नई दिल्ली: सरकार मंत्रालयों और विभागों को क्लाउड में शामिल करना चाहती है, ऐसे में देशभर में फैले बुरे तत्वों से संवेदनशील डाटा और विनियमत कार्यभार की सुरक्षा सुनिश्चित करना बड़ी चुनौती है. इसलिए डाटा सेंटर या क्लाउड अवश्य देश के भीतर होना चाहिए.
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पिछले महीने एक सम्मेलन में स्पष्ट तौर पर कहा कि सरकार डाटा की स्वायत्तता से समझौता नहीं करेगी. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि संवेदनशील और अतिसंवेदनशील डाटा अवश्य देश की सीमाओं के भीतर रहना चाहिए.
ऐसी बहुत कम क्लाउड कंपनियां हैं जो सरकारी डाटा के लिए अतिरिक्त सुरक्षति क्लाउट की पेशकश करती है. इनमें से एक अमेजन वेब सर्विस (एडब्ल्यूएसव) है, जिसके पास एडब्ल्यूएस गॉवक्लाउड (यूएस-ईस्ट) और (यूस-वेस्ट) क्षेत्र हैं जिनमें सिर्फ अमेरिकी कंपनियों या रूट अकांउट होल्डर्स की ही पहुंच हो पाती है क्योंकि इनमें संवेदनशील डाटा और विनियमित कार्यभार वाले सरकारी ग्राहकों को मिलने वाली क्लाउड की सेवा का प्रबंधन करने के लिए सख्त जांच की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है.
भारत में एडब्ल्यूएस पहला ग्लोबल क्लाउड प्रोवाइडर (जीसीपी) है जिसे सरकारी ग्राहकों को क्लाउड सेवा प्रदान करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा पूरी तरह से सूचीबद्ध किया गया है.
कंपनी ने 2016 में दो जोन की उपलब्धता के साथ एडब्ल्यूएस एशिया पेशिफिक (मुंबई) लांच किया था और इसने अपनी अनुषंगी कंपनी अमेजन इंटरनेंट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (एआईएसपीएल) के माध्यम से क्षेत्र में नए ग्राहकों को जोड़ने में काफी तरक्की की है. एआईएसपीएल देश में एडब्ल्यूएस क्लाउड सेवा की दोबारा बिक्री और विपणन का काम करती है.
एडब्ल्यूएस की वाइस प्रेसीडेंट (वर्ल्डवाइड पब्लिक सेक्टर) टेरेसा कॉर्लसन के अनुसार, पूरी दुनिया में सरकार के लिए सुरक्षित क्लाउड सेवा प्रदान करना शीर्ष प्राथमिकता है.
कार्लसन ने हाल ही में बताया, ‘डॉटा करेंसी की तरह है क्योंकि वहीं सारी सूचनाएं और अवसर हैं जिससे लाखों लोगों की जिंदगी में सही मायने में बदलाव आ सकता है. मुझे काफी खुशी है कि भारत में सरकार क्लाउड को अपनाने की दिशा में तेजी से प्रयास कर रही है.’