नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को नीट-पीजी-2021 में 1,456 सीट को भरने के लिए विशेष काउंसलिंग कराने का अनुरोध करने वाली कई याचिकाएं खारिज कर दी. अखिल भारतीय कोटा के लिए ‘स्ट्रे राउंड’ काउंसलिंग के बाद ये सीटें खाली रह गई हैं.
न्यायमूर्ति एम. आर. शाह और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जा सकता क्योंकि इससे जन स्वास्थ्य पर असर पड़ेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विशेष काउंसिलिंग न कराने का सरकार और मेडिकल काउंसिलिंग कमिटी (एमसीसी) का फैसला चिकित्सा शिक्षा और जन स्वास्थ्य के हित में है.
Supreme Court declines special stray round of counselling to fill the 1,456 seats in NEET-PG-21 which have remained vacant after the conduct of a stray round of counselling for All India Quota. pic.twitter.com/wKZ04XZhfy
— ANI (@ANI) June 10, 2022
पीठ ने कहा, ‘जब भारत सरकार और एमसीसी ने काउंसिलिंग का कोई भी विशेष राउंड न कराने का सोच समझकर फैसला लिया है तो इसे मनमाना नहीं माना जा सकता.’
स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डीजीएचएस) ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि उसने नीट-पीजी-21 के लिए चार चरणों की ऑनलाइन काउंसलिंग की है और वह विशेष काउंसलिंग कराकर 1,456 सीट को नहीं भर सकता है क्योंकि सॉफ्टवेयर बंद हो गया है.
नीट-पीजी 2021-22 परीक्षा में बैठने वाले और अखिल भारतीय कोटा (एआईक्यू) काउंसलिंग एवं राज्य कोटा काउंसलिंग के पहले और दूसरे चरण में भाग लेने वाले डॉक्टरों ने ये याचिकाएं दायर की थीं.