नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने पहली बार नवंबर 2022 से हाई कोर्ट के जज के तौर पर पदोन्नत होने के लिए प्रस्तावित सभी उम्मीदवारों की सूची जारी की है, जिसमें यह भी उल्लेख किया गया है कि उम्मीदवार हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के किसी मौजूदा या रिटायर्ड जज से संबंधित है या नहीं.
पिछले महीने दिप्रिंट की एक जांच में पाया गया कि सुप्रीम कोर्ट के कम से कम 30 प्रतिशत मौजूदा जज पूर्व जजों के रिश्तेदार हैं और अन्य 30 प्रतिशत के माता-पिता या दादा-दादी वकील रहे हैं. इसमें यह भी पाया गया कि भारत के 25 हाई कोर्ट के कुल 687 स्थायी जजों में से हर तीन में से एक मौजूदा या पूर्व जज से संबंधित है या वकीलों के परिवार से आता है.
सुप्रीम कोर्ट ने अब 9 नवंबर 2022 से 5 मई 2025 के बीच हाई कोर्ट के जज के तौर पर नियुक्तियों के लिए सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा अनुमोदित 221 उम्मीदवारों की सूची जारी की है. इनमें से 14 उम्मीदवार सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट के मौजूदा या पूर्व जजों से संबंधित हैं. इसमें स्पष्ट किया गया है कि किसी उम्मीदवार को पूर्व या वर्तमान न्यायाधीश से संबंधित माना जाता है, जो उनके पिता, माता, ससुर, सास, बहन, भाई, भाभी या बहनोई हैं या थे.
इस सूची में अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) या अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणियों से संबंधित उम्मीदवारों का विवरण भी दिया गया है. 221 उम्मीदवारों में से 8 एससी श्रेणी, 7 एसटी श्रेणी, 32 ओबीसी श्रेणी, 7 सबसे पिछड़ा वर्ग/पिछड़ा वर्ग श्रेणी और 31 अल्पसंख्यक हैं.
221 उम्मीदवारों में से केवल 34 महिलाएं थीं.
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि अदालत ने हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में नियुक्तियों की पूरी प्रक्रिया को “जनता के ज्ञान और जागरूकता के लिए” अपनी वेबसाइट पर भी रखा है. इसमें हाई कोर्ट कॉलेजियम को सौंपी गई भूमिका, राज्य सरकारों, भारत सरकार से प्राप्त भूमिका और इनपुट तथा सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा विचार शामिल है.
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