नई दिल्ली: शुक्रवार को गुजरात पुलिस ने दावा कि कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ 2002 में गोधरा में एक ट्रेन में आग लगने के तुरंत बाद राज्य में तत्कालीन भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार गिराने की एक बड़ी साजिश रच रही थी.
सेशन कोर्ट में गुजरात पुलिस की स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम (एसआईटी) द्वारा दाखिल किए गए एक हलफनामे में दावा किया गया है कि सीतलवाड़ 2002 के दंगों के बाद राज्य में तत्कालीन मोदी सरकार को गिराने के लिए दिवंगत कांग्रेस नेता अहमद पटेल के इशारे पर की गई एक बड़ी साजिश में शामिल थीं.
एसआईटी ने कहा कि सीतलवाड़ ने पटेल के साथ बैठक की थी और उनके निर्देश पर एक गवाह से पहली बार में 5 लाख रुपए लिए थे. एसआईटी ने कहा कि पटेल के कहने पर उसे दो दिन बाद फिर से 25 लाख रुपए मिले थे.
एडीशन सेशन जज डी. डी. ठक्कर ने एसआईटी के जवाब को रिकॉर्ड में लिया और जमानत अर्जी पर सुनवाई सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी.
गुजरात दंगों के मामलों में निर्दोष लोगों को फंसाने के लिए सबूत गढ़ने के आरोप में सीतलवाड़ को भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के पूर्व अधिकारियों आर. बी. श्रीकुमार और संजीव भट्ट के साथ गिरफ्तार किया गया है.
एसआईटी की ओर से दाखिल किए गए हलफनामे में कहा गया है कि जमानत की आवेदक सीतलवाड़ का इस बड़े षड़यंत्र को अंजाम देने का राजनीतिक उद्देश्य निर्वाचित सरकार को गिराना या अस्थिर करना था.
हलफनामे में आरोप लगाया गया है कि सीतलवाड़ ने निर्दोष व्यक्तियों को गलत तरीके से फंसाने के अपने प्रयासों के बदले बीजेपी के प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दल से अवैध वित्तीय समेत अन्य लाभ और पुरस्कार लिए हैं.
इससे पहले जुलाई की शुरूआत में गुजरात में अहमदाबाद की एक मेट्रोपॉलिटन कोर्ट ने तीस्ता सीतलवाड़ और श्रीकुमार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था.
भाषा के इनपुट से
यह भी पढ़ें: तीस्ता सीतलवाड़ और आरबी श्रीकुमार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया