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Thursday, 25 April, 2024
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा, नहीं दे सकेंगे नॉमिनेटेड सदस्य MCD मेयर चुनाव में वोट, करना होगा मेयर के लिए इंतजार

भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने मौखिक रूप से कहा कि संवैधानिक प्रावधान बहुत स्पष्ट है कि नॉमिनेटेड सदस्य मतदान में हिस्सा नहीं ले सकते.

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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मेयर चुनाव से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि नॉमिनेटेड सदस्य नगर निगम के मेयर चुनाव में मतदान नहीं कर सकते हैं.

भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने मौखिक रूप से कहा कि संवैधानिक प्रावधान बहुत स्पष्ट है कि नॉमिनेटेड सदस्य मतदान में हिस्सा नहीं ले सकते.

अदालत की यह टिप्पणी तब आई जब याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत से कहा कि अनुच्छेद 243R के तहत नॉमिनेटेड सदस्य मतदान नहीं कर सकते.

इस बीच, सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने मेयर चुनाव स्थगित करने पर सहमति जताई और कहा कि 16 फरवरी को कोई मतदान नहीं होगा.

शीर्ष अदालत 17 फरवरी को फिर मामले की सुनवाई करेगी, यानी राजधानी के लिए मेयर चुनने की चौथी कोशिश के लिए इंतजार करना होगा.

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इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने एमसीडी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में नॉमिनेटेड सदस्यों को मतदान करने की अनुमति देने के वाली, दिल्ली के उपराज्यपाल के फैसले को चुनौती देने वाली, आप और शैली ओबेरॉय की याचिका पर सुनवाई को शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी.

अदालत शैली ओबेरॉय और आम आदमी पार्टी की संयुक्त याचिका पर सुनवाई कर रही थी.

याचिका में याचिकाकर्ता ने एमसीडी मेयर, डिप्टी मेयर और स्थायी समिति के सदस्य पद के लिए समयबद्ध चुनाव की मांग की है.

इससे पहले सदन 6 जनवरी और फिर 25 जनवरी को बुलाया गया था, लेकिन सदस्यों के भारी हंगामे के बीच बिना किसी परिणाम के ही इसे समाप्त कर दिया गया.

महापौर चुनने के लिए सिविक सेंटर ने सोमवार को तीसरी बार कोशिश की हालांकि हंगामे और नारेबाजी के कारण फिर एक बार मतदान नहीं हो सका.


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