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Monday, 23 December, 2024
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हरियाणवी खिलाड़ी: सम्मान में राष्ट्रगान आधा नहीं बजाया जाता तो ईनामी राशि आधी क्यों?

हरियाणा सरकार का 24 जून को हरियाणा के पंचकूला में 2015-2019 तक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मेडल लाने वाले खिलाड़ियों के लिए होने वाले सम्मान समारोह को रद्द करने की चौतरफा आलोचना हो रही है.

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नई दिल्ली: हरियाणा सरकार द्वारा 24 जून को हरियाणा के पंचकूला में 2015 से लेकर 2019 तक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मेडल लाने वाले खिलाड़ियों के लिए होने वाले सम्मान समारोह को रद्द करने की चौतरफा आलोचना हो रही है. विपक्षी पार्टियों के साथ-साथ खिलाड़ी भी सरकार के रवैये पर सवाल उठा रहे हैं.

गौरतलब है कि 2015 के बाद से सरकार ने कोई खिलाड़ी सम्मान समारोह नहीं रखा है. हरियाणा राज्य के बारे में अक्सर कहा जाता है कि यहां के खिलाड़ी देश को मिलने वाले आधे से ज्यादा अवॉर्ड्स में जगह बनाने का माद्दा रखते हैं. ऐसे में खिलाड़ियों की ईनामी राशि को चार-पांच साल से लटकाए रखना खट्टर सरकार को सबके निशाने पर ला दिया है.

दरअसल, इस सम्मान समारोह में लगभग तीन हजार खिलाड़ियों को सम्मानित किया जाना था. कल ही हरियाणा खेल मंत्री ने घोषणा भी की है कि लगभग 90 करोड़ रुपए 3000 खिलाड़ियों के खाते में भेजे जा रहे हैं.


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विभाग के अधिकारी जवाबदेही से बच रहे 

इस साल समारोह रद्द करने के पीछे तर्क दिया गया था कि अगर एक खिलाड़ी को सम्मान देने में 5 मिनट भी लगते हैं तो इस हिसाब से तीन हजार खिलाड़ियों को सम्मानित करने में 15000 मिनट लगते. मतलब कि 250 घंटे या 10 दिन. इतने सारे खिलाड़ियों को एक दिन में सम्मानित कर पाना संभव नहीं है.

इस पर सवाल ये उठता है कि इतने सारे खिलाड़ी इकट्ठे कैसे हुए? दरअसल 2015 से ही राज्य में खिलाड़ी सम्मान समारोह रद्द किए जाते रहे हैं. इस सिलसिले में दि प्रिंट ने खेल विभाग से जुड़ी सुनीत शर्मा से संपर्क किया तो उन्होंने कोई कमेंट करने से मना कर दिया. खेल मंत्री अनिल विज तक भी पहुंचने की कोशिश की गई लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया है. विभाग के अन्य अधिकारी इस मामले पर बोलने से कतरा रहे हैं.

क्यों नाराज हैं हरियाणा की शान कहे जाने वाले खिलाड़ी?

2018 में एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल लाने वाले मंजीत चहल ने दि प्रिंट को बताया, ‘सरकार ने कहा था कि स्वर्ण पदक लाने वालों को 3 करोड़ दिए जाएंगे तो रजत पदक लाने वाले को डेढ़ करोड़. कांस्य पदक लाने वाले को 75 लाख की ईनामी राशि दी जाने की बात कही थी. मुझे अपने साथी खिलाड़ियों से पता चला है कि कुछ के खातों में राशि आ गई है लेकिन बहुत सारे खिलाड़यों के खाते में अभी तक राशि नहीं डाली गई है.’

सम्मान समारोह रद्द किए जाने को लेकर वो कहते हैं, ‘ये समारोह 24 को रखा गया था, लेकिन फिर रद्द हो गया. हमें कोई कारण नहीं बताय गया.’

‘पिछले तीन-चार साल से किसी के खाते में ईनामी राशि नहीं भेजी गई थी. अगर ये राशि हर साल खिलाड़ियों को दे दी जाए तो वो अच्छे से ट्रेनिंग करके अगले साल के मेडल की तैयारी कर सकें. साथ ही मनोबल भी बढ़े.’

