नई दिल्ली: लोकसभा में दिल्ली हिंसा पर कार्रवाई को लेकर हंगामे और स्पीकर के साथ गलत आचरण को लेकर गुरुवार को कांग्रेस के सात सांसदों को निलंबित कर दिया गया है. अब ये सांसद बजट सत्र की कार्यवाही में हिस्सा नहीं ले सकेंगे.
पीठासीन सभापति मीनाक्षी लेखी ने कहा कि कांग्रेस सदस्यों द्वारा अध्यक्षीय पीठ से बलपूर्वक कागज छीने जाने और उछालने का ऐसा दुर्भाग्यपूर्ण आचरण संसदीय इतिहास में संभवत: पहली बार हुआ है.
#UPDATE Seven Congress MPs- Gaurav Gogoi, TN Prathapan, Dean Kuriakose, R Unnithan, Manickam Tagore, Benny Behnan and Gurjeet Singh Aujla have been suspended from Lok Sabha for the rest of the budget session on charges of gross misconduct https://t.co/XCAI1qpBuB
— ANI (@ANI) March 5, 2020
पीठासीन सभापति ने मीनाक्षी लेखी ने कहा, ‘जिन माननीय सदस्यों को निलंबित किया गया है वे तुरंत बाहर चले जाएं.’
प्रह्लाद जोशी ने कहा वे अनुशासनहीनता और अहंकार की ऊंचाई पर पहुंच गए. कागज के कुछ टुकड़े (लोकसभा में) सीधे स्पीकर की कुर्सी पर फेंक दिए गए. यह अत्यंत निंदनीय और अनुचित है.
बजट सत्र के लिए निलंबित किए गए सात कांग्रेस सांसदों में गौरव गोगोई, टीएन प्रथापन, डीन कुरियाकोस, आर उन्नीथन, मणिकम टैगोर, बेन्नी बेहनान और गुरजीत सिंह अहूजा शामिल हैं.
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कांग्रेस सदस्यों गौरव गोगोई, टी एन प्रतापन, डीन कुरियाकोस, राजमोहन उन्नीथन, बैनी बहनान, मणिकम टेगोर और गुरजीत सिंह औजला को निलंबित करने संबंधी प्रस्ताव पेश किया जिसे सदन ने ध्वनिमत से पारित कर दिया.
इससे पहले पीठासीन सभापति लेखी ने अपराह्न 3 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर कहा, ‘आज दोपहर सदन में चर्चा के दौरान कुछ सदस्यों ने सभा की कार्यवाही से संबंधित आवश्यक कागज अध्यक्षीय पीठ से बलपूर्वक छीन लिये और उछाले गये. संसदीय इतिहास में ऐसा दुर्भाग्यपूर्ण आचरण संभवत: पहली बार हुआ है जब अध्यक्ष पीठ से कार्यवाही से संबंधित पत्र छीने गये. मैं इस आचरण की घोर निंदा करती हूं.’ उन्होंने संसदीय प्रक्रिया नियमों के नियम 374 के तहत उक्त सदस्यों को नामित किया.
वहीं इससे पहले लगातार हंगामे को लेकर स्पीकर ओम बिरला ने गहरी नाराजगी जताई थी. सांसदों को सदन में प्लेकार्ड लाने से रोका था और बार-बार सदन की कार्यवाही स्थगित की थी.
BJP MP Rajendra Agrawal: When I was in the Chair of Lok Sabha at 1 pm, papers were torn up and thrown at the Chair. It shows the irresponsible behaviour of our parliamentarians and goes against the dignity of the Parliament. https://t.co/HDoKS1TWNA pic.twitter.com/JHcf63iGA6
— ANI (@ANI) March 5, 2020
बीजेपी सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि जब वह लोकसभा में चेयर की कुर्सी पर थे तो कागज फाड़े गए और कुर्सी की तरफ फेंके गए. यह हमारे सांसदों के खिलाफ गैरजिम्मेदाराना व्यवहार को दिखाता है और संसद की गरिमा के खिलाफ जाता है.
