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Sunday, 3 November, 2024
होमडिफेंस2021 के अंत तक एस-400 देगा रूस, लेकिन एलएसी तनाव के बीच मिसाइलों और बमों की आपूर्ति करेगा

2021 के अंत तक एस-400 देगा रूस, लेकिन एलएसी तनाव के बीच मिसाइलों और बमों की आपूर्ति करेगा

यह 400 किमी तक की सीमा के भीतर आने वाले प्रतिरोधी विमान, मिसाइल और यहां तक ​​कि ड्रोन को नष्ट करने में सक्षम है. इसकी ट्रैकिंग क्षमता लगभग 600 किमी. है.

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नई दिल्ली: भारत का एस-400 ट्रायम्फ वायु रक्षा प्रणाली वर्तमान में रूस में बनाया जा रहा है और 2021 के अंत तक देश में आने से पहले परीक्षण की एक श्रृंखला से गुजरेगा.

सूत्रों ने कहा कि लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ तनाव के बीच रूस भारतीय वायु सेना और सेना के लिए आपातकालीन खरीद के हिस्से के रूप में कुछ प्रकार की मिसाइलों और बमों की आपूर्ति करेगा.

सूत्रों ने यह भी कहा कि हाल ही में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की रूस की यात्रा के दौरान उन सभी रक्षा अनुबंधों की समीक्षा की गई, उनकी भी जो अभी होने वाले है.

राजनयिक सूत्रों ने कहा कि भारत ने कुछ वस्तुओं की आपातकालीन डिलीवरी मांगी है.

उन्होंने कहा कि भारत इस बात से अवगत है कि अनुबंध के अनुसार एस -400 प्रणाली का वितरण 5.2 बिलियन डॉलर के सौदे की पहली किश्त के भुगतान से 24 महीने के भीतर शुरू होगा.

सूत्रों ने कहा कि भले ही सिस्टम के लिए अनुबंध, जो कि भारत की वायु रक्षा प्रणाली के अंतर्गत है और यह भारतीय वायु सेना के रक्षा ग्रिड का मुख्य स्तंभ होगा. इस पर अक्टूबर 2018 में हस्ताक्षर किए गए थे, भुगतान में समय लगा क्योंकि दोनों देशों को अमेरिका द्वारा रूस के खिलाफ प्रतिबंध के बीच रास्ता निकालना था.

शुरुआत में यह उम्मीद की जा रही थी कि पांच एस-400 सिस्टम 2020 के अंत तक आना शुरू हो जाएगा. इसके बाद, बाकी चार प्रणालियों की आपूर्ति चार वर्षों की अवधि में की जाएगी.

एक सूत्र ने कहा, ‘उत्पादन प्रक्रिया में बहुत सारे कंप्यूटिंग और कोडिंग शामिल हैं, जो किसी विशेष ग्राहक की आवश्यकताओं के लिए बहुत विशिष्ट है. कई परीक्षण किए जाते हैं, प्रशिक्षण भी दिया जाता है. इसलिए उत्पादन को तुरंत या जल्दी नहीं किया जा सकता है.

सूत्र ने कहा कि यह इन-यूज मिसाइलों की तरह नहीं है, जिन्हें रूसी सेनाओं से भारत या किसी अन्य ग्राहक के पास भेजा जा सकता है.

एस -400 की क्षमताएं

एस -400 निर्यात के लिए रूसी शस्त्रागार में सबसे आधुनिक वायु रक्षा प्रणाली है.

यह 400 किमी तक की सीमा के भीतर आने वाले प्रतिरोधी विमान, मिसाइल और यहां तक ​​कि ड्रोन को नष्ट करने में सक्षम है. इसकी ट्रैकिंग क्षमता लगभग 600 किमी. है.

इस प्रणाली को लगभग 400 किमी की दूरी पर स्टील्थ तकनीकों से लैस लोगों सहित उड़ान लक्ष्यों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. यह बैलिस्टिक मिसाइलों और हाइपरसोनिक लक्ष्यों को निकालने में भी सक्षम है.

अपने पूर्ववर्ती एस-300 की तुलना में एस-400 में फायरिंग दर 2.5 गुना तेज है.

जैसा कि दिप्रिंट द्वारा पहले बताया गया है, प्रत्येक एस-400 बैटरी में लंबी दूरी के रडार एक कमांड पोस्ट वाहन, लक्ष्य अधिग्रहण रडार और लांचर की दो बटालियन शामिल हैं (प्रत्येक बटालियन में आठ हैं). प्रत्येक लांचर में चार ट्यूब होते हैं.

एस-400 को 400 किमी, 250 किमी, 120 किमी और 40 किमी की रेंज के साथ चार अलग-अलग प्रकार की मिसाइलों से लैस किया जा सकता है.

लंबी दूरी की रडार एक दर्जन लक्ष्यों को साधने में सक्षम होने के साथ-साथ 100 से अधिक उड़ने वाली वस्तुओं को ट्रैक कर सकती है.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें )

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10 टिप्पणी

  1. Russia bahot der kar raha hai s400 ko dene me wo bhi jan bujke asal me india ne ise kharid hi nahi chahiye tha lekin chutya sarkar ne ye deal kar di aur rahi bat bam aur missile ki to wo to use dena hi hai nahi diye to dusre desh dene vale hai paise diye bad to 2021 kuch kam ka nahi

    • अरे भाई भारत रशिया और usa को दोनो के साथ chal राहाहे इसी डील के वाजसे वो चूप हें और चीन कां सपोर्ट भी नही कर रहा हें

  2. भारत सरकार को चाहिए कि इन तकनिको का विकाश भारत में हो ताकि भविष्य मे अपात काल कि स्थिति मे विकसित देशों से हाथ फैलाना न पडे jai hind

  3. रूस चीन के दबाव में आगया है और जान बूझ कर देर कर रहा है हमे अन्य विकल्प भी तैयार रखना है

  4. कम समझ वाले बोलते हैँ पर यह नहीं जानते की अगर डील ही नहीं करते तो क्या करते पूर्वी सरकार जैसे सिर्फ घोटाला करते और ज़मीन देदेते ! सिर्फ़े ये कहके की वहां तोह कुछ होता ही नहीं !

  5. Yaar is aadmi koi desh duniya ke bare me btao vaise to ye smghne we rha fir bhi koi isse smghao ye kya bolta hai aise post without complete information is not done ..humble request think before you say or write such post it’s good to be against govt but atlst have some valid point ..

  6. Shree maan ji,
    Hum bahut aasaani se bharat sarkar ko kuch bhi bol dete hai apni aasaani ke anusaar. Yeh baat aap ko samajh aani chahiyee ki yeh govt. Decide nahi karti hai ki s-400 lena hai ya nahi. Yeh humaari army, airforce decide karti hai apni requirement ke base par.
    1. S 400 one of the advance technology la air defense system hai
    2. USA ka THAD system hai jiske liye USA ne india ko pressurise kiya tha purchase karne ke liye but THAD system S400 se 19 hai quality me.
    3. China ke pass pehle se hi S400 hai to india ko china ke saath balance bhi karna hai.
    4. You pl. Do not worry about it because india has purchased short range Air Defense system from Israel its range upto around 100 km and it has been placed on laddakh border & it is also very much effective.

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