नई दिल्ली : बिहार के सीएम नीतीश कुमार राज्य में जाति जनगणना को लेकर काफी सक्रिय नजर आ रहे हैं. शनिवार को राज्य इसके दूसरे चरण की शुरुआत हुई जिसमें हिस्सा लेने सीएम नीतीश कुमार भी पटना जिले के बख्तियारपुर स्थित अपने आवास पर पहुंचे.
नीतीश कुमार ने कहा कि जाति आधारित जनगणना अगर पूरे देश में होती तो बहुत ही लाभकारी होती. लोग जल्दी ही इसके फायदे के बारे में जान जाएंगे और हम उनके बीच जागरूकता फैलाएंगे. हमने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि जनगणना का काम बिना किसी त्रुटि के होना चाहिए.
#WATCH | Caste-based census is extremely beneficial if it is done in all states of the country. People will get to know about this very soon and we will raise awareness among them. We have instructed the officials to carry out the census without errors: Bihar CM Nitish Kumar pic.twitter.com/wOd4cM5DZO
— ANI (@ANI) April 15, 2023
सीएम नीतीश ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि, ‘केंद्र जनगणना नहीं कर रहा है. यह उसके ऊपर है कि करे या न करे लेकिन हम राज्य की जनगणना करके बता देंगे के क्या स्थिति है. लेकिन यह एक बार सभी राज्यों में हो जाए तो सचमुच बहुत उपयुक्त चीज होगी. इससे सबको आगे बढ़ाने का मौका मिलेगा. इस जनगणना के हो जाने से किसी को कोई दिक्कत नहीं होगी. बहुत लोगों को भ्रम है, वो बेकार का भ्रम है. इसे होना चाहिए. सारे देश में होना चाहिए.’
नीतीश ने कहा, ‘जनगणना के हो जाने के बाद इसे विधानसभा में रखेंगे. इसके बाद धीरे-धीरे इसके फायदे के बारे में सबको पता चलेगा. हमें सबको आगे बढ़ाना है. अभी तो सभी राज्यों में इस तरह की बात होने लगी है. बिहार में ऐसा हो रहा है तो बाकी सब लोग जानना चाह रहे हैं कि यह कैसे हो रहा है.’
वहीं इससे पहले पटना के एसडीएम कुंदन कुमार ने पटना के बख्तियारपुर स्थित सीएम के आवास पर उनके दौरे की जानकारी दी और बताया कि जाति जनगणना के दूसरे चरण की शुरुआत पूरे राज्य में हो गई है.
उन्होंने कहा कि, ‘जाति जनगणना के दूसरे चरण की शुरुआत पूरे राज्य में शुरू गई है. हमारे पर्यवेक्षक घर-घर जाकर जाति आधारित जनगणना का सर्वे शुरू करेंगे. सीएम नीतीश कुमार जनगणना में हिस्सा लेने के लिए अपने आवास पर आ रहे हैं.’
बता दें जाति जनगणना के दूसरे चरण का कार्य 15 मई तक चलेगा. इसके लिए 5 लाख कर्मियों को काम पर लगाया गया है. दूसरे चरण की जनगणना 15 मई यानि एक महीने तक चलेगी, जिसके बाद इसके आंकड़ों को प्रकाशित किया जाएगा. इसका प्रकाशन ऐप पर किया जाएगा.
गौरतलब है कि बिहार में 214 प्रकार की जातियों की गणना हो रही है जिसके लिए बकायदा कोड बनाया गया है और जो लोग राज्य के बाहर हैं उनके लिए कोड नंबर 215 तय किया गया है.
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