कांग्रेस के सात सांसदों को बदले की भावना से कराया गया निलंबित, हम झुकने वाले नहीं हैं: कांग्रेस
Adhir Ranjan Chaudhary, Congress leader in Lok Sabha on 7 Congress MPs suspended for rest of session: Is this a dictatorship? It seems Govt doesn't want #Delhiviolence issue to be discussed in Parliament that is why this suspension. We strongly condemn this pic.twitter.com/55QgfXjd99
— ANI (@ANI) March 5, 2020
सदन में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी सात कांग्रेस सांसदों के निलंबन पर प्रतिक्रिया दी है. चौधरी ने सवाल किया कि क्या यह तानाशाही है? इससे ऐसा लगता है कि सरकार नहीं चाहती कि संसद में दिल्ली हिंसा पर चर्चा हो जिसकी वजह से निलंबन किया गया है. हम इसकी निंदा करते हैं.
कांग्रेस ने अपने सात लोकसभा सदस्यों के मौजूदा संसद सत्र की शेष अवधि से निलंबित किए जाने को बदले की भावना से उठाया गया कदम करार दिया और दावा किया कि ‘यह फैसला लोकसभा अध्यक्ष का नहीं, बल्कि सरकार का है.’ लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने यह भी कहा कि सरकार के इस ‘तानाशाही वाले निर्णय’ से पार्टी के सदस्य झुकने वाले नहीं हैं और वे दिल्ली हिंसा पर तत्काल चर्चा की मांग उठाते रहेंगे.
चौधरी ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘आज जो हुआ है वो संसदीय लोकतंत्र के लिए शर्मिंदगी की दास्तान है. हम दो मार्च से मांग करते आ रहे हैं कि दिल्ली हिंसा पर चर्चा शुरू कराई जाए. हिंसा से देश की छवि धूमिल हो रही है, लोगों की जान जा रही है और मजहबी दरार बढ़ती जा रही है. इसलिए हम देश की खातिर चर्चा चाहते हैं.’
उन्होंने कहा, ‘राहुल गांधी के नेतृत्व में हमने प्रभावित इलाकों का दौरा किया. हमने आज भी कहा कि हम सभी चीजों पर सहयोग करेंगे, लेकिन दिल्ली हिंसा पर चर्चा होना चाहिए.’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘लोकसभा अध्यक्ष ने सुबह बुलाकर हमसे कहा कि सरकार कोरोना वायरस पर बयान देना चाहती है जिस पर हमने सहमति जताई. सरकार ने कोरोना वायरस पर बयान दिया और उसके बाद हमने फिर से दिल्ली हिंसा पर चर्चा की मांग उठाई.’
उन्होंने कहा, ‘सदन में बदले की भावना देखने को मिली. सभापति के जरिए हमारे सात सांसदों को निलंबित कराया गया ताकि हमारी आवाज को रोका जा सके. यह सरकार ने तानाशाहीपूर्ण निर्णय लिया.’
चौधरी ने दावा किया, ‘यह लोकसभा अध्यक्ष का फैसला नहीं है, बल्कि सरकार का फैसला है.’ उन्होंने कहा, ‘हम किसी भी हालात में डरने और झुकने वाले नहीं हैं. हम दिल्ली हिंसा पर चर्चा की मांग उठाते रहेंगे.’
चौधरी ने सवाल किया कि दिल्ली हिंसा पर चर्चा कराने से सरकार क्यों डरती है? निलंबित सदस्यों में शामिल कांग्रेस के सचेतक गौरव गोगोई ने कहा, ‘सरकार चाहे तो हमें एक साल के लिए निलंबित करा दे, लेकिन वह दिल्ली हिंसा पर चर्चा कराए और लोगों के जख्मों पर मरहम लगाए.’
(न्यूज एजेंसी भाषा के इनपुट्स के साथ)