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Thursday, 2 May, 2024
होमदेशदिल्ली ने 14 मार्च के बाद 443 मृत्यु देखी, जो सरकारी आंकड़े से चार गुना है

दिल्ली ने 14 मार्च के बाद 443 मृत्यु देखी, जो सरकारी आंकड़े से चार गुना है

यह डेटा दिल्ली में कोविड-19 के कारण श्मशान में गए और कब्रिस्तान में दफ़नायें गए लोगों के आधार पर है, जो कि उत्तरी और दक्षिणी दिल्ली नगर निकायों द्वारा अनुमानित है.

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नई दिल्ली: दिल्ली में कोविड-19 की मौत की संख्या सवालों के घेरे में हैं, सरकारी आंकड़ों और अस्पतालों के बीच संख्या में विसंगतियां पायी गयी हैं, सरकार सरकार के संशोधित आंकड़ों के अनुसार गुरुवार 14 मई तक 115 मौतें हुई है.

लेकिन अब, दिप्रिंट द्वारा एक्सेस किए गए डेटा शहर में मौतों की इस संशोधित संख्या के बारे में नए प्रश्न उठाते हैं.

दिल्ली में नामित श्मशान और कब्रिस्तान द्वारा प्रदान किए गए कोविड से संबंधित मौतों के लिए समेकित आंकड़े 443 हैं, जिसमें पुष्टि के साथ-साथ संदिग्ध मामले भी शामिल हैं.

14 मार्च से 14 मई के बीच, निगाम बोध घाट ने 184 कोरोना से संबंधी अंतिम संस्कारों की सूचना दी, जबकि पंजाबी बाग श्मशान ने 135 की सूचना दी हैं वहीं दिल्ली गेट पर दफ़न किये गए लोगों कि संख्या 105 है, जबकि मंगोलपुरी और बुलंद मस्जिद ने क्रमशः 10 और नौ की सूचना दी है.

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प्रमाणित और संदिग्ध मामलों का पता नहीं चलता है क्योंकि श्मशान और कब्रिस्तान एक ही मानक प्रक्रिया के तहत काम करते है, जो कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा निर्धारित किया गया है.

निगम बोध घाट के प्रभारी अवधेश शर्मा ने कहा, ‘टैली दोनों की है, लेकिन पुष्टि किये गए मामले संदिग्ध मामलों से ज्यादा हैं.’

आईसीएमआर दिशानिर्देशों में कहा गया है कि ऐसे मामलों में मौतें होती हैं, जहां परीक्षण के परिणाम की प्रतीक्षा की जाती है लेकिन कोविड -19 के लक्षण मौजूद हैं, उन्हें ‘संदिग्ध मौतों’ के रूप में दर्ज किया जाएगा, जबकि नेगेटिव आने वाले लेकिन लक्षणों को प्रदर्शित करने वालों को ‘क्लिनिकली-महामारी विज्ञान’ की पहचान के रूप में किया जाएगा.

एनडीएमसी और एसडीएमसी अंतिम संस्कार के आंकड़े को अनुमोदित करता है 

उत्तरी और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम, दोनों की स्थायी समितियों के प्रमुखों द्वारा 443 कोरोना से संबंधित अंतिम संस्कार का आंकड़ा अनुमोदित किया गया है.

उत्तरी दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति के अध्यक्ष जय प्रकाश ने बुधवार शाम दिप्रिंट को बताया, ‘यह निराशाजनक है, क्योंकि सरकारी संख्या और अंतिम संस्कार के बीच का अंतर बहुत बड़ा है.’

दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के स्थायी समिति के अध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने कहा, ‘अप्रैल में पंजाबी बाग में 27 कोविड-19 अंतिम संस्कार किए गए थे, जबकि 10 मई तक 70 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी.’

हालांकि, दिल्ली के एक वरिष्ठ स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने कहा कि अंतिम संस्कार के आंकड़ों में कोविड-19 मामलों की पुष्टि और संदेह दोनों शामिल हैं, लेकिन कोई भी इसकी तुलना सरकार के आंकड़ों से नहीं कर सकता है.

