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Monday, 18 November, 2024
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सुब्रमण्यम स्वामी ने कोरोना को लेकर पीएम मोदी को लिखा पत्र कहा- आर्थिक राहत पैकेज महत्वपूर्ण

अपने पत्र में बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कोविड-19 से प्रभावित अपनी अर्थव्यवस्थाओं की मदद के लिए अमेरिका, ब्रिटेन, दक्षिण कोरिया जैसे देशों द्वारा घोषित कदमों को सूचीबद्ध किया.

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नई दिल्ली: बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कोरोनोवायरस महामारी से निपटने के लिए 17 देशों और दो केंद्रीय बैंकों द्वारा घोषित उपायों को बताया.

पत्र में स्वामी ने कहा, ‘इस स्तर पर आर्थिक राहत का पैकेज बहुत महत्वपूर्ण है और इसीलिए मैंने यह जानकारी दी है कि अन्य देशों ने क्या किया है.’

20 मार्च की तारीख वाला यह पत्र उस समय आया है जब पीएम मोदी ने कोरोना वायरस के संकट से निपटने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नेतृत्व में एक इकोनॉमिक टास्क फ़ोर्स के गठन की घोषणा की है.

टास्क फोर्स का गठन किया जाना बाकी है, हालांकि वित्त मंत्रालय ने भारतीय रिजर्व बैंक और अन्य मंत्रालयों के साथ परामर्श प्रक्रिया शुरू कर दी है, ताकि विमानन और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों जैसे सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों के संकटों को दूर किया जा सके.

नए आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 271 लोगों ने अब तक कोरोनावायरस के लिए सकारात्मक पाया गया है.

पत्र में क्या लिखा है

स्वामी ने महामारी से लड़ने के लिए अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन, जापान, चीन और दक्षिण कोरिया जैसे देशों और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और यूरोपीय सेंट्रल बैंक द्वारा किए गए उपायों को सूचीबद्ध किया है.

कई देशों ने विभिन्न क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों और नौकरी के नुकसान के बीच मंदी की शुरुआत को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर आर्थिक बचाव पैकेजों की घोषणा की है.

दूसरे देशों द्वारा घोषित उपायों और स्वामी द्वारा सूचीबद्ध उपायों में एयरलाइन उद्योग और अधिकांश नागरिकों को 1000 डॉलर का भुगतान करने और छोटे व्यवसायों के लिए भुगतान करने के लिए अमेरिका के फैसले भी शामिल थे. फ्रांस ने सामाजिक सुरक्षा कर कटौती और बेरोजगारी लाभ, जापान और कनाडा छोटे व्यवसायों के ऋणों की घोषणा की. स्थायी निवासियों के लिए हांगकांग की 1,200 डॉलर की नकद सब्सिडी और और दक्षिण कोरिया का पैकेज जो कि स्वास्थ्य देखभाल लागत और छोटे उद्यमों को सहायता प्रदान करती है.

स्वामी ने शनिवार सुबह भी ट्वीट किया, यह सोचकर कि क्या आर्थिक आपातकाल की घोषणा अपरिहार्य है.

स्वामी जोकि हमेशा वित्तमंत्री बनना चाहते थे पीएम मोदी और सीतारमण द्वारा अर्थव्यवस्था को संभालने को लेकर आलोचक रहे हैं.

इस साल की शुरुआत में स्वामी ने कहा कि मोदी अर्थशास्त्र को नहीं समझते हैं और पीएम को उन्हें वित्त मंत्री बनाना चाहिए.

स्वामी अपने कार्यकाल के दौरान पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के भी आलोचक थे और उन्होंने कई मौकों पर उन पर हमला किया था.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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