भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना का शुक्रवार को सीजेआई के रूप में आखिर दिन था. इस मौके पर सुनवाई के लिए एनवी रमना ने अपने कार्यकाल के दौरान जल्दी सुनवाई के लिए मामलों को सूचीबद्ध करवाने पर ध्यान केंद्रित न कर पाने के लिए पीठ में खेद व्यक्त किया और क्षमा मांगी.
शुक्रवार को पद छोड़ने वाले न्यायमूर्ति रमना ने कहा कि समाधान खोजने के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी उपकरण और कृत्रिम बुद्धिमत्ता को तैनात करने की आवश्यकता है.उन्होंने कहा, ‘हालांकि हमने कुछ मॉड्यूल विकसित करने की कोशिश की, संगतता और सुरक्षा मुद्दों के कारण, हम बहुत प्रगति नहीं कर सके.’
उन्होंने कहा, ‘हमें इस तथ्य को स्वीकार करना होगा कि पेंडेंसी हमारे सामने एक बड़ी चुनौती है. मुझे यह स्वीकार करना होगा कि मामलों को सूचीबद्ध करने और पोस्ट करने का मुद्दा उन क्षेत्रों में से एक है जिन पर मैं अधिक ध्यान नहीं दे सका. मुझे इसके लिए खेद है.’
उन्होंने कहा कि जब तक बार अपने पूरे दिल से सहयोग करने को तैयार नहीं होते, तब तक आवश्यक बदलाव लाना मुश्किल होगा.वो कहते हैं, ‘पेशे में प्रवेश करने वाले जूनियर सीनियर्स को अपने रोल मॉडल के रूप में देखते हैं. मैं सभी वरिष्ठों से अनुरोध करता हूं कि उन्हें सही रास्ते पर चलने के लिए मार्गदर्शन करें.’
दिप्रिंट के नेशनल फोटो एडिटर प्रवीण जैन ने चैंबर में जस्टिस रमना के अंतिम दिन और उसके बाद उनके विदाई कार्यक्रम की कुछ तस्वीरें लीं.