नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक पीआईएल को खारिज कर दिया जिसमें इस बात की मांग की गई थी कि राम नवमी और हनुमान जयंती के दौरान हुए सांप्रदायिक दंगों की जांच पूर्व भारत के मुख्य न्यायाधीश से करवाई जाए.
जस्टिस एल नागेश्वर राव ने याचिका को खारिज करते हुए वकील से कहा कि ऐसी मांग न की जाए जिसे स्वीकृत नहीं किया जा सकता.
एक वकील विशाल तिवारी जिन्होंने भी याचिका दायर की थी, उन्होंने कहा कि परिस्थिति काफी खराब हो चुकी है और केवल एक तरफा जांच की जा रही है. जस्टिस राव ने कहा, ‘आप भारत के पूर्व न्यायाधीश से जांच करनावाना चाह रहे हैं. क्या कोई खाली है? पता करो. यह किस तरह की राहत है. कोर्ट से इस तरह के राहत की मांग न करें जो नहीं दी जा सकती.’
याचिका में हाल ही में राजस्थान, मध्य प्रदेश, दिल्ली और गुजरात में राम नवमी और हनुमान जयंती के दौरान हुई झड़पों को लेकर जांच करने के आदेश दिए गए थे.
पीआईएल में मध्य प्रदेश, गुजरात और उत्तर प्रदेश में तथाकथित मनमाने ढंग से चल रहे ‘बुल्डोज़र न्याय’ पर भी कमेटी बनाकर जांच करवाने की मांग की गई थी.
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