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Friday, 22 November, 2024
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बीजेपी वर्कर को नहीं किया था तुरंत रिहा, सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को भेजा नोटिस

प्रियंका की रिहाई में देरी को लेकर एससी ने पश्चिम बंगाल सरकार की निंदा करते हुए पूछा था कि जब हमने तुरंत रिहा करने के आदेश दिए थे तो फिर देरी का कारण क्या है.

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नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पश्चिम बंगाल सरकार को बीजेपी यूथ विंग के संयोजक प्रियंका शर्मा के भाई की अवमानना ​​याचिका पर नोटिस जारी किया, जिन्हें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर बने एक मीम को सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के लिए गिरफ्तार किया गया था. कोर्ट के आदेश के बावजूद बंगाल सरकार ने प्रियंका की तुरंत रिहाई नहीं की थी.

मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिका पर सुनवाई की जिसमें आरोप लगाया था कि राज्य पुलिस ने शीर्ष अदालत के आदेश के बावजूद शर्मा को तुरंत रिहा नहीं किया. कोर्ट ने इसको लेकर चार हफ्ते में जवाब मांगा है.

याचिकाकर्ता, राजीब शर्मा के अनुसार, प्रियंका को अदालत के आदेश के विपरीत, दो दिनों के बाद रिहा किया गया.
बीजेपी पदाधिकारी को अदालत ने 14 मई को जमानत दे दी थी. शीर्ष अदालत ने शर्मा के वकील के विरोध के बाद उसकी रिहाई में देरी को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार को भी फटकार लगाई थी. उसने कहा था कि वह जुलाई के पहले सप्ताह में राज्य पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेगी.

बता दें कि भाजपा कार्यकर्ता अपने फेसबुक टाइमलाइन पर कथित रूप से एक फोटो साझा करने के लिए गिरफ्तार किया गया था और उसे दो सप्ताह की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था पोस्ट जिसमें ममता बनर्जी का चेहरा न्यूयॉर्क के मेट गाला में अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा जोनास के शरीर पर फोटोशॉप किया गया था.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी नहीं रिहाई में हुई थी देरी

प्रियंका की रिहाई में देरी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार की निंदा करते हुए पूछा था कि जब हमने तुरंत रिहा करने के आदेश दिए थे तो फिर देरी का कारण क्या है. बता दें कि प्रियंका के वकील ने सुबह कोर्ट को बताया था कि कोर्ट के आदेश के बावजूद प्रियंका को रिहा नहीं किया गया है. इस पर सर्वोच्च अदालत ने बंगाल सरकार से सवाल किए तो जवाब दिया मांगा था और कहा था कि कोर्ट इस मामले को संजीदगी से लेगी और पश्चिम बंगाल पुलिस के खिलाफ इस मामले में जुलाई में सुनवाई करेगी.

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