नई दिल्ली : पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति बेहद चिंताजनक है. दूसरी तिमाही में जीडीपी गिरकर हुई 4.5 फीसदी, पिछले सात सालों में न्यूनतम स्तर पर है. आर्थिक मंदी पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था की स्थिति बेहद चिंताजनक है, लेकिन मैं तर्क देना चाहूंगा कि कैसे हमारे समाज की स्थिति अभी भी और चिंताजनक है.
Former Prime Minister Dr Manmohan Singh: The state of our economy is deeply worrying but I will argue how the state of our society is even more worrisome. pic.twitter.com/iuW67Ux4yB
— ANI (@ANI) November 29, 2019
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि आज जारी जीडीपी के आंकड़े 4.5 प्रतिशत तक कम हैं. यह स्पष्ट रूप से अस्वीकार्य है. हमारे देश की आकांक्षा 8-9 प्रतिशत की दर से बढ़ना है. सकल घरेलू उत्पाद का 5 प्रतिशत से 4.5 प्रतिशत तक की तीव्र गिरावट चिंताजनक है. आर्थिक नीतियों में बदलाव से अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने में मदद नहीं मिलेगी.
Former PM Dr Manmohan Singh: GDP figures released today are as low as 4.5%.This is clearly unacceptable. Aspiration of our country is to grow at 8-9%. Sharp decline of GDP from 5% in Q1 to 4.5% in Q2 is worrisome. Mere changes in economic policies will not help revive the economy https://t.co/H5wWrFKket
— ANI (@ANI) November 29, 2019
उन्होंने यह भी कहा कि हमें अपनी अर्थव्यवस्था में मौजूदा भय को अपनी अर्थव्यवस्था में 8 प्रतिशत प्रति वर्ष से अधिक बढ़ने के लिए आत्मविश्वास से एक में बदलने की आवश्यकता है. अर्थव्यवस्था की स्थिति अपने समाज की स्थिति का प्रतिबिंब है. विश्वास और विश्वास का हमारा सामाजिक ताना-बाना अब फट गया है और टूट गया है.
Former PM Manmohan Singh: We need to change current climate in our society from one of fear to one of confidence for our economy to start growing at 8%/annum. State of economy is a reflection of state of its society. Our social fabric of trust & confidence is now torn & ruptured. pic.twitter.com/DtZDO7o7Mh
— ANI (@ANI) November 29, 2019
बता दें, आरबीआई ने आज जीडीपी के आंकड़ें जारी कर दिए हैं. आंकड़ें जारी होने से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास से मुलाकात भी की थी.