scorecardresearch
Sunday, 19 May, 2024
होमदेशसुप्रीम कोर्ट को मिले पांच नये न्यायाधीश, कुल संख्या हुई 32; छह फरवरी को होगा शपथ ग्रहण समारोह

सुप्रीम कोर्ट को मिले पांच नये न्यायाधीश, कुल संख्या हुई 32; छह फरवरी को होगा शपथ ग्रहण समारोह

जजों की नियुक्ति का यह फैसला सुप्रीम कोर्ट और 25 उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया को लेकर सरकार और न्यायपालिका के बीच चल रहे विवाद के बीच आया है.

Text Size:

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम की ओर से पिछले साल 13 दिसंबर को दिए गए नामों को केंद्र सरकार की मंजूरी के साथ ही शीर्ष अदालत को शनिवार को पांच नए न्यायाधीश मिल गए.

इन नवनियुक्त न्यायाधीशों का शपथ ग्रहण 6 फरवरी को होने के साथ ही शीर्ष अदालत में न्यायाधीशों की संख्या 32 तक पहुंच जाएगी. हालांकि, यह आंकड़ा न्यायाधीशों की स्वीकृत पदों (34) से दो कम रहेगा. फिलहाल शीर्ष अदालत में भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) चंद्रचूड़ सहित 27 न्यायाधीश कार्यरत हैं.

नियुक्ति का यह फैसला सुप्रीम कोर्ट और 25 उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया को लेकर सरकार और न्यायपालिका के बीच चल रहे विवाद के बीच आया है.

गौरतलब है कि केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रीजीजू ने राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पंकज मित्तल, पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश अहसानुद्दीन अमानुल्लाह, मणिपुर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पी वी संजय कुमार और इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश मनोज मिश्रा को शीर्ष अदालत के जज के रूप में पदोन्नत किया.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

ये नियुक्तियां सुप्रीम कोर्ट की एक पीठ द्वारा कॉलेजियम की सिफारिशों के बावजूद न्यायाधीशों की नियुक्ति और स्थानांतरण में सरकार की ओर से देरी पर कड़ी टिप्पणियों के बीच आई हैं.

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि इन पांच नियुक्तियों का पीठ की टिप्पणी से कोई लेना-देना नहीं है और ये नियुक्तियां केंद्र द्वारा सुविचारित फैसले के बाद की गई हैं.

शीर्ष अदालत के कॉलेजियम ने पिछले साल 13 दिसंबर को इनके नामों की सिफारिश की थी.

उच्चतर न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति की कॉलेजियम प्रणाली पर शीर्ष अदालत और सरकार के बीच मतभेद खुलकर सामने आए हैं.

कानून मंत्री ने हाल ही में कॉलेजियम को भारतीय संविधान के ‘प्रतिकूल’ बताया था, जबकि उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने 2015 में राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) अधिनियम और तत्संबंधित संविधान संशोधन अधिनियम को खारिज करने वाले सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर सवाल उठाए थे

केंद्र ने शुक्रवार को न्यायालय को आश्वासन दिया था कि शीर्ष अदालत में पांच न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम की सिफारिश को जल्द ही मंजूरी दे दी जाएगी.

अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणि ने न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति ए एस ओका की पीठ को बताया था कि इन पांचों नामों की नियुक्ति का वारंट जल्द ही जारी होने की उम्मीद है.

शीर्ष अदालत में संबंधित हाईकोर्ट्स के मुख्य न्यायाधीशों के प्रमोशन के बाद राजस्थान, मणिपुर और पटना हाईकोर्ट में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति की गई है.

न्यायमूर्ति मणींद्र मोहन श्रीवास्तव को राजस्थान उच्च न्यायालय का कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बनाया गया है, जबकि नियमित नियुक्ति होने तक न्यायमूर्ति चक्रधारी शरण सिंह पटना उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश का पद संभालेंगे. न्यायमूर्ति एम वी मुरलीधरन को मणिपुर उच्च न्यायालय का कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया है.


यह भी पढ़ेंः लोकतंत्र में सभी को बोलने का हक, देश का मालिक यहां की जनता और मार्गदर्शक इस देश का संविधानः रीजीजू


 

share & View comments