गुवाहाटीः असम के करीमगंज जिले के एक सरकारी स्कूल के 40 वर्षीय प्रधानाध्यापक पर नाबालिग छात्र को उसके मोबाइल फोन पर अश्लील सामग्री देखने के लिए मजबूर करने के आरोप में यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है. जिला पुलिस ने दिप्रिंट को बताया कि आरोपी जहीरुद्दीन फरार है.
पुलिस ने आगे कहा कि कथित घटना 12 अगस्त को हुई थी, लेकिन शुक्रवार को स्थानीय निवासियों के स्कूल परिसर में इकट्ठा होने और आगजनी और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर उन्हें इसकी सूचना दी गई. सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो में लोगों के एक समूह को ‘जय श्री राम’ के नारे लगाते और न्याय की मांग करते हुए दिखाया गया है.
करीमगंज के पुलिस अधीक्षक पार्थ प्रतिम दास ने दिप्रिंट को बताया कि नाबालिग के परिवार ने कथित घटना की तुरंत रिपोर्ट नहीं की.
उन्होंने कहा, “शुरू में, परिवार ने शिकायत दर्ज नहीं कराई थी. हमने अब शिक्षक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. हमें संदेह है कि मामले को स्थानीय स्तर पर दोनों पक्षों के बीच सुलझाने की कोशिश की गई थी, लेकिन यह योजना के अनुसार नहीं हुआ. आरोपी शिक्षक फरार है और जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा,”
इस बीच, पुलिस ने सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए स्वत: संज्ञान लेते हुए शिकायत भी दर्ज की है.
करीमगंज के एसपी ने कहा, “स्थानीय लोगों ने स्कूल की किताबें, बेंच और अलमारियाँ समेत कई संपत्ति नष्ट कर दी हैं. हम आग बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड के साथ मौके पर पहुंचे. स्कूल अब खंडहर में तब्दील हो चुका है.”
स्थानीय निवासियों ने इलाके में विरोध प्रदर्शन किया और वे चाहते हैं कि स्कूल को बंद कर दिया जाए और आरोपियों को गिरफ्तार किया जाए. एक निवासी ने कहा, “हमें शुक्रवार को इस बारे में पता चला. हम अपने बच्चों को स्कूल भेजते हैं ताकि वे बेहतर इंसान बनें. ऐसे शिक्षक से वे क्या सीखेंगे?”
प्रदर्शनकारियों ने सड़क भी जाम कर दी, लेकिन बाद में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और जिला प्रशासन के हस्तक्षेप से इसे हटा दिया गया.
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