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Thursday, 9 May, 2024
होमदेशविपक्ष को झटका- सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी, UP निकाय चुनावओं में लागू होगा OBC आरक्षण

विपक्ष को झटका- सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी, UP निकाय चुनावओं में लागू होगा OBC आरक्षण

निकाय चुनावों को लेकर योगी सरकार द्वारा बनाए गए ओबीसी कमीशन की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर ली. शीर्ष अदालत के इस आदेश से निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण को रोकने की विपक्ष की मंशा को करारा झटका लगा है.

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लखनऊ (उत्तर प्रदेश) : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को राज्य सरकार द्वारा गठित ओबीसी कमीशन की रिपोर्ट स्वीकार करने का स्वागत किया है, जिसने राज्य में शहरी स्थानीय निकाय (ULB) चुनावों को कराने का रास्ता साफ कर दिया है.

यूपी के सीएम ने कहा, ‘राज्य सरकार ओबीसी आरक्षण को लेकर प्रतिबद्ध है और सुप्रीट कोर्ट की दी गई समय सीमा के तहत सभी कदम उठाए हैं. आरक्षण के नियम का कानूनी तौर पर पालन करते हुए यूपी सरकार तय सीमा में शहरी निकाय चुनाव कराने को लेकर प्रतिबद्ध है.’

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सोमवार को ओबीसी रिजर्वेश के साथ उत्तर प्रदेश में निकाय चुनावओं को हरी झंडी दे दी और राज्य चुनाव आयोग को दो दिन के भीतर नोटिफिकेशन जारी करने को कहा.

निकाय चुनावों को लेकर योगी सरकार द्वारा बनाए गए ओबीसी कमीशन की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर ली. शीर्ष अदालत के इस आदेश से निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण को रोकने की विपक्ष की मंशा को करारा झटका लगा है.

विपक्ष ने निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी और सरकार के फैसले को प्रभावित करने की कोशिश की थी.

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मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने बिना ओबीसी आरक्षण निकाय चुनावों को तत्काल कराने का फैसला सुनाया था, जिस पर योगी सरकार ने साफ किया था कि राज्य सरकार समाज के हर वर्ग को लेकर प्रतिबद्ध है. इसके बाद सरकार ने ओबीसी कमीशन बनाया और हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की. जिस पर 27 मार्च को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बिना ओबीसी आरणक्षण के तत्काल चुनाव कराने के हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी, कमीशन को निर्देश दिया था कि ओबीसी आरक्षण सुनिश्चित करने को लेकर 31 मार्च तक रिपोर्ट फाइल करे.

कमीशन अपनी रिपोर्ट तैयार करने के लिए 75 जिलों का दौरा किया और इसके बाद इस सर्वे की रिपोर्ट सरकार को 9 मार्च को सौंप दी थी.

वहीं दूसरी तरफ, कमीशन के रिपोर्ट और सुझावों को योग सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में 15 मार्च को फाइल किया था.


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