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Friday, 26 September, 2025
होमदेशसोनम वांगचुक हिरासत में, DGP ने कारण बताया—‘कांग्रेस, उत्तेजक भाषण, नेपाल और इस्लामाबाद’

सोनम वांगचुक हिरासत में, DGP ने कारण बताया—‘कांग्रेस, उत्तेजक भाषण, नेपाल और इस्लामाबाद’

वांगचुक को शुक्रवार दोपहर लेह के एक होटल में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करने की उम्मीद थी. बाद में उनके कार्यालय ने कहा कि वे वर्चुअली शामिल होंगे, लेकिन इसके तुरंत बाद ही उन्हें हिरासत में ले लिया गया.

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लेह: केंद्र सरकार ने दो दिन पहले ही उन पर यहां हुई हिंसक हिंसा को उकसाने का आरोप लगाया था, उसी के दो दिन बाद, कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को शुक्रवार को हिरासत में लिया गया. सुरक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने दिप्रिंट को इस बारे में जानकारी दी.

वांगचुक को दोपहर में लेह के एक होटल में लेग एपेक्स बॉडी के सदस्यों द्वारा आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करने की उम्मीद थी. उनके कार्यालय ने पहले दिन में एक बयान जारी किया था कि वे वर्चुअली शामिल होंगे, लेकिन उन्हें प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करने से पहले ही हिरासत में ले लिया गया.

गृह मंत्रालय (एमएचए) ने वांगचुक पर 24 सितंबर की हिंसा का आरोप लगाया है, यह कहते हुए कि उन्होंने “उत्तेजक बयान” देकर भीड़ को भड़काया. वांगचुक, जो 10 सितंबर से लद्दाख के लिए राज्य का दर्ज़ा और छठे शेड्यूल की सुरक्षा की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर थे, उन्होंने हिंसा से दूरी बनाई थी और कहा था कि इससे पांच साल के शांतिपूर्ण आंदोलन को नुकसान पहुंचा है और युवाओं से शांति बनाए रखने का अनुरोध किया.

केंद्र सरकार की लाइन को दोहराते हुए, लेह के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एस.डी. सिंह जमवाल ने शुक्रवार को दिप्रिंट से कहा, “सोनम वांगचुक और कांग्रेस पार्टी के कुछ सदस्यों ने लद्दाख के लोगों को उकसाया.”

“उन्होंने उत्तेजक भाषण दिए. लेह एपेक्स बॉडी (जो केंद्र के साथ बातचीत में है) ने सामान्य विरोध प्रदर्शन आधिकारिक रूप से आयोजित किया था, लेकिन यह हिंसक प्रदर्शन नहीं. सोनम वांगचुक ने पहले लोगों से कोविड के कारण प्रदर्शन करते समय मास्क पहनने को कहा था, लेकिन असल में वे चाहते थे कि लोग पहचाने न जाएं. उन्होंने अपने भाषणों में श्रीलंका और नेपाल में हुई हिंसा का उल्लेख किया. वे इस्लामाबाद भी गए हैं. यह धीरे-धीरे तैयार किया गया था.”

सोनम वांगचुक और अन्य के खिलाफ छह दंगे और आगजनी की घटनाओं के सिलसिले में संबंधित धाराओं के तहत भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत एफआईआर दर्ज की गई. इन घटनाओं को नियंत्रण में लाने तक, लगभग 5 बजे बुधवार तक स्थिति तनावपूर्ण रही.

इस रिपोर्ट के लिखे जाने तक कम से कम 40 लोग, जिनमें पूर्व सैनिक भी शामिल हैं, गिरफ्तार किए गए थे. वांगचुक को एफआईआर में आरोपी के रूप में नामित किया गया.

सितंबर 2025 की शुरुआत में लद्दाख में राज्य के दर्ज़े की मांग और क्षेत्र को संविधान के छठे शेड्यूल की सुरक्षा में लाने के लिए नए विरोध प्रदर्शन हुए. 10 सितंबर को इंजीनियर और कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने इन मांगों को लेकर भूख हड़ताल शुरू की. 23 सितंबर की शाम को, दो वरिष्ठ प्रदर्शनकारी हड़ताल के दौरान गिर पड़े और अस्पताल में भर्ती हुए, जिससे व्यापक प्रदर्शन भड़क उठे.

24 सितंबर को स्थिति हिंसक हो गई जब हज़ारों युवा प्रदर्शनकारियों ने लेह में पुलिस से भिड़ंत की. भीड़ ने स्थानीय बीजेपी कार्यालय, एक काउंसिल भवन और कुछ वाहनों में आग लगाई. पुलिस ने ‘आत्मरक्षा’ में आंसू गैस और राउंड फायर किए. उसी शाम तक कम से कम चार प्रदर्शनकारियों की मौत और 70 से अधिक घायल होने की रिपोर्ट आई.

जिला प्रशासन ने रातभर कर्फ्यू लगाया. वांगचुक ने तुरंत अपनी भूख हड़ताल समाप्त की और शांति का आह्वान किया.

गृह मंत्रालय ने प्रेस नोट में वांगचुक को अशांति का जिम्मेदार बताया और कहा कि उनके ‘उत्तेजक बयान’ भीड़ को भड़का रहे थे.

गुरुवार को गृह मंत्रालय ने उनके एनजीओ, स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL) का एफसीआरए लाइसेंस रद्द कर दिया, “विदेशी योगदान (नियमन) अधिनियम” के “बार-बार उल्लंघन” का हवाला देते हुए.

लेह में अब कर्फ्यू लागू है. गृह मंत्रालय का कहना है कि यह लद्दाखियों के मुद्दों को संवाद के जरिए हल कर रहा है और स्थानीय नेताओं की एक उच्च स्तरीय समिति पहले ही नई छूट हासिल कर चुकी है. मंत्रालय ने लोगों से हिंसा से बचने और वार्ता जारी रखने का आग्रह किया है.

यह एक डेवलपिंग स्टोरी है.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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