नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के शिक्षा विभाग में अनामिका शुक्ला नाम की अध्यापिका पिछले 13 महीनों से 25 अलग-अलग स्कूलों से सैलरी लेती रही लेकिन विभाग में किसी को इसकी जानकारी तक नहीं लगी. इस अध्यापिका ने इन 13 महीनों में करीब एक करोड़ से अधिक रुपए कमा लिए. इसका खुलासा तब हुआ जब शिक्षकों का डिजिटल डेटाबेस बनाया गया तो पता चला कि अनामिका शुक्ला नामक शिक्षिका को यूपी के 25 विभिन्न स्कूलों में नियोजित किया गया था. वहीं हर जगह से उनके खाते में सैलरी भी आ रही थी.
इस मामले का खुलासा होने के बाद एक तरफ जहां विभाग के अधिकारियों के पैरों तले से जमीन खिसक गई वहीं शनिवार को उसे पुलिस को सौप दिए जाने की खबर आई है. बुनियादी शिक्षा अभियान कासगंज की अधिकारी अंजलि अग्रवाल ने कहा, ‘जब हमने पाया कि अनामिका शुक्ला के दस्तावेज कई जगह पोस्टिंग के लिए सूचीबद्ध हैं तो शिक्षिका को एक नोटिस भेजा गया था, जिसके बाद वह अपना इस्तीफा देने के लिए हमारे कार्यालय आईं. उसे पुलिस को सौंप दिया गया है.’
जब हमने पाया कि अनामिका शुक्ला के दस्तावेज कई जगह पोस्टिंग के लिए सूचीबद्ध हैं तो शिक्षिका को एक नोटिस भेजा गया था, जिसके बाद वह अपना इस्तीफा देने के लिए हमारे कार्यालय आईं। उसे पुलिस को सौंप दिया गया है:अंजलि अग्रवाल, बुनियादी शिक्षा अभियान (BSA), कासगंज pic.twitter.com/YlLVfONIhT
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 6, 2020
डिजिटल डेटाबेस से सामने आए इस खुलासे से पूरा विभाग हैरान है. यूपी स्कूली शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद ने मीडिया को बताया, ‘कुछ जिलों के स्थानीय मीडिया में मार्च के महीने में इससे संबंधित स्टोरी छपी थी उसके बाद से ही इस मामले की जांच शुरू कर दी गई थी. जहां-जहां टीचर की तैनाती बताई गई वहां पर अधिकारियों से डेटाबेस तैयार कर जांच करने को बोला गया तो ये पूरा मामला सामने आया.
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अनामिका शुक्ला के दस्तावेज पर कस्तूरबा विद्यालय फरीदपुर में विज्ञान की शिक्षिका के रूप में सेवाएं दे रही थीं. हालांकि उनकी तैनाती की रिपोर्ट अंबेडकरनग, प्रयागराज, के साथ सहारनपुर, बागपत, अलीगढ़ समेत कई जिलों में मिली है. दरअसल, मैनपुरी जिले की रहने वाली अनामिका नाम की टीचर कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में कॉन्ट्रैक्ट बेस्ड पर तैनात है लेकिन इसकी असली पोस्टिंग किस जिले में हुई थी इसकी भी जांच चल रही है.
8 मार्च 2019 को शुक्ला की नियुक्ति हुई थी लेकिन ये पूरा मामला कैसे फ्राॅड में बदला इसकी जांच चल रही है. शिक्षिका को 22 हजार रुपये प्रतिमाह सैलरी दी जा रही थी.