मुंबई: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) बॉम्बे के छात्र दर्शन सोलंकी के कथित तौर पर आत्महत्या करने के एक महीने से अधिक समय बाद, मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) के अधिकारियों का कहना है कि प्रथम वर्ष के छात्र के छात्रावास के कमरे से एक “सुसाइड नोट” बरामद हुआ है, जिसमें एक बैचमेट के नाम का ज़िक्र है जो यह दर्शाता है कि सोलंकी को कैंपस में जाति-आधारित उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा था.
जांच दल में शामिल एक अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया, ‘‘हम उस कमरे की तलाशी ले रहे थे और वहां से एक नोट मिला, जिसमें लिखा था कि एक्स व्यक्ति ने मुझे मार डाला है.’’
अधिकारी ने कहा कि सुसाइड नोट की बरामदगी के बाद, सोलंकी के माता-पिता को पुलिस ने यह पुष्टि करने के लिए बुलाया कि क्या लिखावट उसकी (दर्शन) है या उसकी मां की है.
अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने लिखावट विशेषज्ञों को नोट भेजा है, लेकिन उसकी मां का कहना है कि लिखावट उनके बेटे दर्शन की है.’’
दिप्रिंट ने फोन पर सोलंकी के परिवार से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन इस रिपोर्ट के छापे जाने तक उनकी ओर से कोई जवाब नहीं मिल पाया. हालांकि, प्रतिक्रिया मिलने के बाद कॉपी को अपडेट कर दिया जाएगा.
दिप्रिंट ने टेक्स्ट मैसेज के जरिए आईआईटी बॉम्बे से भी संपर्क की कोशिश की, लेकिन उनकी ओर से भी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली.
सोलंकी बी.टेक प्रथम वर्ष का छात्र था जिसकी सेमेस्टर परीक्षा समाप्त होने के एक दिन बाद 12 फरवरी को मृत्यु हो गई. हालांकि, शुरुआत में यह माना जा रहा था कि उन्होंने खराब शैक्षणिक परफॉर्मेंस के कारण 7वीं मंजिल से छलांग लगाई थी, उनके परिवार और आईआईटी बॉम्बे में अंबेडकर पेरियार फुले स्टडी सर्कल के सदस्यों ने दावा किया था कि दर्शन को कैंपस में जाति-आधारित भेदभाव का सामना करना पड़ रहा था और उन्होंने इस बारे में अपनी बहन से ज़िक्र भी किया था.
हालांकि, आईआईटी-बॉम्बे ने किसी भी जाति-आधारित भेदभाव से इनकार किया है, लेकिन सोलंकी के परिवार और आईआईटी बॉम्बे समूह द्वारा नाराजगी के परिणामस्वरूप राज्य सरकार ने मामले की जांच के लिए मुंबई अपराध शाखा के संयुक्त पुलिस आयुक्त लखमी गौतम की अध्यक्षता में एक एसआईटी का गठन किया था. .
सोलंकी के माता-पिता ने मांग की थी कि उनके बेटे की मौत की जांच हत्या के एंगल से की जाए.
परिवार सोमवार को पुलिस के साथ था और अधिकारी ने कहा कि उम्मीद है कि मंगलवार तक सुसाइड नोट में नामित व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी, जिसके बाद “हम नामित व्यक्ति से पूछताछ कर सकते हैं”.
(संपादन : फाल्गुनी शर्मा)
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