नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में तंबाकू, पान मसाला, गुटका और इसी तरह के उत्पादों के निर्माण, भंडारण, वितरण या बिक्री पर रोक लगाने वाली एक सरकारी अधिसूचना को बरकरार रखा.
मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की पीठ ने पिछले साल 27 सितंबर को एकल पीठ के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें सार्वजनिक स्वास्थ्य के हित को ध्यान में रखते हुए धुंआ रहित तंबाकू के निर्माण, भंडारण और बिक्री को रोकने वाली विभिन्न सरकारी अधिसूचनाओं को रद्द किया गया था.
Ban on gutka/tobacco back in Delhi.
Delhi High Court's division bench upholds government notification prohibiting the manufacture, storage, distribution or sale of tobacco, pan masala, gutka and similar products in the national capital. #Gutkaban #TobaccoBan #DelhiHighCourt pic.twitter.com/GzP39Zops1
— Bar & Bench (@barandbench) April 10, 2023
न्यायाधीश ने कहा था कि अधिसूचनाएं मशीनी तरीके से जारी की गईं और अधिकारियों ने उनमें निहित शक्तियों का उल्लंघन किया.
2015 से, दिल्ली सरकार के खाद्य सुरक्षा आयुक्त द्वारा 7 अधिसूचनाएं जारी की गईं.
महाराष्ट्र में पहली बार 2002 में चबाने या धुंआ रहित तंबाकू पर प्रतिबंध लगाया गया था. इसके 10 साल के बाद तक राज्य के खाद्य आयुक्तों ने इसका पालन किया. हालांकि, प्रतिबंधों को सालाना नवीनीकृत किया गया, जिससे सस्ते, घातक तम्बाकू के पाउच दुकानों की अलमारियों से दूर रहे.
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