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सोमवार, 16 जून, 2025
होमदेशअहमदाबाद के शवदाह गृह में नम आंखों से दी गई अंतिम विदाई, श्रद्धांजलि देने वालों का जनसैलाब उमड़ा

अहमदाबाद के शवदाह गृह में नम आंखों से दी गई अंतिम विदाई, श्रद्धांजलि देने वालों का जनसैलाब उमड़ा

एयर इंडिया प्लेन क्रैश के तीन दिन बाद, रविवार को शहर के थलतेज इलेक्ट्रिक शवदाह गृह में 4 पीड़ितों का अंतिम संस्कार किया गया.

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अहमदाबाद: एयर इंडिया क्रैश में मारे गए चार लोगों का अंतिम संस्कार रविवार को अहमदाबाद के थलतेज इलेक्ट्रिक शवदाह गृह में किया गया. यह हादसे के तीन दिन बाद हुआ.

इन चार लोगों में शहर के बिज़नेसमैन स्वप्निल सोनी, भाई-बहन शुभ और शगुन मोदी, और एक अन्य अहमदाबाद निवासी मेघा मेहता शामिल थे.

चारों शवों का एक के बाद एक अंतिम संस्कार किया गया. यह प्रक्रिया चार घंटे चली। सैकड़ों लोग अंतिम दर्शन के लिए वहां पहुंचे.

दिप्रिंट की टीम सिविल अस्पताल से 12 किलोमीटर दूर स्थित इस शवदाह गृह पर मौजूद थी. अस्पताल की एम्बुलेंस से शव वहां लाए गए थे.

स्वप्निल के परिवार को रविवार सुबह करीब 9 बजे फोन आया कि वे उनका शव ले जा सकते हैं. परिवार कुछ समय तक रुका, क्योंकि वे स्वप्निल की पत्नी योगा और भाभी अल्पा—जो इसी हादसे में मारी गई थीं—का अंतिम संस्कार भी उनके साथ करना चाहते थे.

The parents of Shubh and Shagun Modi at the cremation site | Hanif Sindhi
श्मशान स्थल पर शुभ और शगुन मोदी के माता-पिता | हनीफ सिंधी

लेकिन योगा और अल्पा के शव की जानकारी अभी नहीं मिलने के कारण, उन्हें सिर्फ स्वप्निल का अंतिम संस्कार करना पड़ा. स्वप्निल, योगा और अल्पा 12 जून को लंदन जा रही फ्लाइट में परिवार संग छुट्टियों पर जा रहे थे.

एयर इंडिया की फ्लाइट 171 में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें क्रू मेंबर्स भी शामिल थे. हादसे में सिर्फ एक पैसेंजर—भारतीय मूल के एक ब्रिटिश नागरिक—की जान बची. हादसा इतना गंभीर था कि विमान बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल मेस से टकरा गया, जिससे और भी कई लोगों की जान गई.

The coffin carrying Shagun Modi's mortal remains | Hanif Sindhi
शगुन मोदी के पार्थिव शरीर को ले जाने वाला ताबूत | हनीफ सिंधी

“शवों की पहचान में वक्त लगता है, इसलिए हमने स्वप्निल भाई का शव और उनका सामान ले जाने का फैसला किया,” स्वप्निल के परिवार के दोस्त विकास पटेल ने कहा. पटेल, स्वप्निल के बड़े भाई के बेटे और कुछ अन्य रिश्तेदारों के साथ दोपहर 3 बजे के करीब उनका शव लेने पहुंचे.

स्वप्निल और उनकी पत्नी योगा अपने दो बच्चों को पीछे छोड़ गए हैं. उनका बड़ा बेटा सिद्ध सोनी शवदाह गृह में मौजूद था. परिवार के सभी सदस्य रो रहे थे और 14 साल के सिद्ध को गले लगाकर उसे ढांढस बंधा रहे थे.

अल्पा को उनके पति—स्वप्निल के बड़े भाई निशीथ सोनी—और उनके बेटे के रूप में परिवार मिला हुआ है.

Swapnil and Yoga's son, Sidh Soni (right) at the crematorium | Praveen Jain | ThePrint
स्वप्निल और योगा के बेटे सिद्ध सोनी (दाएं) श्मशान घाट पर | प्रवीण जैन | दिप्रिंट

अस्पताल प्रशासन ने स्वप्निल का शव एक ताबूत में, उनकी घड़ी और कपड़ों के साथ सौंपा. “सोनी परिवार अहमदाबाद में बहुत सम्मानित माना जाता है,” पटेल ने कहा. यह परिवार अहमदाबाद के बोपल इलाके में रहता है और इंडस्ट्रियल रबर मोल्ड बनाने के बिज़नेस में है. उनकी कंपनी आईआरएम ऑफशोर एंड मरीन इंजीनियर्स की विदेशों में—जैसे एम्स्टर्डम, नीदरलैंड्स में—ऑफिस हैं.

मोदी भाई-बहन और मेघा मेहता का अंतिम संस्कार स्वप्निल से पहले कर दिया गया था.

Swapnil Soni's relatives at the crematorium | Praveen Jain | ThePrint
श्मशान घाट पर स्वप्निल सोनी के परिजन | प्रवीण जैन | दिप्रिंट

शनिवार दोपहर से हादसे में मारे गए लोगों के शव उनके परिवार वालों को सौंपे जा रहे हैं. रविवार तक 33 शव उनके परिवारों को सौंपे जा चुके हैं. हादसे में मारे गए गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के डीएनए की पुष्टि रविवार को हुई.

एयर इंडिया चलाने वाले टाटा ग्रुप ने हादसे में मारे गए सभी लोगों के परिवारों को 1 करोड़ रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया है. इसके अलावा, घायलों का इलाज भी कंपनी करवाएगी.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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