नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री और जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव का आज गुरुग्राम में 75 वर्ष की आयु में निधन हो गया. वह पिछले कई महीनों से बीमार चल रहे थे. तबीयत अधिक खराब होने के कारण उन्हें फोर्टिस अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली. उनके निधन की जानकारी उनकी बेटी शुभाषिनी यादव ने सोशल मीडिया पर दी. पिछले कई सालों से शरद यादव राजनीति में सक्रिय नहीं थे. उन्होंने अपना अंतिम चुनाव साल 2019 में मधेपुरा लोकसभा से लड़ा था जिनमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
प्रधानमंत्री सहित कई नेताओं ने जताया दुख
वरिष्ट समाजवादी नेता शरद यादव के निधन पर प्रधानमंत्री मोदी सहित कई नेताओं ने दुख जाहिर किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर लिखा, ‘श्री शरद यादव जी के निधन से बहुत दुख हुआ. अपने लंबे सार्वजनिक जीवन में उन्होंने खुद को सांसद और मंत्री के रूप में प्रतिष्ठित किया. वे डॉ. लोहिया के आदर्शों से काफी प्रभावित थे. मैं हमेशा हमारी बातचीत को संजो कर रखूंगा. उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदनाएं. शांति.’
Pained by the passing away of Shri Sharad Yadav Ji. In his long years in public life, he distinguished himself as MP and Minister. He was greatly inspired by Dr. Lohia’s ideals. I will always cherish our interactions. Condolences to his family and admirers. Om Shanti.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 12, 2023
वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा, ‘शरद यादव जी समाजवाद के पुरोधा होने के साथ एक विनम्र स्वभाव के व्यक्ति थे. मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा है.
उनके शोकाकुल परिजनों को अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं. देश के लिए उनका योगदान सदा याद रखा जाएगा.’
शरद यादव जी समाजवाद के पुरोधा होने के साथ एक विनम्र स्वभाव के व्यक्ति थे। मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा है।
उनके शोकाकुल परिजनों को अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। देश के लिए उनका योगदान सदा याद रखा जाएगा।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 12, 2023
‘काफी विचलित हूं’
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद नेता लालू यादव ने विडियो संदेश के जरिए शरद यादव को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा कि वह उनके निधन का समाचार सुनने के बाद काफी विचलित हैं. साथ ही उन्होंने लिखा, ‘अभी सिंगापुर में रात्रि में के समय शरद भाई के जाने का दुखद समाचार मिला. बहुत बेबस महसूस कर रहा हूँ. आने से पहले मुलाकात हुई थी और कितना कुछ हमने सोचा था समाजवादी व सामाजिक न्याय की धारा के संदर्भ में. शरद भाई…ऐसे अलविदा नही कहना था. भावपूर्ण श्रद्धांजलि!’
अभी सिंगापुर में रात्रि में के समय शरद भाई के जाने का दुखद समाचार मिला। बहुत बेबस महसूस कर रहा हूँ। आने से पहले मुलाक़ात हुई थी और कितना कुछ हमने सोचा था समाजवादी व सामाजिक न्याय की धारा के संदर्भ में।
शरद भाई…ऐसे अलविदा नही कहना था। भावपूर्ण श्रद्धांजलि! pic.twitter.com/t17VHO24Rg
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) January 12, 2023
वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ट्वीट किया, ‘ पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव जी का निधन, दुःखद. शरद यादव जी से मेरा बहुत गहरा संबंध था. मैं उनके निधन की खबर से स्तब्ध एवं मर्माहत हूं. वे एक प्रखर समाजवादी नेता थे. उनके निधन से सामाजिक एवं राजनीतिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें.’
पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव जी का निधन दुःखद। शरद यादव जी से मेरा बहुत गहरा संबंध था। मैं उनके निधन की खबर से स्तब्ध एवं मर्माहत हूं। वे एक प्रखर समाजवादी नेता थे। उनके निधन से सामाजिक एवं राजनीतिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें।
— Nitish Kumar (@NitishKumar) January 12, 2023
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लोहिया की पाठशाला से निकले नेता
इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुके समाजवादी नेता शरद यादव का जन्म 1 जुलाई 1947 को मध्यप्रदेश के होशंगाबाद में हुआ था. इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने छात्र राजनीति में कदम रखा. साल 1971 में वह जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र संघ अध्यक्ष बने थे. राम मनोहर लोहिया के विचारों से प्रभावित शरद यादव पहली बार 1974 में जयप्रकाश नारायण की पार्टी के टिकट पर जबलपुर से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे थे. शरद यादव 27 साल की उम्र में पहली बार लोकसभा के सदस्य बने थे.
तीन राज्यों से जीता चुनाव, कई अहम मंत्रालय की जिम्मेवारी
शरद यादव देश के एकमात्र ऐसे नेता थे जिन्होंने तीन राज्यों से लोकसभा का चुनाव जीता. जबलपुर से अपना पहला लोकसभा चुनाव साल 1974 में जीतने के बाद शरद यादव दोबारा वहीं से 1977 में चुनाव जीता. इसके बाद साल 1989 में वह उत्तर प्रदेश के बदायूं से लोकसभा चुनाव जीते. फिर शरद यादव बिहार पहुंचे और 1991 में बिहार के मधेपुरा लोकसभा से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. इसके बाद उन्होंने 1996, 1999 और 2009 में भी लोकसभा चुनाव जीता. 1986, 2004 और 2014 में वह राज्यसभा के सदस्य भी रह चुके हैं. साल 2014 में उन्होंने अपना अंतिम लोकसभा चुनाव बिहार के मधेपुरा से लड़ा था जहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
अपने लंबे राजनीतिक जीवन में शरद यादव ने केंद्र सरकार में कई मंत्रालयों की जिम्मेदारी भी संभाली. वह कपड़ा मंत्री, श्रम मंत्री, उपभोक्ता मामले व सार्वजनिक खाद्य वितरण मंत्री और नागरिक उड्डयन मंत्री रह चुके थे.
लालू को हराया, फिर हाथ मिलाया
जिस वक्त कहा जाता था कि बिहार में लालू को हराना मुश्किल है उस समय शरद यादव ने लालू को लोकसभा चुनाव में मात दी थी. साल 1999 के लोकसभा चुनाव में शरद यादव ने बिहार के मधेपुरा से लालू प्रसाद यादव को चुनाव में पटकनी दी थी. इसके कारण उन्हें वाजपेयी सरकार में मंत्री भी बनाया गया था. जब शरद यादव की नीतीश कुमार से अनबन हुई तो उन्होंने जदयू छोड़ अपनी पार्टी बनाई जिसका नाम लोकतांत्रिक जनता दल रखा लेकिन बाद में उन्होंने अपनी पार्टी का विलय लालू प्रसाद की पार्टी राजद में कर लिया.
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