सबरीमाला: केरल के सबरीमाला में 60 से अधिक तीर्थयात्रियों को मंदिर परिसर में लागू किए गए आदेशों का पालन न करने को लेकर गिरफ्तार किया गया है जिससे यहां और पूरे केरल में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है.
कुछ नाराज हिंदू कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर उतरकर नारे लगाए और पूरे राज्य के पुलिस थानों के सामने प्रार्थना सत्र आयोजित किए. केंद्रीय मंत्री केजे अल्फोंस ने इस कार्रवाई के लिए राज्य सरकार की आलोचना की है.
गिरफ्तारी की खबर फैलते ही तिरुवनंतपुरम में प्रदर्शनकारी मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के निवास के पास एकत्र होकर नारे लगाने लगे.
रविवार देर रात से तनाव उस समय और बढ़ गया जब सबरीमाला और उसके आसपास लागू निषेधाज्ञा के बावजूद 200 से अधिक तीर्थयात्रियों ने परिसर खाली नहीं किया और भगवान अयप्पा के भजनों का गायन शुरू कर दिया.
अनुरोध किए जाने के बाद भी उन्होंने गाना जारी रखा. इसके बाद पुलिस को कार्रवाई करने और जबरन उन्हें निकालने के लिए मजबूर होना पड़ा. 68 भक्तों को गिरफ्तार भी किया गया है.
इन लोगों को पत्तनमतिट्टा के मनियार पुलिस शिविर ले जाया गया है और सोमवार को इन्हें अदालत में पेश किया जाएगा.
पुलिस अधीक्षक प्रतीश कुमार ने मीडिया को बताया कि रात 10 बजे मंदिर बंद होने के बाद उन लोगों को मंदिर परिसर खाली करने के लिए कहा गया लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया.
वहीं, संघ परिवार के सदस्यों ने सोमवार को राज्य भर में विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है. विजयन की सुरक्षा को और मजबूत कर दिया गया है.
अल्फोंस ने सोमवार को मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘मैं यह समझ नहीं पा रहा कि केरल पुलिस ने निषेधाज्ञा क्यों लागू की है. यह चीजों को संभालने का तरीका नहीं है. सबरीमाला तीर्थयात्री कट्टरपंथी नहीं हैं. आप यहां बल प्रयोग नहीं कर सकते.’
केरल में भाजपा इकाई का भी विरोध प्रदर्शन
पटनमथिट्टा: भारतीय जनता पार्टी की केरल इकाई ने पार्टी के वरिष्ठ नेता के सुरेंद्रन की गिरफ्तारी और उन्हें न्यायिक हिरासत में लिए जाने के खिलाफ रविवार को प्रदेश के राजमार्गों को अवरुद्ध कर विरोध प्रदर्शन शुरू किया.
सबरीमाला मंदिर जाने की कोशिश के दौरान शनिवार की रात सुरेंद्रन की पुलिस संग झड़प हो गई जिसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया.
चित्तर पुलिस थाने में रात गुजारने के बाद सुरेंद्रन को रविवार सुबह मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया जिसने उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा दिया. भाजपा नेता फिलहाल कोट्टारक्कारा की जेल में बंद हैं.
न्यायिक हिरासत में भेजे जाने से पहले सुरेंद्रन ने मीडिया से कहा, ‘पुलिस ने मुझे गैर-जमानती धाराओं में गिरफ्तार किया है. मैं कोई अपराधी नहीं हूं और न ही मेरे खिलाफ कोई मामला है. उन्होंने मुझे सोने नहीं दिया और न ही मुझे पानी पीने और दवाई खाने की अनुमति दी.’
उन्होंने कहा, ‘पुलिस ने मेरी इरुमुदी केट्टू का भी अपमान किया (एक पवित्र पोटली होती है जिसे सबरीमाला जाने वाले श्रद्धालुओं को अपने साथ अनिवार्य रूप से ले जाना होता है).’
सुरेंद्रन ने इस बर्ताव को जंगल राज बताते हुए मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की भी आलोचना की. भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने रविवार सुबह 10 बजे से राज्य भर के यातायात को बाधित कर दिया है.
शुक्रवार से प्रभावी हुए पुलिस के नए नियमों के अनुसार, शाम सात बजे के बाद किसी भी श्रद्धालु को मंदिर की ओर जाने की अनुमति नहीं है. मंदिर को शुक्रवार को शाम पांच बजे दो महीनों के लिए खोला गया था.
28 सितंबर को सर्वोच्च अदालत के फैसले के बाद से यह इलाका हिंदूवादी संगठनों के विरोध का सामना कर रहा है. अदालत ने अपने फैसले में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश करने की अनुमति दी थी जबकि पहले 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश करने की इजाजत नहीं थी.
सर्वोच्च न्यायालय ने पिछले सप्ताह अपने पूर्व आदेश पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था.