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Sunday, 16 June, 2024
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सुप्रीम कोर्ट के अयोध्या पर आए फैसले पर किसने क्या कहा

सुप्रीम कोर्ट ने रामलला पक्ष को विवादित जमीन का मालिकाना हक देने का आदेश दिया है. वहीं मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में ही 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया है.

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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने लंबे समय से चले आ रहे अयोध्या विवाद पर अपना फैसला सुना दिया है. सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्य पीठ ने आम सहमति से फैसला सुनाया है. पांच सदस्यीय पीठ की अध्यक्षता मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई कर रहे थे. कोर्ट ने रामलला पक्ष को विवादित जमीन का मालिकाना हक देने का आदेश दिया है. वहीं मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में ही 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया है.

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा बाबरी मस्जिद खाली जमीन पर नहीं बनी थी. एएसआई ने यह दावा नहीं किया है कि वहां पहले मंदिर था जिसे तोड़कर मस्जिद बनाई गई. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आस्था और विश्वास पर कोई बहस नहीं की जा सकती है.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सभी राजनीतिक दलों और इस मामले से जुड़े लोगों की प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं.

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, ‘सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद SC की बेंच के पांचों जजों ने एकमत से आज अपना निर्णय दिया. हम SC के फ़ैसले का स्वागत करते हैं. कई दशकों के विवाद पर आज SC ने निर्णय दिया. वर्षों पुराना विवाद आज ख़त्म हुआ. मेरी सभी लोगों से अपील है कि शांति एवं सौहार्द बनाए रखें.’

अयोध्या मामले के वादी इकबाल अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसला का स्वागत किया. उन्होंने कहा, मैं इस फैसले से खुश हूं. मैं कोर्ट के फैसले का सम्मान करता हूं.

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भाजपा नेता उमा भारती ने कहा, ‘माननीय सुप्रीम कोर्ट के इस दिव्य फ़ैसले का स्वागत. माननीय अशोक सिंघल जी को स्मरण करते हुए उनको शत्-शत् नमन. वह सब, जिन्होंने इस कार्य के लिए अपने जीवन की आहुति दे दी उन्हें श्रद्धांजलि एवं आडवाणी जी का अभिनंदन जिनके नेतृत्व में हम सब लोगों ने इस महान कार्य के लिए अपना सर्वस्व दांव पर लगा दिया था.’

विनय कटियार ने कहा कि केंद्र को जल्द से जल्द राम मंदिर बनाना चाहिए. जिन्होंने राम के अस्तित्व पर सवाल उठाए, उनका अपना अस्तित्व ख़तरे में है. कांग्रेस को जवाब देना चाहिए कि उसने राम मंदिर निर्माण में देरी क्यों की?

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अयोध्या फैसला पर कहा  कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सभी को सम्मान करना चाहिए. सामाजिक सद्भावना के लिए यह काफी महत्वपूर्ण है. अब इस मामले में कोई विवाद नहीं होना चाहिए. यही मेरी लोगों से अपील है.

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा, ‘अयोध्या मामले पर फ़ैसला आ चुका है. मैं एक बार फिर प्रदेशवासियों से अपील करता हूं कि सर्वोच्च न्यायालय के इस फ़ैसले का हम सभी मिलजुलकर सम्मान और आदर करे. मैं सभी से आपसी भाईचारा, संयम, अमन-चैन, शांति, सद्भाव और सौहार्द बनाये रखने में सहयोग की अपील करता हूं

हिंदू महासभा के वकील वरुण कुमार सिन्हा ने कहा, ‘ये ऐतिहासिक फैसला है. इस फैसले से सुप्रीम कोर्ट ने अनेकता में  एकता का संदेश दिया है.’

सुप्रीम कोर्ट के फै़सले पर हिंदू महासभा के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा, ‘मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में किसी अहम जगह पर पांच एकड़ ज़मीन दी जाएगी.’

जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद ने कहा, ‘संयम, शांति, सौहार्द, सांप्रदायिक-एकता एवं समन्वय ही धर्म का वास्तविक स्वरूप है! राम साक्षात धर्म विग्रह हैं! अतः हम परस्पर प्रीति एवं एकात्मता के दिव्य भाव में स्थिर रहें! माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्णय से अभिभूत हैं!’

ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा- हम फैसले से नाखुश हैं और इसे अन्यायपूर्ण मानते हैं लेकिन हम फ़ैसले का सम्मान करते हैं. हम लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते हैं. फैसला पूरी तरह से पढ़ने के बाद बोर्ड उन बातों को सामने लाएगा जिनसे इसकी असहमति है. जिन दस्तावेजों को हिंदुओं की आस्था को समझने के लिए इस्तेमाल किया गया, मुसलमानों के मामले में उन्हीं दस्तावेजों को ख़ारिज कर दिया गया.

बता दें कि अयोध्या फैसले के मद्दनेजर पूरे उत्तर प्रदेश में धारा 144 लागू की गई थी. उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी स्कूल, कॉलेज, शिक्षण संस्थान और प्रशिक्षण केंद्रों को 9 से 11 नवंबर तक बंद रखने का आदेश जारी किया था.

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