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Monday, 23 December, 2024
होमदेशज़िद हो तो 'संजय राउत' जैसी, महाराष्ट्र में आखिर मुख्यमंत्री शिवसेना का ही बना

ज़िद हो तो ‘संजय राउत’ जैसी, महाराष्ट्र में आखिर मुख्यमंत्री शिवसेना का ही बना

महाराष्ट्र में लंबी चली रस्साकसी के बाद शिवसेना सरकार बना रही है. सीएम पद पर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे काबिज होने जा रहे हैं. ऐसे में संजय राउत को इस लड़ाई में जीत का श्रेय दिया जा रहा है.

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नई दिल्ली : महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से ही ‘मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा…’ जब जब राजनीतिक हलचल बढ़ी संजय राउत सिर्फ एक ही बात कहते रहे ‘मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा.’ मुख्यमंत्री पद के लिए अड़े रहना और लगातार भाजपा पर निशाना साधकर ​सुर्खियों में बने रहने वाले राउत की बात आज सच हो रही है.

अपने बयानों से चर्चा में रहे राउत

महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव नतीजे आने के बाद से ही शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत लगातार भाजपा पर निशाना साधते रहे बल्कि बार-बार कहते रहे कि मुख्यमंत्री तो शिवसेना का ही होगा. देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री बनाए जाने की बात हो या फिर तीनों राजनीतिक पार्टी कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के गठबंधन महाराष्ट्र विकास अघाड़ी के नेता बनाए जाने की या कुछ दिन हॉस्प्टिल में भर्ती रहे हों वो हर मोर्चे पर एक शिवसैनिक की तरह काम करते रहे. वह सोशल मीडिया पर भी शेर-ओ-शायरी के जरिए बीजेपी पर कटाक्ष करते रहे और टीवी चैनल पर ‘सीएम शिवसेना का होगा’ बयान देते रहे और ​सुर्खियां बटोरते रहे.


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संपादकीय से करते रहे हमला

24 अक्टूबर को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव परिणाम की घोषणा के बाद से शिवसेना नेता हर दिन मीडिया को संबोधित करते रहे. वह लगातार अपने ट्वीट्स के ज़रिए न केवल शिवसेना की सोच प्रदर्शित करते बल्कि अपने पुरानी सहयोगी भाजपा पर तरकश से तीर निकाल निशाना भी बनाते रहे. संजय राउत शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादक भी हैं. इसकी संपादकीय के जरिए वे लगातार महाराष्ट्र की भाजपा सरकार हो या फिर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार दोनों पर लगातार प्रहार किया.

कौन हैं संजय राउत

महाराष्ट्र की राजनीति में सबसे चर्चित नाम शिवसेना सांसद संजय राउत का है. मुंबई में पढ़ाई करने के बाद उन्होंने मराठी समाचार पत्रों से अपने करिअर की शुरुआत की. मराठी और लेखनी में अच्छी पकड़ होने के चलते उनके लेख और समाचार चर्चा में बने रहते थे. पत्रकारिता के दौरान ही राउत की मुलाकात पहले राज ठाकरे से हुई इसके बाद से उनका ठाकरे परिवार में आना-जाना बढ़ गया. लेकिन बाद में राज ठाकरे के शिवसेना से अलग होने के बाद उद्धव और आदित्य ठाकरे से उनकी नजदीकी बढ़ी और एक सैनिक की तरह वो हमेशा शिवसेना का मोर्चा संभाले रहे..

कई बार राउत बाला साहेब ठाकरे के कार्टून ​वीकली मार्मिक में लेख लिखते थे. बाला साहेब ठाकरे ने बाद में उन्हें सामना का कार्यकारी संपादक बनाया तब से वे सामना के संपादक बने हुए हैं. शिवसेना की कोई भी रणनीति राउत की सहमति के बिना ​नहीं बनती. राष्ट्रीय स्तर पर वे पार्टी का जाना पहचाना चेहरा और पार्टी के प्रमुख प्रवक्ता भी हैं. यही कारण है कि वह हमेशा मीडिया में पार्टी का पक्ष भी रखते हैं. शिवसेना से 2004 में वे राज्यसभा सांसद भी हैं. वे राज्यसभा में पार्टी की ओर से मुखर आवाज बने रहते हैं. बाला साहेब ठाकरे की जिंदगी पर फिल्म ठाकरे की स्क्रिप्ट उन्होंने ही लिखी है.

महाराष्ट्र में लंबी चली रस्साकसी के बाद शिवसेना सरकार बना रही है. सीएम पद पर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे काबिज होने जा रहे हैं. ऐसे में संजय राउत को इस लड़ाई में जीत का श्रेय दिया जा रहा है.

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