वहीं, पहलवान फौगाट बहनों में से एक विनेश फौगाट, जो फिलहाल लखनऊ में ट्रेनिंग ले रही हैं, ने दिप्रिंट को बताया, ‘जब हम जीतकर आते हैं तो बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं. नौकरी का आश्वासन दिया जाता है. लेकिन अब तक कितने खिलाड़ियों को नौकरियां मिली? जो जूनियर स्तर के खिलाड़ी हैं उनको न तो ईनामी धनराशि मिली है और न ही कोई सरकारी नौकरी. नई खेल नीति बना दी. उसके हिसाब से हमारी ईनीमी राशि काट ली गई है.’

वो आगे जोड़ती हैं, ‘प्रोग्राम तो पिछले चार-पांच साल से नहीं हो रहा. नेताओं को लगता है कि खिलाड़ी स्टेज पर आकर कुछ बोल जाएगा तो सारी पोल खुल जाएगी. इसलिए कोशिश करते हैं कि ऐसे सम्मान समारोह टाले जा सकें.’

वहीं, ऐशियन गेम्स के चैंपियन हरियाणा के बजरंग पूनिया ने दिप्रिंट को बताया, ‘सरकार ने इनामी राशि में कटौती करके पैसे भेजे हैं. एशियन खेलों में स्वर्ण पदक लाने वाले को 3 करोड़ देने की बात कही गई थी. अभी मेरे खाते में 75 लाख कम भेजे गए हैं. सम्मान देने के नाम पर क्या हमारे लिए राष्ट्रगान आधा गवाया जाता है? नहीं तो फिर हमारी ईनामी राशि आधी-अधूरी कैसे दी जाती है?’

वो कहते हैं, ‘सरकार का ये रवैया खिलाड़ियों का मनोबल कम करता है. इसलिए सम्मान समारोह भी रद्द करवा दिए जाते हैं कि खिलाड़ी सवाल न पूछें. हम किसके लिए खेल रहे हैं? देश के लिए इतनी मेहनत करने पर सम्मान भी पूरा नहीं.’ गौरतलब है कि नई खेल नीति में संसोधन के मुताबिक अगर एक खिलाड़ी एक से अधिक मेडल जीतता है तो उसे सबसे बड़े मेडल की पूरी धनराशि और दूसरे और तीसरे मेडल्स के लिए अवार्ड राशि का 50 फीसदी दिया जाएगा. इसलिए जिन खिलाड़ियों ने कॉमनवेल्थ खेलों और एशियाई खेलों, दोनों में मेडल जीते हैं, उनके खातों में ईनामी राशि नई खेल नीति के हिसाब से दी जा रही है.

महिला हॉकी टीम से बात करने पर भी कुछ ऐसा ही निकल कर सामने आता है. नाम न छापने की शर्त पर एक खिलाड़ी ने बताया, ‘हमारी पूरी टीम ही निराश है. हमें मेडल लाने से पहले तक कहा गया था कि ए ग्रेड नौकरियां दी जाएंगी. लेकिन ऐसा होता नजर नहीं आ रहा. रजत पदक लाने वालों के लिए डेढ़ करोड़ की घोषणा की गई थी. लेकिन अभी हमारे खातों में सिर्फ 75 लाख ही आ पाए हैं. हमारे माता-पिता अनिल विज से कई बार मिलकर आ चुके हैं. हर बार कह दिया जाता है कि काम चल रहा है. आप अपने प्रदेश की बेटियों को खेलों में जाने के लिए इस तरह प्रोत्साहित करेंगे?’


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राजनीतिक गलियारों में सिर्फ बहसबाजी

हरियाणा में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर विपक्षी नेताओं ने खट्टर सरकार पर निशाना साधा है. वरिष्ठ कांग्रेसी नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा और जजपा प्रमुख दुष्यंत चौटाला ने खट्टर सरकार पर खिलाड़ियों का अपमान करने के आरोप लगाए हैं. वहीं, राजनीतिक जानकारी रखने वाले लोग कह रहे हैं कि खट्टर सरकार का पूरा ध्यान ‘अबकी बार 75 पार’ पर लगा हुआ है. साथ ही ये भी कयास लगाए जा रहे हैं कि 21 जून को हुए योगा दिवस पर अनिल विज को न बुलाए जाने पर ये सम्मान समारोह रद्द किया गया.

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