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Friday, 29 March, 2024
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न्यायमूर्ति सीकरी ने नागेश्वर राव से जुड़े मामले की सुनवाई से खुद को अलग किया

सीकरी ने 10 जनवरी को हुई उस समिति की बैठक का हिस्सा होने का जिक्र करते हुए मामले की सुनवाई में अपनी अक्षमता जाहिर की, जिसने वर्मा को पद से हटाया था.

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नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एके सीकरी ने गुरुवार को नागेश्वर राव की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के अंतरिम निदेशक के रूप में नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया. सीकरी सर्वोच्च न्यायालय की उस पीठ की अध्यक्षता कर रहे थे, जिनके समक्ष गुरुवार को इस संबंध में एनजीओ कॉमन कॉज की याचिका सुनवाई के लिए सूचीबद्ध थी. उन्होंने खुद को मामले की सुनवाई से अलग कर लिया, क्योंकि वह सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को हटाने वाली चयन समिति का हिस्सा थे.

न्यायमूर्ति सीकरी ने 10 जनवरी को हुई उस समिति की बैठक का हिस्सा होने का जिक्र करते हुए मामले की सुनवाई में अपनी अक्षमता जाहिर की, जिसने वर्मा को पद से हटाया था.

कॉमन कॉज की तरफ से पेश दुष्यंत दवे ने न्यायमूर्ति सीकरी, न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति एमआर शाह और पीठ के अन्य सदस्यों से कहा, ‘हमें यह एहसास हो रहा है कि अदालत मामले की सुनवाई नहीं करना चाहती.’

दवे ने न्यायमूर्ति सीकरी से कहा, ‘आपके बैठक में शामिल होने का इस मामले से कुछ लेना-देना नहीं है. हमें इस पर कोई आपत्ति नहीं है कि आप मामले की सुनवाई करें.’

जिस तरह से मामले में कार्यवाही आगे बढ़ रही है, उस ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, ‘यह सरकार के अनुकूल है. इससे गलत संकेत मिल रहे हैं. यह निजी मामला बनता जा रहा है.’

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यह कहते हुए कि मामला ‘काफी रोचक और महत्वपूर्ण मुद्दों’ को उठाता है, न्यायामूर्ति सीकरी ने स्पष्ट किया कि न्यायिक आधार पर इस मामले को उनकी अध्यक्षता वाली पीठ के पास भेजे जाने का फैसला प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई का था, उनके पास कोई विकल्प नहीं है.

सीकरी ने कहा कि अगर यह प्रशासनिक आधार पर होता तो वह मामले को सूचीबद्ध करने को लेकर प्रधान न्यायाधीश गोगोई से बात करते. इस पर, दवे ने कहा कि अदालत इस समस्या के बारे में रजिस्ट्री को बता सकता था.

न्यायमूर्ति सीकरी के मामले से खुद को अलग करने और इसकी सुनवाई उन्हें छोड़ किसी अन्य पीठ में करने के आदेश देने के बाद, दवे ने कहा, ‘यह वास्तव में निराशाजनक है’.

गौरतलब है कि सीकरी अालोक वर्मा को हटाने वाली समिति के हिस्सा थे, जिसकी अध्यक्षता नरेंद्र मोदी कर रहे थे. इस समिति ने आलोक वर्मा को दोषी पाया था. जस्टिस सीकरी आलोक वर्मा को हटाने वाले फैसले के पक्ष में थे. तीसरे सदस्य कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे ने फैसले का विरोध किया था.

(समाचार एजेंसी आईएएनएस के इनपुट्स के साथ)

 

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