नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री सरदार बूटा सिंह का आज सुबह निधन हो गया. बूटा सिंह 86 साल के थे और पिछले काफी समय से बीमारी चल रहे थे. पंजाब के जालंधर के मुस्तफापुर गांव में जन्मे बूटा सिंह 8 बार लोकसभा के सांसद रहें. उनकी पहचान पंजाब के बड़े दलित नेता के तौर पर रही.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बूटा सिंह के निधन पर शोक जताया है.
पीएम मोदी ने बूटा सिंह के निधन पर परिवार के प्रति संवेदना जताते हुए लिखा है, ‘बूटा सिंह जी एक अनुभवी प्रशासक थे साथ ही गरीबों के कल्याण के साथ-साथ दलितों के कल्याण के लिए प्रभावी आवाज थे. उनके निधन से दुखी हूं. उनके परिवार और समर्थकों के प्रति मेरी संवेदना है.
सरदार बूटा सिंह जी के देहांत से देश ने एक सच्चा जनसेवक और निष्ठावान नेता खो दिया है।
उन्होंने अपना पूरा जीवन देश की सेवा और जनता की भलाई के लिए समर्पित कर दिया, जिसके लिए उन्हें सदैव याद रखा जाएगा।
इस मुश्किल समय में उनके परिवारजनों को मेरी संवेदनाएँ।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 2, 2021
वहीं राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘सरदार बूटा सिंह जी के देहांत से देश ने एक सच्चा जनसेवक और निष्ठावान नेता खो दिया है. उन्होंने अपना पूरा जीवन देश की सेवा और जनता की भलाई के लिए समर्पित कर दिया, जिसके लिए उन्हें सदैव याद रखा जाएगा. इस मुश्किल समय में उनके परिवारजनों को मेरी संवेदनाएं.
Shri Buta Singh Ji was an experienced administrator and effective voice for the welfare of the poor as well as downtrodden. Saddened by his passing away. My condolences to his family and supporters.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 2, 2021
राजीव गांधी की सरकार में साल 1986 से 1989 तक केंद्रीय गृह मंत्री रहे. इससे पहले राजीव गांधी की सरकार में ही 1984 से 1986 तक कृषि मंत्री का पदभार संभाला था. इसके अलावा बूटा सिंह 2004 से 2006 तक बिहार के राज्यपाल भी रहे थे. 2007 से 2010 तक मनमोहन सिंह की सरकार के दौरान राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला. इसके अलावा सिंह ने कुछ समय तक खेल मंत्री भी रहे थे.
कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ दलित नेता सरदार बूटा सिंह को दलितों का मसीहा कहा जाता था.