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Tuesday, 19 November, 2024
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ज्ञापवापी मस्जिद में खत्म हुआ आज का सर्वे, वीडियोग्राफी को लेकर हुआ विरोध, दो गुटों में नारेबाजी

वाराणसी के काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी परिसर के बाहर शुक्रवार को तनावपूर्ण स्थिति देखने को मिली. मुस्लिम और हिंदू समुदायों के सदस्यों ने जवाबी नारेबाजी की. इसके बाद पुलिस वहां कड़ी सुरक्षा की.

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नई दिल्ली: गुरुवार को वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर से सटी ज्ञानवापी मस्जिद और श्रृंगार गौरी मंदिर विवाद में अदालत के आदेश के बाद एक टीम ने सर्वे किया. इस दौरान टीम ने उस जगह की भी वीडियोग्राफी की जहां मां श्रृंगार गौरी की मूर्ति रखी हुई थी.

जानकारी के मुताबिक वाराणसी ज्ञानवापी परिसर में कोर्ट कमिश्नर ने यह सर्वेक्षण किया जिसके लिए ज्ञानवापी परिसर की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई है. सर्वे टीम में पक्ष और विपक्ष के कुल 36 लोग शामिल थे.

वाराणसी के काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी परिसर के बाहर शुक्रवार को तनावपूर्ण स्थिति देखने को मिली. मुस्लिम और हिंदू समुदायों के सदस्यों ने जवाबी नारेबाजी की.इसके बाद पुलिस वहां कड़ी सुरक्षा की.

बता दें कि इससे पहले ज्ञानवापी मस्जिद की प्रबंध समिति ने स्थानीय अदालत के निर्देश पर मस्जिद परिसर में वीडियोग्राफी और सर्वेक्षण कराये जाने के निर्णय का विरोध करने का फैसला किया था.

पुलिस सूत्रों ने बताया कि एक स्थानीय अदालत के आदेश पर काशी विश्वनाथ धाम—ज्ञानवापी स्थित शृंगार गौरी और अन्य देव विग्रहों की वीडियोग्राफी तथा सर्वेक्षण के काम के लिए एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्र और वादी पक्ष के कई लोग ज्ञानवापी पहुंचे थे. काम शुरू होने से पहले ज्ञानवापी में जुमे की नमाज पढ़ने के लिए काफी भीड़ एकत्र हो गयी.

उन्होंने बताया कि इसी दौरान कुछ शरारती तत्वों ने नारेबाजी शुरू कर दी. हालांकि, पुलिस ने नारेबाजी कर रहे लोगों को खदेड़ दिया. इस बीच, काशी विश्वनाथ धाम—ज्ञानवापी के आसपास की दुकानें बंद कर दी गयीं.

ज्ञानवापी मस्जिद का रखरखाव करने वाली संस्था ‘अंजुमन इंतजामिया मसाजिद’ के सह सचिव सैयद मोहम्मद यासीन ने मीडिया को बताया, ‘मुस्लिम पक्ष के लोग ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर वीडियोग्राफी का विरोध कर रहे थे, क्योंकि मस्जिद के अंदर वीडियोग्राफी करना वर्जित है.’

उन्होंने दावा किया कि अदालत ने जिन स्थलों की वीडियोग्राफी—सर्वेक्षण का आदेश दिया है उसमें मस्जिद के अंदर का परिसर शामिल नहीं है.
यासीन ने बताया, ‘विरोध के बाद सर्वेक्षण टीम ने शाम चार बजे से शृंगार गौरी, नंदी और ज्ञानवापी कूप समेत कई स्थानों पर अपना काम शुरू कर दिया.’

सूत्रों ने बताया कि विवाद से कुछ समय पहले काशी विश्वनाथ मंदिर के गेट संख्या चार के सामने बैरिकेडिंग के पास एक महिला कपड़ा बिछाकर नमाज पढ़ने लगी. बाद में पुलिस महिला को लेकर थाने चली गयी. पुलिस के अनुसार महिला की पहचान जैतपुरा निवासी आयशा के रूप में हुई है, वह विक्षिप्त है. पुलिस को तलाशी में उसके पास हिन्दू देवी देवताओं की फ़ोटो मिली है.

गौरतलब है कि विश्व वैदिक सनातन संघ के पदाधिकारी जितेन्द्र सिंह विसेन के नेतृत्व में राखी सिंह तथा अन्य ने अगस्त 2021 में अदालत में एक वाद दायर कर शृंगार गौरी के नियमित दर्शन—पूजन और अन्य देवी—देवताओं के विग्रहों की सुरक्षा की मांग की थी. सिविल जज (जूनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद गत 26 अप्रैल को अजय कुमार मिश्रा को ‘एडवोकेट कमिश्नर’ नियुक्त कर ज्ञानवापी परिसर का वीडियोग्राफी—सर्वेक्षण करके 10 मई को अपनी रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया था. मिश्रा ने वीडियोग्राफी और सर्वेक्षण के लिए छह मई का दिन तय किया था.

पुलिस सूत्रों के मुताबिक चूंकि यह मामला संवेदनशील है, इसलिए जिले की सभी थानों की पुलिस के साथ—साथ स्थानीय अभिसूचना इकाई को भी अतिरिक्त सतर्कता बरतने के आदेश दिये गये हैं.


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