दिप्रिंट ने दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन, स्वास्थ्य सचिव पद्मिनी सिंगला और स्वास्थ्य सेवा निदेशक नूतन मुंडेजा से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कॉल और संदेशों की प्रतिक्रिया नहीं मिली. स्वास्थ्य सचिव के कार्यालय ने इस बात को स्वास्थ्य विभाग के निदेशक को बताई, जिनका कार्यालय स्वास्थ्य सेवाओं के बुलेटिन तैयार करता है. लेकिन इस कार्यालय से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली.

अस्पताल पुष्टि के बिना कई शव को निकायों को नहीं भेजते हैं

अस्पतालों को पहले दिल्ली सरकार की मृत्यु लेखा समिति को समय पर मृत्यु की कुल संख्या का विवरण प्रस्तुत नहीं करने के लिए जिम्मेदार ठहराया गया था.

दिल्ली सरकार ने पिछले तीन दिनों में 42 नई मौतें दर्ज की हैं – 13 मंगलवार को, 20 बुधवार को और 9 गुरुवार को -जिससे आधिकारिक संख्या 115 तक पहुंच गयी है. हालांकि, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि वृद्धि दो महीने,से लंबित आंकड़ों को शामिल करने के कारण हुई थी. यह एक दिन के आंकड़े नहीं हैं.

लोकनायक जय प्रकाश अस्पताल से मंगलवार को 13 मौतें हुई थीं, जबकि बुधवार को सबसे अधिक रिपोर्ट राम मनोहर लोहिया अस्पताल की थी.

असमान आंकड़ों के बारे में पूछे जाने पर लेडी हार्डिंग अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ एनएन माथुर ने दिप्रिंट को बताया, ‘यह सच है कि श्मशान में पुष्टि और संदिग्ध मामलों के लिए एक ही मानक संचालन प्रक्रिया शामिल है, हमारा अस्पताल आमतौर पर शव को तब तक शवगृह में रखता है जब तक कि परीक्षण के परिणाम नहीं आ जाते.’

माथुर ने कहा कि परिवार के सदस्य आमतौर पर ऐसे मामलों को जानना पसंद करते हैं, जब शव को अंतिम संस्कार के लिए भेजा जाता है, और इसलिए श्मशान या कब्रिस्तान में ‘संदिग्ध’ मामले लेडी हार्डिंग अस्पताल से नहीं आए हैं, जो अब तक 10 बता चुके हैं मृत्यु, जिनमें से केवल दो बुधवार तक सरकारी रिकॉर्ड में दिखाए गए हैं.

इस बीच, आरएमएल अस्पताल के पीआरओ ने दिप्रिंट को बताया, ’99 प्रतिशत मामलों में, हम कोविड-19 की उपस्थिति की पुष्टि करने की कोशिश करते हैं, क्योंकि हम वैसे भी नोडल अस्पताल हैं. कई मामलों में, हम उन मामलों को संदर्भित करते हैं जहां व्यक्ति गंभीर होता है और हम तक पहुंचने के 10 मिनट के भीतर मर जाता है.

पीआरओ ने कहा, ‘कोमोरबिड कोविड से संबंधित मौतों का कारण भी है, और हमारे पास कई ‘संदिग्ध’ मौतें नहीं हुई हैं, हालांकि विशेष रूप से संदिग्ध मामलों के लिए एक संख्या डालना मुश्किल है.

गुरुवार तक, आरएमएल अस्पताल ने 79 मौतें दर्ज की थीं ( 72 से ज्यादा को गंभीर हालत में रेफर किया गया था), लेकिन बुधवार से सरकारी बुलेटिन में केवल 10 मौतें हुईं हैं. सरकार के बुधवार के बुलेटिन में एलएनजेपी अस्पताल में 26 मौतें हुईं. हालांकि सूत्रों ने दावा किया कि संख्या अधिक थी, चिकित्सा अधीक्षक ने कहा कि उन्हें ब्योरा नहीं देने के लिए कहा गया था और चिकित्सा निदेशक डॉ. सुरेश कुमार ने कॉल का जवाब नहीं दिया.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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