नई दिल्ली: प्रधानमंत्री संग्रहालय में जल्द ही एक गैलरी पीएम नरेंद्र मोदी पर भी होगी जिसमें मोदी के प्रारंभिक जीवन से लेकर उनके राजनीति में प्रवेश करने तक, उनके राजनीतिक जीवन के महत्वपूर्ण पड़ावों से लेकर 2014 में उनके प्रधानमंत्री बनने तक और उनके पिछले आठ वर्षों के शासनकाल के दौरान की प्रमुख घटनाओं और महत्वपूर्ण फैसलों पर भी विस्तार से जानकारी उपलब्ध होगी.
केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के पिछले माह जारी एक बयान के मुताबिक, गैलरी जनवरी 2023 में आम जनता के लिए खुलेगी. आजादी के बाद से सभी प्रधानमंत्रियों को समर्पित इस प्रधानमंत्री संग्रहालय का उद्घाटन मोदी ने इसी साल 14 अप्रैल को किया था. हालांकि, इसमें खुद मोदी पर कोई गैलरी नहीं थी.
इस बारे में जानकारी रखने वाले वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने दिप्रिंट को बताया कि गैलरी के उद्घाटन से पहले इसे अंतिम रूप दिया जा रहा है. इसमें अन्य घटनाक्रमों के अलावा 1,000 और 500 रुपये के नोटों को चलन से बाहर करने वाली नोटबंदी, 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक, 2019 के बालाकोट हवाई हमले, अनुच्छेद 370 निरस्त करने, तीन तलाक खत्म करने, राम मंदिर निर्माण जैसे महत्वपूर्ण फैसलों और प्रमुख घटनाओं को रेखांकित किया जाएगा.
गैलरी में इस पर भी रोशनी डाली जाएगी कि कैसे देश ने कोविड महामारी का जमकर मुकाबला किया और कैसे सबसे बड़े टीकाकरण अभियान को अंजाम दिया गया.
एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, ‘अन्य प्रधानमंत्रियों की गैलरी की तरह पीएम मोदी पर केंद्रित गैलरी को भी तीन अलग खंड में बांटा जाएगा— उनका प्रारंभिक जीवन, राजनीतिक करियर और बतौर प्रधानमंत्री उनका कार्यकाल.’
उन्होंने आगे बताया कि बतौर प्रधानमंत्री मोदी के अब तक के कार्यकाल को भी अलग-अलग खंडों में बांटा गया है, मसलन आर्थिक नीतियां, रणनीतिक मामले, विदेश मामले और प्रमुख घरेलू नीतियां आदि.
अधिकारी ने कहा, ‘आर्थिक नीतियों संबंधी सेक्शन में नोटबंदी सहित कुछ महत्वपूर्ण फैसलों को रेखांकित किया जाएगा. विदेशी मामलों वाले खंड में दर्शाया जाएगा कि कैसे न केवल पड़ोसी देशों, बल्कि दुनियाभर के नेताओं के साथ मोदी की बैठकों की बदौलत सरकार ने खुद को वैश्विक मंच से जोड़ा और कोविड महामारी के दौरान वैक्सीन कूटनीति को कैसे अपनाया गया.’
एक दूसरे अधिकारी ने बताया कि गैलरी में सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट हवाई हमले के बारे में दर्शाया जाएगा और बताया जाएगा कि कैसे इसने एक ऐसे देश के तौर पर भारत की स्थिति को मजबूत किया जो अपने हितों की रक्षा के लिए सख्त कार्रवाई करने में सक्षम है.
इसके अलावा, जम्मू-कश्मीर को खास दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने, राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों—जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांटने के साथ वहां सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए केंद्र की तरफ से उठाए गए प्रमुख कदमों के बारे में भी दर्शाया जाएगा.
अनुच्छेद 35ए के साथ मिलाकर अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को एक खास संवैधानिक दर्जा हासिल था, जिससे उसे एक अलग संविधान और एक अलग दंड संहिता के अलावा कुछ अन्य विशेष कानूनी अधिकार हासिल थे.
अगस्त 2019 में मोदी सरकार संसद में दो प्रस्ताव लाई. पहले में संविधान के तहत प्रदत्त अधिकारों का ही इस्तेमाल करके जम्मू-कश्मीर में लागू अनुच्छेद 370 को निष्क्रिय किया गया. वहीं, दूसरा प्रस्ताव जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने से जुड़ा था.
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महिला सशक्तिकरण, छात्रों संग मोदी का जुड़ाव
ऊपर उद्धृत पहले अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया कि गैलरी में एक विस्तृत खंड मोदी के लोगों के साथ संवाद पर केंद्रित होगा जो यह दर्शाएगा कि रेडियो शो ‘मन की बात’ सहित विभिन्न प्लेटफार्म के जरिये वह लोगों से कैसे जुड़े रहते हैं.
अधिकारी ने बताया, ‘यह स्कूली छात्रों के साथ उनके कनेक्शन को रेखांकित करेगा और उनके स्पेशल शो ‘परीक्षा पे चर्चा’ की जानकारी भी देगा जिसके जरिये पीएम मोदी (परीक्षाओं से पहले) एक इंटरैक्टिव टाउन-हॉल फॉर्मेट में सीधे स्कूली छात्रों के साथ बातचीत करते हैं.’
यह गैलरी महिलाओं, किसानों और गरीबों के सशक्तिकरण की दिशा में पीएम मोदी की तरफ उठाए गए विशिष्ट कदमों को भी रेखांकित करेगी. इसमें उज्ज्वला जैसी योजनाओं के बारे में जानकारी दी जाएगी जिसके तहत गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) परिवारों को एलपीजी कनेक्शन दिया जाता है, वहीं तीन तलाक की प्रथा खत्म करने और बेटी बचाओ बेटी पढाओ जैसी योजनाएं लाने के बारे में भी बताया जाएगा.
अधिकारी ने बताया, ‘किसानों की मदद के लिए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर और जन धन योजनाएं शुरू करने और गरीबों के लिए मुफ्त राशन की योजना लाने जैसी पहल को भी इसमें प्रदर्शित किया जाएगा.’
गैलरी प्रधानमंत्री संग्रहालय के ग्राउंड फ्लोर पर होगी और इसे टैगबिन ने डिजाइन किया है. इसी कंपनी ने इमर्सिव टेक्नोलॉजी पर आधारित इस संग्रहालय में अन्य गैलरी भी डिजाइन की हैं.
(अनुवाद: रावी द्विवेदी)
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