नई दिल्ली: कनाडा में खालिस्तान टाइगर फोर्स के प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर की घातक गोलीबारी में मौत को लेकर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में हालिया तनाव से कनाडा में भारतीय समुदाय के लोग चिंतित है.
वरिष्ठ कनाडाई पत्रकार हरलीम सादिया ने कहा कि भारतीय समुदाय की चिंताएं काफी हद तक सही भी है.
उन्होंने कहा कि आम लोगों को अब भारत और कनाडा की यात्रा करना मुश्किल हो रहा है. यह उन लोगों के लिए कठिन है जो सामान्य जीवन जीते हैं, जिनके पास नियमित नौकरियां हैं.
भारतीय मूल के कनाडाई नागरिक गुरजंत सिंह ने कहा कि एक सिख होने के नाते भारत और कनाडा दोनों उनके लिए बेहद महत्वपूर्ण है और हाल के तनाव से वो गहरी चिंता में हैं.
गुरजंत सिंह का मानना है कि इस मुद्दे को बातचीत के जरिए सुलझाया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा, “मैं इस मामले को लेकर बहुत चिंतित हूं और मुझे लगता है कि हर चीज को बातचीत के जरिए सुलझाया जाना चाहिए. किसी भी चीज़, किसी भी मुद्दे पर चर्चा की जा सकती है, एक साथ बैठकर समाधान किया जा सकता है. भारत और कनाडा दोनों सरकारों को अपनी सीमाओं के भीतर रहते हुए अपनी बात रखनी चाहिए.”
पिछले हफ्ते, जस्टिन ट्रूडो ने दावा किया था कि उनके देश के राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों के पास यह मानने के कारण हैं कि “हरदीप सिंह निज्जर की घातक गोलीबारी के पीछे भारत सरकार के एजेंट थे”.
ट्रूडो ने कहा था, “कनाडाई सुरक्षा एजेंसियां भारत सरकार के एजेंटों और कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बीच संभावित संबंध के विश्वसनीय आरोपों पर सक्रिय रूप से काम कर रही हैं.”
ट्रूडो के दावों पर गुरजंत ने कहा: “एक प्रधानमंत्री होने के नाते, आप ऐसा कुछ भी दावा नहीं कर सकते जिसे आप बाद में साबित नहीं कर सकते. कनाडाई पीएम ने जो भी कहा वह गलत था. अब जब उन्होंने यह कह दिया है, तो उन्हें अपने बयान को साबित करना चाहिए.”
गुरजंट ने आगे कहा कि उनके माता-पिता जनवरी में कनाडा आने वाले थे, लेकिन अभी इस कारण से वे नहीं आएंगे.
उन्होंने आगे कहा कि कोई भी मांग ‘अपनी भाषा, भावनाओं’ पर नियंत्रण रखते हुए, अपनी सीमा के भीतर ही की जानी चाहिए.
‘बेहतर होने चाहिए संबंध, बैठकर बात करें’
इस बीच, कनाडाई नागरिक अजायब सिंह ने कहा है कि कनाडा में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों की खातिर दोनों देशों के बीच संबंध बेहतर होने चाहिए.
उन्होंने कहा, “छात्र बेहतर भविष्य के लिए कनाडा आते हैं. वे यहीं पढ़ते हैं, अच्छी नौकरी पाते हैं और यहीं के निवासी भी बन जाते हैं. माता-पिता भी चाहते हैं कि उनके बच्चों का कनाडा में बेहतर भविष्य हो. कुछ लोग पढ़ाई के बाद वापस भारत भी चले जाते हैं. वे भी बेहतर भविष्य के लिए वापस जाते हैं.”
उन्होंने कहा, “इन छात्रों के लिए मैं प्रार्थना करता हूं कि भारत, कनाडा के बीच संबंध बेहतर हों.”
उन्होंने कहा कि भारत, कनाडा को अपने मुद्दों को बातचीत की मेज पर सुलझाना चाहिए और वीजा प्रतिबंध कोई समाधान नहीं है. इससे सिर्फ निर्दोष लोगों को दिक्कत हो रही है.
उन्होंने कहा, “मैं दोनों देशों के नेताओं से आग्रह करता हूं कि वे मेज पर बैठें और मुद्दे को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाएं.”
भारत ने गुरुवार को कहा कि कनाडा में देश के उच्चायोग और वाणिज्य दूतावासों को मिल रहे सुरक्षा खतरों के कारण उनका सामान्य कामकाज बाधित हो गया है और वे अस्थायी रूप से वीजा आवेदनों पर कार्रवाई करने में असमर्थ हैं.
साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सवालों का जवाब देते हुए, विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि मुद्दा हिंसा भड़काना, कनाडाई अधिकारियों द्वारा कार्रवाई न करना और ऐसे माहौल का निर्माण है जो “हमारे वाणिज्य दूतावासों के कामकाज को बाधित करता है”.
यह टिप्पणी वीजा सेवा प्रदाता BLS इंटरनेशनल के यह कहने के कुछ घंटों बाद आई कि उसने कनाडा में भारतीय वीजा सेवाओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.
अजायब ने कहा, “हमारा भविष्य अभी अस्पष्ट है. हमें नहीं पता कि किस दिन कौन सा बयान आएगा. जितनी जल्दी मुद्दे सुलझ जाएंगे, उतना बेहतर होगा.”
वरिष्ठ कनाडाई पत्रकार ताहिर गोरा ने कहा कि वह चाहते हैं कि भारत-कनाडा राजनयिक गतिरोध पर भारतीय समुदाय की राय सामने लाई जाए.
उन्होंने कहा, “अभी, भारत, कनाडा संबंधों में तनाव है. हम चाहते हैं कि भारतीय समुदाय की राय को सामने लाया जाए. लोग समझते हैं कि यह मुद्दा लंबा खिंचेगा. हम जानना चाहते हैं कि मौजूदा स्थिति क्या है और क्या आने वाले दिनों में स्थिति और खराब होगी.”
CBC न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, कनाडा के रक्षा मंत्री बिल ब्लेयर ने भारत, कनाडा से संबंधों में हालिया तनाव को देखते हुए मिलकर एक साझा आधार पर बातचीत शुरू करने का आग्रह किया गया है.
ब्लेयर ने कहा, “मैं सच में चाहता हूं कि वे बातचीत शुरू करें. मुझे पता है कि एक बार जब वे बातचीत शुरू कर देंगे, तो चीजें आसान हो जाएगी. वे अपने नागरिकों की मदद करना चाहेंगे. मुझे पूरा यकीन है कि वे एक इस कर पाएंगे.”
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