंदराराजन ने पत्रकारों से कहा, ‘(इस ऑफिस में) पिछले तीन वर्ष के लिए इतिहास लिखेगा, कि किस तरह एक महिला राज्यपाल के खिलाफ भेदभाव किया गया’.

लेकिन, उन्होंने आगे कहा कि ‘भेदभाव से इस राज्यपाल को चोट नहीं पहुंची. मैं इसलिए अधिकारों की मांग नहीं कर रही कि मैं एक महिला हूं, हम पुरुषों के बराबर काम करते हैं और अपने अधिकार हासिल करते हैं’.

अपने कार्यकाल के तीन वर्षों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा: ‘मैं बस ये कहना चाहती हूं कि मैं ख़ुश नहीं हूं. मैंने जब भी लोगों तक पहुंचना चाहा, मेरे रास्ते में बाधाएं आईं. इस राज्य में सर्वोच्च ऑफिस को अपमानित किया जाता है’.

सौंदराराजन ने आगे चलकर वो मिसालें याद कीं, जब उनका ‘अनादर’ किया गया और कहा: ‘मुझे राज्यपाल के संबोधन से मना किया गया, मुझे गणतंत्र दिवस पर झंडा भी फहराने नहीं दिया गया. मैं जहां भी जाती हूं वहां प्रोटोकोल का पालन नहीं किया जाता. कलेक्टर आकर हमारा अभिवादन नहीं करते. मुझे परवाह नहीं है लेकिन गवर्नर के पाद का सम्मान होना चाहिए’.

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उन्होंने ये भी उल्लेख किया कि कैसे उन्हें दूर-दराज़ के ज़िले मुलुगू में आयोजित, एशिया के सबसे बड़े आदिवासी उत्सव सम्माका सरलम्मा जतारा में सड़क मार्ग से जाना पड़ा, जब राज्य सरकार से हेलिकॉप्टर के लिए किए गए अनुरोध का उन्हें कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला.

सौंदराराजन ने कहा, ‘तेलंगाना के इतिहास में लिखा जाएगा कि राज्यपाल कार्यालय के साथ कैसा सलूक किया गया, और मैं नहीं चाहती कि इसे नकारात्मक ढंग से लिखा जाए. लेकिन लोगों को पता होना चाहिए कि क्या हो रहा है’.

आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य मंत्री एराबेली दयाकर राव ने कहा, कि सौंदराराजन ‘राज्यपाल के संवैधानिक पद को अपमानित कर रही हैं’.

राव ने मीडिया कर्मियों से कहा, ‘तमिलिसाई सौंदराराजन अपना सम्मान खो रही हैं, और राज्यपाल के संवैधानिक पद को भी ख़राब कर रही हैं. उनकी हरकतों से राज्य के बहुत से लोग नाराज़ हो रहे हैं. वो एक बीजेपी कार्यकर्त्ता की तरह काम कर रही हैं, उनके साथ बैठकें कर रही हैं’.

मुख्यमंत्री केसीआर की बेटी के कविता ने, जो तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) की एमएलसी हैं, ट्वीट किया कि तेलंगाना का राज्यपाल ऑफिस एक राजनीतिक मंच में बदल गया है, जिसने टीआरएस सरकार और सीएम को बदनाम करने की ठानी हुई है’.

प्रेस से बातचीत के दौरान सौंदराराजन ने कोविड महामारी से निपटने के बारे में भी राज्य सरकार की आलोचना की, और सरकारी अस्पतालों में कम टेस्टिंग तथा ख़राब इनफ्रास्ट्रक्चर का आरोप लगाया.

ये पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने केसीआर सरकार के साथ अपने ख़राब रिश्तों पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ चर्चा की है, राज्यपाल ने कहा कि ये मामला बहुत छोटा है.

दिप्रिंट के सवालों के जवाब में उन्होंने कहा, ‘अपने उच्च ऑफिस के साथ मेरी बातचीत रचनात्मक होती है, विवादित नहीं. मैं ऐसी छोटी चीज़ें लेकर उस जगह नहीं जा सकती’.


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बढ़ते मनमुटाव

राज्यपाल कार्यालय और तेलंगाना सरकार के बीच दरार पहली बार तब सामने आई थी, जब सौंदराराजन ने प्रदेश कैबिनेट की ओर से उन्हें भेजा गया एक प्रस्ताव रोक लिया, जिसमें टीआरएस नेता पी कोशिक को राज्यपाल कोटा के अंतर्गत विधान परिषद का सदस्य मनोनीत करने की सिफारिश की गई थी.

बृहस्पतिवार को उन्होंने कहा, ‘मैंने बिल्कुल स्पष्ट कर दिया था कि मनोनीत उम्मीदवार राज्यपाल कोटा में फिट नहीं होता, वो एक सर्विस कोटा है’.

इस साल दो मौक़ों पर ये दरार और स्पष्ट हो गई- कोविड के बाद गणतंत्र दिवस समारोह को राज भवन तक सीमित कर दिया गया, जिससे केसीआर ने अपने आपको दूर रखा, और तेलंगाना असेम्बली का एक सत्र जो राज्यपाल के संबोधन के बिना आयोजित किया गया. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, राज्य सरकार के सूत्रों ने संकेत दिया था कि राज्यपाल का संबोधन अनिवार्य नहीं था, क्योंकि पिछला सत्र (अक्तूबर 2021 में) स्थगित नहीं किया गया था. मार्च में सौंदराराजन ने इस मुद्दे पर खुलकर अपनी नाराज़गी ज़ाहिर की थी.

जब उनसे ये पूछा गया कि केंद्र सरकार सिंचाई या दूसरी परियोजनाओं के लिए तेलंगाना सरकार के फंड्स के अनुरोध पर विचार क्यों नहीं कर रही है, राज्यपाल ने कहा कि अपना काम कराने के लिए केंद्र के साथ ‘सीएम को अच्छे रिश्ते बनाकर रखने चाहिएं’.

उन्होंने आगे सवाल किया कि केसीआर ने राज्य की समस्याओं को सामने रखने के लिए, दक्षिणी क्षेत्रीय परिषद की हालिया बैठक में हिस्सा क्यों नहीं लिया, जहां केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मौजूद थे.

उन्होंने पूछा, ‘हाल ही में, दक्षिणी ज़ोन की बैठक हुई थी. पुदुचेरी उप-राज्यपाल की हैसियत से मैं उसमें शरीक हुई. उस बैठक में 75 प्रतिशत मुद्दे तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के थे. बाक़ी सभी मुख्यमंत्री वहां मौजूद थे, तो फिर (तेलंगाना) मुख्यमंत्री क्यों शरीक नहीं हुए.

उन्होंने कहा, ‘समस्याएं सुलझाने के लिए जब केंद्रीय गृह मंत्री वहां मौजूद हैं, तो फिर आपको (केसीआर) क्या दिक़्क़त है? आपको जो अवसर मिला है उसका इस्तेमाल क्यों नहीं कर रहे?’ उन्होंने आगे कहा कि कार्यालयों के बीच संघीय रिश्ते सलामत रहने चाहिएं, और राज्यपाल इन चीज़ों में केवल एक उत्प्रेरक हैं.

उन्होंने मीडिया से कहा, ‘राज्य के लोगों के लिए कुछ करने की ख़ातिर राजभवन जो भी पहल करना चाहता है, उसमें रोड़े अटका दिए जाते हैं. लेकिन मैं रुकूंगी नहीं, मैं अपना काम करती रहूंगी’.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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