नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ पुलिस ने गुरुवार को बताया कि उसने बस्तर से कम से कम 22 संदिग्ध माओवादियों के शव बरामद किए हैं, जहां एक साथ दो अलग-अलग ऑपरेशन चल रहे थे.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि दक्षिणी बस्तर क्षेत्र के बीजापुर और दंतेवाड़ा जिलों के बीच चल रही मुठभेड़ में 18 संदिग्ध माओवादियों के शव बरामद किए गए.
इसके अलावा, सुरक्षा बलों ने उत्तरी बस्तर क्षेत्र के नारायणपुर और कांकेर जिलों के सीमावर्ती क्षेत्र से कम से कम चार संदिग्ध माओवादियों के शव बरामद किए.
छत्तीसगढ़ पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया, “आज के ऑपरेशन में मारे गए लोगों की पहचान अभी नहीं की गई है. यह तभी शुरू होगा जब गोलीबारी पूरी तरह से बंद हो जाएगी और हमारे जवान बेस पर वापस आ जाएंगे.”
अधिकारियों ने आगे बताया कि बीजापुर में आज सुबह 7 बजे से चल रही गोलीबारी में राज्य पुलिस के विशेष जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) का एक जवान शहीद हो गया.
गंगालूर पुलिस थाने के अंतर्गत जंगल में गुरुवार को की गई कार्रवाई ऐसे समय में की गई है, जब राज्य पुलिस ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के साथ मिलकर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के कार्यकर्ताओं के खिलाफ आक्रामक अभियान चलाया हुआ है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश से माओवाद को खत्म करने के लिए मार्च 2026 तक की समयसीमा तय की है.
छत्तीसगढ़ पुलिस के सूत्रों ने बताया कि माओवादियों की ओर से मारे गए लोगों की संख्या इससे भी अधिक हो सकती है.
बस्तर पुलिस रेंज के अधिकारियों ने बताया कि वरिष्ठ माओवादी कार्यकर्ताओं की मौजूदगी के बारे में खुफिया जानकारी मिलने के बाद डीआरजी और स्पेशल टास्क फोर्स की संयुक्त टीम ने उत्तरी बस्तर क्षेत्र के नारायणपुर और कांकेर के सीमावर्ती इलाकों में जंगल में तलाशी अभियान शुरू किया.
माओवादी कार्यकर्ताओं ने सुबह करीब 3 बजे आईईडी विस्फोट किया, लेकिन सुरक्षा बल इलाके में घुस गए, जहां गोलीबारी में चार संदिग्ध माओवादी मारे गए.
गुरुवार को एक साथ चलाए गए अभियानों के साथ ही इस वर्ष अब तक मारे गए संदिग्ध माओवादी कार्यकर्ताओं की संख्या 100 से अधिक हो गई है. पिछले महीने की शुरुआत में, बीजापुर में सुरक्षा बलों ने इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान के पास के क्षेत्र में 31 संदिग्ध माओवादियों को मार गिराया था, जिसे माओवादी कार्यकर्ताओं के लिए लॉन्चिंग पैड माना जाता था.
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